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सनातन धर्म के संरक्षण में संतों का अहम योगदान:आचार्य श्री

श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा में आयोजित महायज्ञ की पूर्णाहुति

    हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने बैरागी कैम्प स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा पहुंचकर विश्व कल्याण के लिए आयोजित कोटी होमात्मक श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति में हिस्सा लिया और राष्ट्र रक्षा एवं धर्म रक्षा की कामना की। यज्ञ में शामिल होने पर वैष्णव संतों ने पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज का फूल माला पहनाकर एवं शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस दौरान पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि वैष्णव संतों से उनका गहन प्रेम है और हमेशा ही वह वैष्णव अखाड़ों के किसी भी कार्य के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के संरक्षण संवर्धन और प्रचार-प्रसार में वैष्णव संतों का अहम योगदान है। इनकी तप तपस्या भारत के इतिहास में हमेशा स्मरणीय रही है।
     उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ समाज हित के लिए लगातार कार्य कर रहा है और योग-विज्ञान और ज्ञान को जोड़कर समाज और संतों की सेवा करना है उनका लक्ष्य है। जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य वृद्ध अवस्था में भी भावी पीढ़ी को संस्कारवान बना रहे हैं। यह एक सच्चे महापुरुष की योग्यता और साधना को दर्शाता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संतों का हमेशा ही अहम योगदान रहा है और आचार्य श्री तो संत समाज का गौरव हैं। इस अवसर पर निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रामजी दास, मंत्री महंत नरेंद्र दास, महंत राजेंद्र दास, महामण्डलेश्वर स्वामी गरीबराम दास आदि मौजूद रहे।

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