स्वदेश स्वाभिमान - Swadesh Swabhiman

मैकाले की नीति को बदलने का काम करेगी नई षिक्षा नीति

भारतीय शिक्षा बोर्ड को मान्यता मिल चुकी है, अब पूरी दुनिया हमसे सीखेगी

   ऋषिकेश (उत्तराखण्ड)। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी का रचना संसार आनलाइन पुस्तक वार्ता की 75 श्रृंखलाएं पूरी होने के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी व हीरक जयंती समारोह के दूसरे दिन निशंक जी को नीदरलैंड की महर्षि इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से साहित्य सेवा के लिए पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की गई।
    परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष योगर्षि परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि हिमाचल से खूबसूरत पूरे विश्व में कुछ भी नहीं है। हिमाचल के उजड़े गांव को बसाने की जरूरत है। वह स्वयं ऋषि ग्राम हिमाचल मंे बसाने जा रहे हैं। हिमाचल में शक्ति और दिव्यता है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड को मान्यता मिल चुकी है, अब पूरी दुनिया हमसे सीखेगी। वर्तमान में सामाजिक विज्ञान और इतिहास के पाठ्यक्रम को संशोधित करने की जरूरत है। कई गलत चीजों को इनमें महिमामंडित किया गया है। भारतीय शिक्षा बोर्ड से वैदिक और वैश्विक का बोध होगा।
    परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पू.स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारतीय शिक्षा नीति लाॅर्ड मैकाले की शिक्षा नीति की दृष्टि को बदलने का काम करेगी। यह वैदिक दृष्टिकोण पर आधारित है। नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी ने नये भारत के सृजन में अपनी भूमिका निभाई है। सांसद व साहित्यकार श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी ने कहा कि कलम की ताकत अणु बम से ज्यादा होती है। दूसरे समापन में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रतिभागी साहित्यकारांे और शिक्षाविदों को सम्मानित किया।

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