तुसाद संग्राहलय में लगेगी श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की प्रतिमा
योगर्षि: आज स्थित म्यूजियम में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज बिताएंगे तीन घंटे हरिद्वार। जल्द ही योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज की मोम की प्रतिमा लंदन के विश्व विख्यात मैडम तुसाद संग्रहालय में दुनिया की नामचीन हस्तियों के साथ ही भारत से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री एश्वर्या राय बच्चन और क्रिकेट के भगवान् सचिन तेंदुलकर समेत कई नामीगिरामी शाख्सियतों की प्रतिमाएं हैं। पतजंलि योगपीठ के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द के बाद श्रद्धेय स्वामी रामदेव…
योगर्षि: आज स्थित म्यूजियम में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज बिताएंगे तीन घंटे
हरिद्वार। जल्द ही योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज की मोम की प्रतिमा लंदन के विश्व विख्यात मैडम तुसाद संग्रहालय में दुनिया की नामचीन हस्तियों के साथ ही भारत से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री एश्वर्या राय बच्चन और क्रिकेट के भगवान् सचिन तेंदुलकर समेत कई नामीगिरामी शाख्सियतों की प्रतिमाएं हैं। पतजंलि योगपीठ के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द के बाद श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज दूसरे भारतीय संत होंगे। जिनकी प्रतिमा इस संग्रहालय में होगी। पतंजलि योगपीठ के अनुसार इन दिनांे श्रद्धेय स्वामी जी महाराज योग शिविरों में शिरकत करने के लिए लंदन में ही हैं। 25 जून को वह संग्रहालय में तीन घंटे बिताएंगे। इस दौरान उनके हाथ-पैर और चेहरे के इंप्रैशन दिए जाएंगे। इसके बाद विशेषज्ञों की एक टीम प्रतिमा का निर्माण शुरू करेगी। इसके लिए श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के साथ एक और मीटिंग प्रस्तावित है, जिससे प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा सके। इस कार्य में करीब छह माह का वक्त लगेगा।
पतंजलि के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला ने कहा कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के प्रयासों से आज देश-दुनिया में योग का डंका बज रहा है। उन्होंने कहा कि मैडम तुसाद संग्रहालय में स्वामी विवेकानन्द के बाद श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की प्रतिमा का स्थापित होना भारतीय ऋषि परम्परा और देश के लिए भी गौरव की बात हैं तिजारावाला के अनुसार प्रतिमा के लिए तुषाद संग्रहालय की ओर से कई दिनों से सम्पर्क किया जा रहा था, लेकिन शुरू में वह इसके लिए तैयार नहीं थे। बाद में विश्व स्तर पर योग के प्रचार-प्रसार के उद््देश्य को ध्यान में रखकर उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार किया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के निकट सहयोगी पूज्य आचार्य श्री ने यह भारतीय ऋषि परम्परा, संस्कृति और योग के गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इससे योग और आयुर्वेद का विश्व में प्रचार-प्रसार होगा। -साभारः दैनिक जागरण
* इस दौरान लिए जाएंगे हाथ-पैर और चेहरे के इंप्रेशन।
* मोम की प्रतिमा के निर्माण में लग सकते हैं करीब 6 माह।
Related Posts
Latest News
