अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लन्दन में दिखा योग का उत्साह

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लन्दन में दिखा योग का उत्साह

 परम् पूज्य योगर्षि के सान्निध्य में पश्चिम ने किया योग पूरी दुनिया को भारत की अनमोल देन है योग: योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज परम् पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने 21 जून को कोटा में योगदिवस के सफल आयोजन के पश्चात् लन्दन के लिए प्रस्थान किया जहाँ तीन मुख्य स्थानों (लन्दन, काॅवेन्ट्री व ग्लास्गो) पर चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। लन्दन पहुँचने पर पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट यू.के. की ट्रस्टी आदरणीया बहन सुनीता पोद्दार तथा भारतीय उच्चायोग बर्मिंघम की तरफ से डाॅ. अमन पुरी जी ने परम् पूज्य…

 परम् पूज्य योगर्षि के सान्निध्य में पश्चिम ने किया योग
पूरी दुनिया को भारत की अनमोल देन है योग: योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज

परम् पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने 21 जून को कोटा में योगदिवस के सफल आयोजन के पश्चात् लन्दन के लिए प्रस्थान किया जहाँ तीन मुख्य स्थानों (लन्दन, काॅवेन्ट्री व ग्लास्गो) पर चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। लन्दन पहुँचने पर पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट यू.के. की ट्रस्टी आदरणीया बहन सुनीता पोद्दार तथा भारतीय उच्चायोग बर्मिंघम की तरफ से डाॅ. अमन पुरी जी ने परम् पूज्य स्वामी जी महाराज का स्वागत किया। पूज्य महाराज श्री शिविर को लेकर सभी आयोजकों में खासा उत्साह देखा गया।

ओलम्पिया हैमरस्मिथ, लन्दन:

23 जून को प्रभातवेला में ओलम्पिया हैमरस्मिथ, लन्दन के विशाल सभास्थल में हजारों योग साधकों को योग कराया तथा भारतीय धर्म, दर्शन, अध्यात्म व संस्कृति से अवगत कराया। शिविर में विख्यात भारतीय बाॅक्सर विजेन्दर सिंह के साथ हजारों विदेशी नागरिकों और प्रवासी भारतीयों ने योग का लाभ लिया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने प्रतिदिन कई-कई बार योग के पूरे पैकेज का अभ्यास कराकर सबको योग के रंग में रंग दिया।

पूरी दुनिया को भारत की अनमोल देन है योगः

शिविर में परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग पूरी दुनिया को भारत की अनमोल देन है। यह वास्तविक काॅमन वैल्थ है और पूरी दुनिया की असली सम्पत्ति है। हम चाहते हैं कि सबको शान्ति, समृद्धि तथा हार्मनी मिले जो कि केवल योग से ही सम्भव है। योग भारत की साॅफ्ट पाॅवर है, भारत इसका उपयोग कर सकता है। योग के जरिए भारत की पूरी दुनिया में एक नई पहचान बनी है। योग और अध्यात्म पूरी दुनिया को भारत की देन है, इससे भारत का गौरव बढ़ेगा तथा पूरी दुनिया को स्वास्थ्य मिलेगा।
योग से मनुष्य अपने स्वाभाविक लक्ष्य ‘प्रसन्नता’ को प्राप्त कर सकेगा। हमें इसके लिए हैप्पिनेस मूवमेंट तथा हार्मनी मूवमेंट चलाना होगा। परम पूज्य महाराज जी ने कहा कि इसके लिए मैं खुद काम करूँगा और अपने हजारों-लाखों लोगों को तैयार करूँगा।

काॅवेन्ट्री, 24 जून:

