उद्घाटन : वेद और वैदिक परम्परा को जीवित रख रही गुरुकुलीय शिक्षा व्यवस्था
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अपने बच्चों को गुरुकुल में पढ़ाने का आह्वान ।
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उद्घाटन से पहले की गई यज्ञ व पूजा अर्चना ।
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वेद और वैदिक परम्परा को गुरुकुल ही जीवित रख रहे हैं। गुरुकुल से ही योग निकला है, जोकि विश्वभर में छाया हुआ है। : पूज्य आचार्य जी
सरधना, मेरठ (उत्तर प्रदेश)। सरधना क्षेत्र में कांवड मार्ग पर स्थित गुरुकुल देवऋषि मेरठ का विधिवत रूप से पूजा अर्चना के साथ उद्घाटन किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज द्वारा हुआ, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता (सावंदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली) के प्रधान स्वामी आर्यवेश जी महाराज ने की।
सर्व प्रथम गुरुकुल में यज्ञ व पूजन कर परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के पावन सान्निध्य में गुरुकुल का उद्घाटन किया। परम पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि एक समय था जब संसार में हम यही जानते हैं कि हमारा देश कभी विश्वगुरु था, जगत गुरु था। ये हमने पढ़ा है और सुना है। कहा कि वैदिक परम्परा विलुप्त हुई, जिसके बाद हम पिछड़ गए। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने गुरुकुल संचालित कर फिर से ये परम्परा शुरू की। उन्होंने कहा कि गुरुकुल में शिक्षा हासिल कर आज ब्रह्मचारीगण विभिन्न क्षेत्रों में बड़े दायित्व संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वेद और वैदिक परम्परा को गुरुकुल ही जीवित रख रहे हैं। गुरुकुल से ही योग निकला है, जोकि विश्वभर में छाया हुआ है। गुरुकुल से पढ़कर हम बड़े-बड़े कार्य कर सकते है। यदि देश में गुरुकुल खुल जाए तो देश की काया पलट जाएगी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से अपने बच्चों को गुरुकुल में पढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आने वाला जो समय है वो चुनौतियों से परिपूर्ण है। डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे बिगड़ाव की ओर चल रहे हैं। इसलिए बच्चों को वैदिक शिक्षा देना जरूरी है। अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे और गुरुकुल की शिक्षा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सांसद डाॅ. सत्यपाल सिंह, आचार्य डाॅ. सुमेधा, विनोद वैश्य, डाॅ. ओमपाल, डाॅ. राजकुमार सांगवान, डाॅ. राजीव चैधरी, विशाल सिंह, पूर्व विधायक जितेंद्र सतवई, अनिल चैधरी दबथुवा आदि मौजूद रहे।
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