योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने वाला हरियाणा पहल राज्य

योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने वाला हरियाणा पहल राज्य

योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने वाला हरियाणा पहल राज्य   बाल संस्कार में योग : इसका पाठ्यक्रम शारीरिक शिक्षा की तर्ज पर थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल और प्रोक्टिकल के रूप में शामिल होगा….   सभी सरकारी स्कूलों में 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में एक अलग विषय के रूप में होगा शामिल चण्डीगढ़। हरियाणा में आगामी नये शैक्षणिक सत्र-2021 में स्कूल पाठ्यक्रम में योग को शामिल किया जाएगा। योग को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। यह फैसला मुख्यमंत्री…

योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने वाला हरियाणा पहल राज्य

 

बाल संस्कार में योग : इसका पाठ्यक्रम शारीरिक शिक्षा की तर्ज पर थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल और प्रोक्टिकल के रूप में शामिल होगा….

 

सभी सरकारी स्कूलों में 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में एक अलग विषय के रूप में होगा शामिल

चण्डीगढ़। हरियाणा में आगामी नये शैक्षणिक सत्र-2021 में स्कूल पाठ्यक्रम में योग को शामिल किया जाएगा। योग को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। यह फैसला मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर जी की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा योग परिषद् की बैठक में लिया गया। बैठक में योग और आयुर्वेद के हरियाणा ब्राण्ड एंबेसडर योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने भी हिस्सा लिया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी ने स्वास्थ्य और गृह मंत्री श्री अनिल विज जी और श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के साथ स्मारिका और हरियाणा योग परिषद् की एक पुस्तिका का विमोचन किया। हरियाणा मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य योग को जमीनी स्तर पर ले जाना और लोगों को योग को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने विकास एवं पंचायत विभाग को राज्य में 1000 अतिरिक्त योगशालाओं की स्थापना के लिए एक सप्ताह के भीतर एक प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए। प्रदेश भर में 250 नई योग एवं व्यायामशालाओं का निर्माण किया जा चुका है और ये उद्घाटन के लिए तैयार है। बैठक में फैसला लिया गया है हरियाणा योग परिषद् के तत्वावधान में हर महीने के पहले रविवार को ‘योग प्रशिक्षण दिवस’ का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत जिला, ब्लाॅक और तहसील स्तर पर योग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। बैठक में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का नाम बदलकर ‘योग और आयुष केंद्र’ करने का भी लिया गया। -साभार: जनमार्ग न्यूज’

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना