श्री सिद्धबली महोत्सव :
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कोटद्वार (उत्तराखण्ड)। पतंजलि योगपीठ के संस्थापक परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान का दास कभी भी उदास नहीं होता। अपने धर्म व ईश्वर के प्रति आस्था रखने वाले भक्त का जीवन सफल होता है। उन्होंने कहा कि हमें सेवा का भाव भगवान हनुमान से सीखना चाहिए, जिन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम व माता सीता की सेवा में समर्पित कर दिया था। श्री सिद्धबली महोत्सव के तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ पतंजलि योगपीठ के संस्थापक पूज्य आचार्य जी महाराज, लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में देवता निवास करते हैं। इस दिव्यता का अनुभव बाबा श्री सिद्धबली के धाम पर आकर महसूस किया जा सकता है।
उन्होंने आमजन को योग व प्राणायाम के प्रति भी जागरूक किया। कहा कि हमें निरोग काया के लिए हर रोज सूर्याेदय से पूर्व उठकर योगाभ्यास करना चाहिए। अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाए। कहा कि तुलसी घर का वास्तु ठीक करता है। कोरोना काल में तुलसी ने कई प्राणों को बचाया है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा वैज्ञानिक है। आज विज्ञान इस पर रिसर्च कर रहा है। इस दौरान श्री सिद्धबली मंदिर समिति के अध्यक्ष डाॅ. जे.पी. ध्यानी, मेला संयोजक अनिल कंसल, महोत्सव समिति के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, कृषि मंडी समिति अध्यक्ष सुमन कोटनाला, मंदिर के प्रबंधक शैलेश जोशी मौजूद रहे।
धावक बेटी के माता-पिता को किया सम्मानित: तीन दिवसीय सिद्धबली बाबा महोत्सव के अंतिम दिन आयोजित समारोह के दौरान गोल्डन गर्ल अंकिता ध्यानी के माता-पिता को सम्मानित किया गया। लैंसडौन विधानसभा के अंतर्गत ग्राम मेरूड़ा निवासी अंकिता ध्यानी के पिता महिमानंद ध्यानी को आचार्य बालकृष्ण व लैंसडौन विस के विधायक दिलीप रावत ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही उन्हें स्मृति चिह्न भी भेंट किया। इस दौरान अंकिता की माता लक्ष्मी देवी भी मौजूद रही।
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