हरिद्वार (उत्तराखण्ड)। भारतीय शिक्षा समिति की ओर से सरस्वती विद्या मंदिर, मायापुर में व्याख्यान एवं प्लैनेट स्कूल स्टूडियो का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि नवाचार मनुष्य का स्वभाव है। शिक्षा में अध्यात्म से ही ज्ञान संभव है।
उन्होंने कहा हिक पतंजलि 20 हजार पौधों की गुणवत्ता को संस्कृत श्लोकों में लिपिबद्ध कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सरकार्यवाहक श्री सुरेश सोनी जी ने कहा कि अध्यात्म न केवल वेद, पुराण, शास्त्र है बल्कि जीवन जीने की शैली भी है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी से शैक्षिक ज्ञान तो मिल सकता है, लेकिन व्यावहारिक ज्ञान नहीं मिलता हैं अध्यातम ज्ञान ही संस्कार मूलभूत प्राकृतिक परिवर्त लाता हैं, राष्ट्रीय संयोजक सुनीत जी ने पृथवीकुल काॅन्क्लेव की जानकारी दी। इस दौरान भारती शिक्षा समिति के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार, विद्या भारती के प्रांत निरीक्षक डाॅ. विजयपाल, भारतीय शिक्षा समिति के प्रांत मंत्री डाॅ. राजनीकांत शुक्ला, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रबंधक जयपाल जी, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र जी, प्रो. महावीर अग्रवाल, संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु जी समेत कई लोग मौजूद रहे।