भारतीय उच्चायोग बर्मिंघम व पतंजलि योगपीठ यू.के. के संयुक्त तत्वावधान में रिको एरेना, काॅवेन्ट्री में भी चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में योग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में हजारों लोगों ने भाग लिया। योग शिविर में प्रवेश के लिए लम्बी-लम्बी कतारें देखी गयी। काउन्सलेट जनरल आॅफ इन्डिया में डाॅ. अमन पुरी, आदरणीय सुनीता पोद्दार, डाॅ. अशोक कुमार-कन्सल्टेंट फिजिशियन व डाॅयरेक्टर-आयुर्वेदिक नेचुरल मेडिसिन प्रेक्टिस व श्री राकेश कुमार जी, मुख्य केन्द्रीय प्रभारी पतंजलि योग समिति के साथ पतंजलि के अन्य ट्रस्टी सदस्यों ने दीप प्रज्ज्वलन कर शिविर का शुभारम्भ किया।
परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने उपस्थित योग साधकों को योग का अभ्यास कराते हुए कहा कि मेरे जीवन का यह लक्ष्य है कि विश्व का प्रत्येक मनुष्य भारत की इस पारम्परिक विरासत व कला में प्रशिक्षित हो। स्वास्थ्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।

श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि जीवन का श्रेष्ठ पथ है। हम योग को किसी दायरे में बांध नहीं सकते। जीवन में प्रेम और शुद्धता के साथ किया गया प्रत्येक कार्य योग है। योग एक बहुत बड़ी कला और उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि मैंने योग और कर्मयोग साथ-साथ किया जिससे मुझे सामाजिक, आध्यात्मिक और औद्योगिक सफलता प्राप्त हुई। मैं योग पर मात्र प्रवचन नहीं देता बल्कि मैं योग में जीता हूँ। योग मात्र एक अभ्यास नहीं अपितु हमारा मूल स्वभाव है। भौतिक और भावनात्मक शरीर से परे हमारा दिव्य शरीर जो कि शुद्ध-बुद्ध नित्य व सच्चिदानन्द स्वरूप है उसकी अनुभूति योग के द्वारा ही सम्भव है। योग से ‘मैं कौन हूँ’ इस शाश्वत प्रश्न का भी उत्तर मिलता है। इस अवसर पर डाॅ. अमन पुरी ने कहा कि यह हमारा स्वप्न है कि काॅवेन्ट्री में सांस्कृतिक कार्यक्रम 2021 में एक मेगा योग शिविर पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित किया जाये। इसके लिए मेगा प्लान तैयार किया जा रहा है।

N.I.A.S.U. – U.K. के छात्र-नेताओं से मिले पूज्यवर:

लंदन, 24 जून: एन.आई.एस.ए.यू. (नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एण्ड एल्युमिनी युनियन, यू.के.) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारतीय युवाशक्ति को डिवाइन वल्र्ड सिटिजन के रूप में तैयार होना है। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने युवाशक्ति को उनके शारीरिक, भौतिक व आध्यात्मिक विकास के लिए योग, प्राणायाम, आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति से अवगत कराया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि मेरा लक्ष्य आगामी 30-35 साल में करीब 1 लाख करोड़ की चैरिटी करने का है। इसमें एक करोड़ से ज्यादा बच्चों को शिक्षा देकर विश्व नागरिक के रूप में तैयार करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। स्वास्थ्य, कृषि, अनुसन्धान तथा गरीब व पिछड़े गाँव हमारे केन्द्र में रहेंगे। योग के माध्यम से मैं करीब सौ साल की जिन्दगी जीऊँगा और आपसे भी उम्मीद करता हूँ कि आप भी योग करेंगे और सौ साल तक स्वस्थ जीवन जीएँगे। मैं भारत को इतनी ऊँचाई पर देखना चाहता हूँ कि 2040-50 तक भारत दोबारा से विश्व की आर्थिक, राजनैतिक और आध्यात्मिक सुपर पाॅवर बने। पूज्य महाराज श्री के सान्निध्य में सम्पन्न इस कार्यक्रम में युवाओं ने श्रद्धेय स्वामी जी महाराज से विभिन्न विषयक प्रश्न पूछे तथा तथा श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने उनका समाधान किया।

