आज विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देखता है

आज विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देखता है

बातचीत : बोले श्रद्धेय स्वामी जी महाराज, 2019 का चुनाव तय करेगा अगले “50 साल” का आधार पटना, बिहार। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दुनियाभर में राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। आज दुनिया भारत को सम्मान की दृष्टि से देखती है। 2019 का चुनाव अगले 50 साल का आधार तय करेगा। यह चुनाव परिवार एवं जाति से ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए लड़ा जा रहा है। जो लोग राष्ट्र को मजबूत करना चाहते हैं, उन्हें भाजपा एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को वोट करना चाहिए। अगर बनारस…

बातचीत : बोले श्रद्धेय स्वामी जी महाराज, 2019 का चुनाव तय करेगा अगले “50 साल” का आधार

पटना, बिहार। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दुनियाभर में राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। आज दुनिया भारत को सम्मान की दृष्टि से देखती है। 2019 का चुनाव अगले 50 साल का आधार तय करेगा। यह चुनाव परिवार एवं जाति से ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए लड़ा जा रहा है। जो लोग राष्ट्र को मजबूत करना चाहते हैं, उन्हें भाजपा एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को वोट करना चाहिए। अगर बनारस से मोदी के खिलाफ प्रियंका गांधी चुनाव लड़ती तो काफी रोचक मुकाबला होता। उनके नहीं लड़ने से निराशा हुई है। उपरोक्त बातें श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने पतंजलि कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं। उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बन सके हैं, जब आप पटना से भाई रविशंकर प्रसाद जी को विजय बनाएंगे। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज कि देश बदलाव की कगार पर है। इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है। राजसत्ता सभी सत्ताओं पर हावी हो रही है। राजसत्ता में सभी भी भागीदारी जरूरी है।

जातिवाद देश की सचाईः  श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि जातिवाद देश की सच्चाई है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। लोग जाति के आधार पर वोट देते हैं। लेकिन, अब समय आ गया है, कि लोग इससे ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए वोट दें। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि मैं गाँव में पेड़ के नीचे पढ़ा हूँ। गरीबी देखी है, इसलिए सरकार से मेरी मांग है कि शिक्षा एवं चिकित्सा सभी के लिए एक समान होनी चाहिए। कोई महलों में पढ़े एवं कोई झोपड़ी में यह भेदभाव राष्ट्र के लिए ठीक नहीं है।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
आयुर्वेद अमृत
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
उपलब्धियाँ : भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान: प.पूज्य आचार्य श्री
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना