श्रधांजलि : विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे स्वामी रामकुमार दास जी महाराज

अयोध्या धाम के परमाध्यक्ष साकेतवासी महाराज को संतों ने दी पुष्पांजलि

श्रधांजलि : विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे स्वामी रामकुमार दास जी महाराज

हरिद्वार। अयोध्या धाम आश्रम के परमाध्यक्ष साकेतवासी ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामकुमार दास जी महाराज की पुष्पांजलि सभा आयोजित हुई। अखाड़ों के संतों और जनप्रतिनिधियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
  पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामकुमार दास महाराज सादगी और विनम्रता की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनका समूचा जीवन भगवान श्रीराम और धर्म प्रचार की समर्पित रहा। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान राम भक्तों की बढ़-चढ़कर सेवा की और भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण में अपना पूर्ण सहयोग दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने कहा कि स्वामी रामकुमार दास महाराज का जीवन प्रेरणादायी रहा। अपने जीवनकाल में कथा व्यास और सत्संगी महापुरुष के रूप में देश में विशिष्ट पहचान बनाई।
                नगर विकास मंत्री श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल जी ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी रामकुमार दास महाराज का समूचा जीवन हिंदू संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए समर्पित रहा। जीवन पर्यंत सनातन धर्म को बढ़ाने के लिए कार्य किया। नगर विधायक श्री मदन कौशिक जी ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर का समूचा जीवन गो, गंगा, गीता और रामायण और भगवान श्रीराम को समर्पित रहा। महंत गंगेश्वरानन्द दास ने कहा कि गुरुदेव सदैव हमें प्रेरणा देने का कार्य करेंगे।
                कथा व्यास चिन्मयानन्द बापू ने कहा कि गुरुदेव के आशीर्वाद के चलते उनके शिष्य देश-दुनिया में श्रीराम कथा और श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से भारतीय संस्कृति व हिन्दुत्व का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद अनिरुद्ध भाटी, अखाड़ा परिषद् के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास, महंत ईश्वर दास, महंत अमरदास, महंत राजकुमार दास, महंत बाल मुरारी बापू और गौपाल दास समेत कई संत मौजूद रहे। संचालक स्वामी हरिचेतनानंद और संयोजन महंत राजकुमार दास ने किया।

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