विदेशी धरती पर भव्य स्वागतः

लन्दन में भारतीय हाई कमिशन इन्डिया हाऊस में भी पूज्य महाराज श्री का भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग हमारी दिव्य भव्य संस्कृति का गौरवशाली तत्त्व है और पूरी दुनिया को भारत की देन है। बिना योग के दुनिया स्वस्थ रह ही नहीं सकती।

पश्चिम में बढ़ रहा है ‘योग दीक्षा’ का क्रेज:

ग्लासगो (स्काॅटलैंड), 26 जूनः पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, ब्रिटेन और भारतीय उच्चायोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तिम चरण में ग्लास्गो के अमीरात एरेना स्टेडियम में शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें एडिनबर्ग स्थित भारतीय वाणिज्य दूत अंजू रंजन के अलावा ग्लास्गी सिटी काउंसिल की काउंसलर रियानाॅन स्पीयर ने परम पूज्य स्वामी जी महाराज के साथ मंच पर ही योगासन एवं प्राणायाम किये। शिविर में योगर्षि स्वामी जी महाराज से ‘योग दीक्षा’ लेने आये लगभग 2000 से अधिक लोगों में 60 से 70 प्रतिशत ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देशों के नागरिक थे।

योग भले ही भारतीय सनातन परम्परा का हिस्सा रहा हो, लेकिन हाल के वर्षों में इसने सात समन्दर पार भी अपनी पूर्ण पहचान बना ली है। ग्लास्गो के योग शिविर को देखकर तो कम से कम ऐसा ही लगता है।
ब्रिटेन के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले शहर ग्लास्गो में चैथे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की कड़ी के रूप में आयोजित योग शिविर में जिस संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उससे योग के प्रति पश्चिमी देशों में उसकी बढ़ती आत्मियता की अंदाजा लगता है। इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि योग हमारी प्राचीन धरोहर है। ध्यान और योग हमारे पूर्वजों द्वारा मनुष्य को एक अमूल्य देन है। हमारे साधु-संत योगी थे और योग भारत की मूल संस्कृति तथा धरोहर है। अब योग हमारे लिए एक मिशन है। स्वस्थ, समृद्ध तथा शांतिपूर्ण विश्व के लिए योग कोई धर्म नहीं अपितु सभी धर्म से ऊपर विज्ञानपरक तथा सभी के लिए प्रभावी अभ्यास है। योग के माध्यम से हम स्वस्थ, शांतिपूर्ण तथा संगठित विश्व की कल्पना कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि योग के द्वारा हम आध्यात्मिक विश्व का निर्माण कर सकते हैं। लन्दन यात्रा के दौरान पूज्य स्वामी जी महाराज ने एडिनबर्ग में राॅयल बाॅटनिकल गार्डन प्रशासन के आमंत्रण पर बाॅटनिकल गार्डन का भी दौरा किया। गौरतलब है कि 70 एकड़ में फैले इस बांटनिकल गार्डन में 20,000 प्रकार की वनस्पतियाँ हैं और उनमें अनेक भारत और नेपाल के औषधीय पौधे हैं। पूज्यवर ने उक्त गार्डन में एक पौधा भी लगाया और स्वस्थ जीवन जीने के लिए सभी से पौधारोपण का आह्वान किया।

अभिव्यक्ति:

स्काॅटिश नेशनल पार्टी की काउंसल रियानाॅन स्पीयर ने योगाभ्यास के बाद यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा कि वह पिछले तीन साल से योगाभ्यास कर रही हैं और उनके अद्भुत जीवन का संचार हुआ है। सुश्री स्पीयर ने बताया, ‘योग सीखने के लिए मैं 2015 में गोवा गयी थी और वहां से आने के बाद नियमित तौर पर योग का अभ्यास करती हूँ। इसके परिणाम स्वरूप मेरे भीतर एक अद्भुत आत्मविश्वास पैदा हुआ और नये जीवन का संचार भी हुआ।

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