देश निर्माण में सत्यमित्रानन्द जी का योगदान भुला नहीं सकते

देश निर्माण में सत्यमित्रानन्द जी का योगदान भुला नहीं सकते

देश निर्माण में सत्यमित्रानन्द जी का योगदान भुला नहीं सकते   कहा-भारतीय सभ्यता, संस्कृति को नष्ट करने की थी साजिश। हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्य नगर होने का किया दावा। हरिद्वार। योगर्षि श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि वरिष्ठ संत महामंडलेश्वर निर्वतमान शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज स्वयं में एक संस्था थे। पूज्य संत जी महाराज उच्च कोटि के संत थे। उनके देश निर्माण के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने भारतीय धर्म संस्कृति का प्रचार-प्रसार देश-विदेश में किया था। माननीय मुख्यमंत्री श्री…

देश निर्माण में सत्यमित्रानन्द जी का योगदान भुला नहीं सकते

 

  • कहा-भारतीय सभ्यता, संस्कृति को नष्ट करने की थी साजिश।

  • हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्य नगर होने का किया दावा।

हरिद्वार। योगर्षि श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि वरिष्ठ संत महामंडलेश्वर निर्वतमान शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज स्वयं में एक संस्था थे। पूज्य संत जी महाराज उच्च कोटि के संत थे। उनके देश निर्माण के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने भारतीय धर्म संस्कृति का प्रचार-प्रसार देश-विदेश में किया था। माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी (मुख्यमंत्री, उत्तराखंड) एवं पू. संतगणों द्वारा ब्रह्मलीन पू.स्वामी महाराज जी के समाधि मंदिर का शिलांयास किया और सत्यमित्रानंद सद्गुरु स्मृति सभागार का लोकार्पण किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महामंडलेश्वर पूज्य गोविंददेव गिरी जी महाराज ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज ने भारत की आध्यात्मिक चेतना को पुनः जीवित करने का कार्य किया। उनके अध्यात्म के क्षेत्र में योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। समारोह में महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद जी महाराज विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल जी, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी डाॅ. कृष्ण गोपाल जी, महंत ललिता नन्द गिरी जी, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी जी आदि ने अपने विचार रखे।

            योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि देश में जिन शहर, गाँव और अन्य स्थानों में नाम मुगलों ओर अंग्रेजों ने साजिश के द्वारा बदले थे उनके नाम वहीं रखे जाने चाहिए जो पहले से थे। यह नाम केवल मुगलों और अंग्रेजों की भारतीय सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने की साजिश थी। यह बातें श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज ने ब्रह्मलीन सत्यमित्रानन्द गिरी जी महाराज की समाधि मंदिर का शिलान्यास के समारोह के बाद मीडिया से बातचीत में कहीं।

           उन्होंने कहा कि हमसे कुछ ऐतिहासिक भूलें हुई हैं। जिन्हें सुधारना बहुत जरूरी है। हरिद्वार में योगग्राम के पास एक औरंगाबाद गाँव है। जिस तरह से अयोध्या का नाम फैजाबाद या फिर महाराष्ट्र में शंभाजी नगर का नाम औरंगाबाद किया था। ये सब साजिश का हिस्सा थे। जबकि अयोध्या से फैज का कोई नाता नहीं था और ना ही औरंगाबाद से औरंगजेब का कोई लेना देना था। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि हैदराबाद से भी हैदर का कभी कोई लेना देना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्य नगर ही है और उसका नाम भाग्य नगर ही होना चाहिए। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि कोरोना की रफ्तार फिर से तेजी बढ़ रही है। इसका कारण त्योहारों के मौसम में लोगों की लापरवाही भी रही। लोग ना तो मास्क लगा रहे हैं और न ही सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने एक बार फिर से दावा किया कि उनकी कोरोनिल दवा कोरोना के उपचार में बेहद कारगर है। पतंजलि ने कोरोनिल को लेकर डबल्यूएचओ के मानकों को पूरा किया है। आज हम 150 देशों में कोरोनिल दवा को भेज रहे हैं।     -साभार: हिन्दुस्तान

 

 

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