दिव्य सपने देखकर समय बर्बाद न करें

दिव्य सपने देखकर समय बर्बाद न करें

दिव्य सपने देखकर समय बर्बाद न करें हरिद्वार। अस्पताल से रिलीव होने के तीन रोज बाद पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने शुभचिंतकों की भावनाओं, संवदनाओं ओर प्रार्थना के लिए धन्यवाद दिया। इस वीडियों में वह इशारों ही इशारों में अपने-विरोधियों पर निशाना भी साधते दिख रहे हैं। बोले, दिव्य सपने देखने वाले समय बर्बाद न करें तो अच्छा है। बीते दिवस को पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य श्री की तबीयत एक भक्त द्वारा कुछ खिलायें जाने पर बिगड़ गई थी।…

दिव्य सपने देखकर समय बर्बाद न करें

हरिद्वार। अस्पताल से रिलीव होने के तीन रोज बाद पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने शुभचिंतकों की भावनाओं, संवदनाओं ओर प्रार्थना के लिए धन्यवाद दिया। इस वीडियों में वह इशारों ही इशारों में अपने-विरोधियों पर निशाना भी साधते दिख रहे हैं। बोले, दिव्य सपने देखने वाले समय बर्बाद न करें तो अच्छा है।
बीते दिवस को पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य श्री की तबीयत एक भक्त द्वारा कुछ खिलायें जाने पर बिगड़ गई थी। उस दिन प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें 24 घंटे ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में गहन चिकित्सा दी गई। डाॅक्टरों ने तबीयत बिगड़ने का कारण विषाक्त खाने का सेवन बताया था। घटनावाले दिन बताया गया कि जन्माष्टमी पर एक भक्त मिठाई लेकर उनके पास आया था, उसे खाने के बाद ही पूज्य आचार्य श्री की तबीयत बिगड़ी।

इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें पूज्य आचार्य श्री श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की मौजूदगी में पतंजलि परिवार से जुड़े स्वयंसेवियों को संबोधित करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियों में पूज्य आचार्य श्री अपने शुभचिंतकों की भावनाओं संवेदनाओं और प्रार्थना के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही इशारों ही इशारों में अपने विरोधियों पर निशाना भी साधा। कहा कि, कुछ लोग दिव्य स्वप्न भी देख रहे थे, लेकिन वह समय बर्बाद न करें तो अच्छा है। बाकी उनकी मर्जी है।

सर्वप्रथम तो आप सबकी भावनाओं के लिए, संवेदनाओं के लिए, प्रार्थनाओं के लिए हृदय की गहराइयों से कृतज्ञता का भाव है। धन्यवाद शब्द बहुत छोटा होता है। सभी पूज्य बहन-भाइयों ने, माताओं ने जिन गहराइयों से, भावनाओं से जितना भी आपने किया वह आचार्य बालकृष्ण के लिए नहीं, मुझे लगता है भारतीय संस्कृति, परम्परा और योग, आयुर्वेद के लिए आपने किया है। आप चिंता मत करो श्रद्धेय स्वामी जी के मिशन के लिए भगवान ने ऊर्जा के रूप में भेजा है तो अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है। यदि हमारे मन में अपनी संस्कृति के प्रति, अपनी परंपराओं के प्रति, अपने पूर्वजों के प्रति गौरव का भाव नहीं है तो ध्यान रखना कि दुनिया में दूसरा कोई भी आपके पूर्वजों को और हमारी परंपराओं को गौरव देने वाला नहीं है।

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