कुम्भ मेला: श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने नागा साधु से दान में मांग ली चिलम
कुम्भनगर (प्रयागराज)। योग की बारीकियां सिखाने से इतर योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कुम्भ मेला क्षेत्र में एक और अनूठी पहल की। संतों से मिलने के क्रम में वह तुलसी मार्ग के करीब एक नागा साधु के शिविर में पहुंचे। वहां उन्होंने चिलम पीने से होने वाले नुकसानों की चर्चा के साथ ही साधु को चिलम न पीने की सलाह दी। उनसे चिलम छोड़ने की अपील करते हुए झोली फैलाकर उसे मांग लिया। इससे पहले उन्होंने नागा साधु को स्वदेशी वस्तुओं अपनाने का व्रत भी दिलाया। श्रद्धेय स्वामी जी…
कुम्भनगर (प्रयागराज)। योग की बारीकियां सिखाने से इतर योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कुम्भ मेला क्षेत्र में एक और अनूठी पहल की। संतों से मिलने के क्रम में वह तुलसी मार्ग के करीब एक नागा साधु के शिविर में पहुंचे। वहां उन्होंने चिलम पीने से होने वाले नुकसानों की चर्चा के साथ ही साधु को चिलम न पीने की सलाह दी। उनसे चिलम छोड़ने की अपील करते हुए झोली फैलाकर उसे मांग लिया। इससे पहले उन्होंने नागा साधु को स्वदेशी वस्तुओं अपनाने का व्रत भी दिलाया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के आग्रह को सहर्ष स्वीकार करते हुए नागा साधु ने चिलम उनकी झोली में डाल दी और इस सलाह के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। इसी क्रम में वह जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज से मिलने उनके शिविर पहुंचे। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष महंत गिरि जी महाराज से भी मुलाकात की। इस दौरान वह निरंजनी अखाड़े की ओर से आयोजित नागा संन्यासियों की संस्कार दीक्षा में भी शामिल हुए। संगम किनारे ही श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने योगाभ्यास करते हुए महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज सहित संतों को योग सिखाया। इससे पहले श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने गुरु काष्र्णि शिविर में योग शिविर में जुटे साधकों को योग एवं प्राणायाम की बारीकियाँ सिखाईं। साथ ही उन्होंने स्वदेशी अपनाओं का नारा भी दिया। -साभारः अमर उजाला’