सम्मेलन: योग के गुर सिखायें शिखर सम्मेलन में

सम्मेलन: योग के गुर सिखायें शिखर सम्मेलन में

* मैं कभी कोई सम्मान नहीं लूंगा लेकिन जिन संन्यासियों ने देश को बनाने में योगदान दिया उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं मिला। ’लोग दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करें, दो से ज्यादा बच्चे वालों को चुनाव लड़ने पर रोक लगे। दो से ज्यादा बच्चे हों तो सरकारी सुविधाएं न मिलें।ज्यादा बच्चे पैदा करना कोई बहादुरी का काम नहीं है।’ *आंतरिक कालाधन पर काम हुआ है लेकिन विदेशों में जो कालाधन है उसके लिए जो प्रयास होने चाहिए वो नहीं हुए। कालाधन की वजह से आतंकवाद फैलता है। ’राम…

* मैं कभी कोई सम्मान नहीं लूंगा लेकिन जिन संन्यासियों ने देश को बनाने में योगदान दिया उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं मिला। ’लोग दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करें, दो से ज्यादा बच्चे वालों को चुनाव लड़ने पर रोक लगे। दो से ज्यादा बच्चे हों तो सरकारी सुविधाएं न मिलें।ज्यादा बच्चे पैदा करना कोई बहादुरी का काम नहीं है।’

*आंतरिक कालाधन पर काम हुआ है लेकिन विदेशों में जो कालाधन है उसके लिए जो प्रयास होने चाहिए वो नहीं हुए। कालाधन की वजह से आतंकवाद फैलता है। ’राम वोटबैंक नहीं हैं, वो राष्ट्र के पुर्वज हैं। राम मंदिर के साथ साथ राम और सीता जैसा चरित्र भी बनना चाहिए। रामलला टेंट में है ये हमारा दुर्भाग्य है, ये हमें शर्मसार करने वाला है। ये राम का अपमान है। बीजेपी को राम मंदिर पर अपना वादा निभाना चाहिए।’

*मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे, 400 साल पहले दुनिया में इस्लाम था ही नहीं। हम मजहब बदल सकते हैं, पुर्वज नहीं। ओवैसी अपनी राजनीति चमका रहे हैं, मैंने ये बात देवबंद में कही तो मौलानाओं ने ताली बजाई थी। ’जब अस्तित्व का संकट आ जाए तब युद्ध के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। अगर सरदार पटेल को प्रधानमंत्री बनाया होता तो ये कश्मीर की समस्या ही नहीं होती।’

*मोदी को पराक्रम दिखाना होगा, एक्शन होना चाहिए इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 10-20 दिन में बड़ा एक्शन होने वाला है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री इमरान खान सेना की कठपुतली है। पाकिस्तान के साथ-साथ अब चीन को भी सबक सिखाने की जरूरत है, इसके लिए चीन बने उत्पादों का बहिष्कार करना होगा। सत्ता में बैठे लोग तब तक बड़ा कदम नहीं उठाते जब तक इनके सामने मजबूरी नहीं होती। ’भारत ऐसा देश बने जहाँ पाकिस्तान आंख उठाकर भी ना देख पाए। हाफिज सईद और अजहर मसूद को 72 हूरों वाली जन्नत में पहुँचा देना चाहिए। युद्ध के अलावा कोई रास्ता नहीं, जवाब नहीं दिया तो भारत लाचार दिखेगा। बिना क्रांति के शांति नहीं आती है।’
-परम पूज्य स्वामी रामदेव जी

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