पतंजलि के साथ मिलकर उत्तराखण्ड में कृशि विकास तथा जैविक कृशि के क्षेत्र में बड़े कार्य करने हैं: कृशि मंत्री

प्रदेश में कृषि सम्बंधी समस्याओं तथा उनके समाधान में पतंजलि की भूमिका व सहयोग पर चर्चा

पतंजलि के साथ मिलकर उत्तराखण्ड में कृशि विकास तथा जैविक कृशि के क्षेत्र में बड़े कार्य करने हैं: कृशि मंत्री

   हरिद्वार। माननीय कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी जी का पतंजलि योगपीठ में आगमन हुआ। उन्होंने पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज व उत्तराखण्ड सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में कृषि सम्बंधी समस्याओं तथा उनके समाधान में पतंजलि की भूमिका व सहयोग पर चर्चा की। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
       इस अवसर पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणिकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। पूज्य आचार्य जी ने कहा कि ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया। फसलवार रसायनिक उर्वरक की सही मात्र की जानकारी तथा प्रशिक्षण के अभाव में इसने जहर का रूप ले लिया। किसानों की मानसिकता बन गई है कि यूरिया व रसायनों का स्प्रे करना छोड़ दिया तो खेती नष्ट हो जाएगी, कीट फसलों को खराब कर देंगे। उन्होंने मंत्री महोदय से आग्रह किया कि प्रदेश में कीटनाशकों को दवा के नाम से सम्बोधित न किया जाए तथा साथ ही उत्तराखण्ड जैविक कृषि का प्रशिक्षण देने वाला पहला राज्य बने। पूज्य आचार्य जी ने कहा कि पतंजलि द्वारा डिजिटल कृषि के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। हमने हरित क्रांति एप के माध्यम से प्रत्येक खेत की जियो-मैपिंग तथा जियो-टैगिंग की, किसान की भूमि को डिजिटल कर कैडेस्ट्रल में तथा बाद में भू-लेख के साथ जोड़ा है। मिट्टी की जाँच के लिए हमने कम खर्च पर सोयल टैस्टिंग किट धरती का डाॅक्टर का निर्माण किया जिसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से पतंजलि ने पतंजलि कृषि समृद्धि कार्यक्रम के तहत बड़ा कार्य कर रही है किन्तु जैविक कृषि के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जैविक कृषि के प्रचार-प्रसार की महती आवश्यकता है।
     बैठक में माननीय मंत्री महोदय ने कहा कि कृषि क्षेत्र में यथोचित सुधार के लिए हमें श्रद्धेय आचार्य जी के अनुभव तथा पतंजलि के गहन अध्ययन का लाभ लेना चाहिए। उत्तराखण्ड की जनता से हमें मैंडेट देकर चुना है। सरकारी सिस्टम में जब हम कार्य करते हैं तो अधिकांशतः किसान संवाद, गोष्ठी आदि मात्र अखबारों की सुर्खियाँ तथा औपचारिकता बनकर रह जाते हैं। हमें पतंजलि के साथ मिलकर उत्तराखण्ड में कृषि विकास तथा जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ बड़े कार्य करने हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूँ उत्तराखण्ड कृषि में नम्बर वन बने तथा जो लोग रोजगार के लिए बाहर पलायन न करे व अपनी खेती करे। श्री जोशी जी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को 100 दिन में अपनी वर्क-रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
       पतंजलि अनुसंधान संस्थान की वैज्ञानिक वेदप्रिया आर्य जी, श्री कविंदर जी ने एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पतंजलि द्वारा कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्य व फायदों को उपस्थित महानुभावों के मध्य रखा।
        बैठक में श्री गौरीशंकर कृषि निदेशक उत्तरा., डाॅ. एच.एस. बावेजा उद्यान निदेशक, विजय देवराड़ी मुख्य कृषि अधिकारी हरिद्वार, विनय भारती एम.डी. उत्तरा. जैविक उत्पाद परिषद, नरेन्द्र यादव मुख्य उद्यान अधिकारी हरिद्वार, दिनेश सिंह संयुक्त निदेशक कृषि, श्री वेदप्रकाश जिला विकास अधिकारी, श्री विक्रम सिंह परियोजना अधिकारी डीआरडीए, सुश्री नलिनी घिल्डियाल एपीडी डीआरडीए, श्री जयेंद्र भारद्वाज ब्लाॅक डेवलपमेंट आॅफिसर बहादराबाद, श्री सोमांश गुप्ता-कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी बहादराबाद, श्री दिग्विजय मंडी सचिव ज्वालापुर, पतंजलि की ओर से श्री ऋषि आर्य निदेशक पतंजलि आॅर्ग्रेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, श्री पवन जी मुख्य महाप्रबंधक पतंजलि आॅर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, श्रीमती वेदप्रिया आर्य वैज्ञानिक पतंजलि अनुसंधान संस्थान, श्री कविंदर जी प्रमुख-आई.टी. आदि उपस्थित रहे।

Related Posts

Advertisement

Latest News

कुंभ मेला: आस्था, विश्वास और संस्कृतियों का संगम कुंभ मेला: आस्था, विश्वास और संस्कृतियों का संगम
      कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है, इसे दुनिया का सबसे बड़ा
एजुकेशन फॉर लीडरशिप का शंखनाद
स्थापना दिवस: 30 वर्ष पूर्ण होने पर पतंजलि का संकल्प योग क्रांति के बाद अब पंच क्रांतियों का शंखनाद: प.पू.स्वामी जी
उपलब्धियां: शिक्षा में सनातन, संस्कृतिक विरासत के साथ राजनीतिक व आर्थिक भाव जरूर हो: प.पूज्य स्वामी जी
सम्मान समारोह: भारतीय ज्ञान परंपरा की संवाहक हैं भारतीय  शिक्षा बोर्ड की हिंदी की पाठ्य पुस्तकें - प्रो. राम दरश मिश्र
जनाक्रोश रैलीः बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार केविरोध में जनाक्रोश रैली में प.पू.स्वामी जी महाराज
भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प युवाओं को लेना है : आचार्य श्री