चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस – एक विष्लेशण

चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस – एक विष्लेशण

पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज योग को गुफाओं, ग्रन्थों व ग्लैमर से निकालकर घर-घर तक पहुँचाने की योगक्रान्ति एवं भारत के यशस्वी प्रधनमंत्राी मा. नरेंद्र मोदी जी की राजनीतिक कुशलता से योग को विश्व पटल पर आधिकारिक रूप से स्थापित किया जा सका और 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया। ऐसे तो विश्व के सभी देशों में योग दिवस बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है किन्तु भारतवर्ष में प्रत्येक राज्य मुख्यालय, जिला, तहसील, कस्बे भी इस योग दिवस पर योगमय हो जाते हैं।…

पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज योग को गुफाओं, ग्रन्थों व ग्लैमर से निकालकर घर-घर तक पहुँचाने की योगक्रान्ति एवं भारत के यशस्वी प्रधनमंत्राी मा. नरेंद्र मोदी जी की राजनीतिक कुशलता से योग को विश्व पटल पर आधिकारिक रूप से स्थापित किया जा सका और 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया। ऐसे तो विश्व के सभी देशों में योग दिवस बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है किन्तु भारतवर्ष में प्रत्येक राज्य मुख्यालय, जिला, तहसील, कस्बे भी इस योग दिवस पर योगमय हो जाते हैं। यदि हम सम्पूर्ण देश की बात करुं तो पतंजलि योगपीठ के सभी संगठनों द्वारा लगभग 600 जिलों तथा 5000 हजार से अधिक तहसीलों तथा 1 लाख गांवों में चलने वाली योग कक्षाओं व संगठन स्तर पर भी योग का कार्यक्रम निरन्तर चलता है। नियमित रूप से लाखों योग कक्षाएं देशभर में संचालित होती हैं। 21 जून विश्व योग दिवस को भारत वर्ष में दो कार्यक्रम सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं जिन पर पूरे देश व दूनियाँ की नजरें टिकी रहती है। एक कार्यक्रम जिसमें पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज स्वयं योग करवाते हैं तथा दूसरा राजकीय कार्यक्रम जिसमें माननीय प्रधानमंत्री जी स्वयं भाग लेते हैं। संख्या की दृष्टि से यदि हम बात करें तो राजकीय कार्यक्रम जिसमें मा. प्रधानमंत्री उपस्थित रहते हैं, उसमें लगभग 30 से 50 हजार की औसत योग साधकों की संख्या रहती है और पूज्य स्वामी जी महाराज के कार्यक्रम में साधकों की संख्या लगभग दो लाख से ज्यादा ही रहती है और उस कार्यक्रम में प्रतिवर्ष योग के क्षेत्र में कई नये विश्व कीर्तिमान भी स्थापित होते हैं।

इस वर्ष 21 जून को चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम पूज्य स्वामी जी महाराज के सान्निधय में कोटा, राजस्थान में मनाया गया। जिसमें श्रद्धेय आचार्य श्री साध्वी देवप्रिया जी, भाई डाॅ. जयदीप आर्य जी आदि उपस्थित रहे तथा 100 से अधिक विश्व कीर्तिमान बनाये गये। इससे पूर्व पतंजलि योगपीठ द्वारा बड़े स्तर पर प्रथम विश्व योग दिवस करनाल, द्वितीय योग दिवस फरीदाबाद, हरियाणा में तथा तृतीय योग दिवस अहमदाबाद, गुजरात में मनाया गया। प्रधनमंत्री मा. नरेंद्र मोदी जी की उपस्थिति में इस वर्ष चतुर्थ विश्व योग दिवस एफ.आर.आई. मैदान, देहरादून में मनाया गया। आयुष मंत्रालय की ओर से इससे पूर्व राजकीय कार्यक्रम राजधनी दिल्ली में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस (जिसमें लगभग 36 हजार लोगों ने भाग लिया।) उसमें गैर सरकारी संस्थाओं में पतंजलि की भागीदारी सर्वाधिक थी। द्वितीय चण्डीगढ़ में लगभग 25000 हजार लोगों की वहाँ पर भी गैर सरकारी संस्थाओं में पतंजलि योगपीठ की सर्वाधिक भागीदारी थी।, तृतीय योग दिवस कार्यक्रम लखनऊ में भी कुल 55000 हजार लोगों में 25000 हजार प्रतिभागी पतंजलि योगपीठ के थे। वहाँ पर भी गैर सरकारी संस्थानों सर्वाधिक भागीदारी पतंजलि योगपीठ की रही। यह चतुर्थ विश्व योग दिवस का कार्यक्रम संख्या की दृष्टि से भी और पर्यावरण एवं सौन्दर्य की दृष्टि से भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा। देहरादून में योग दिवस के कार्यक्रम में लगभग 40 हजार साधकों ने प्रतिभाग किया। जिसमें विभिन्न आध्यात्मिक एवं योग संस्थाओं के अतिरिक्त सरकारी व प्रशासनिक विभागों की भी भागीदारी रही किन्तु महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों (40 हजार) में लगभग 42ः अर्थात् 17500 से अधिक का पंजीकरण पतंजलि योगपीठ के कार्यकत्र्ताओं के रूप में था। बाद में स्थान कम पड़ने पर पतंजलि योगपीठ को 14500 ऐंट्री पास ही उपलब्ध कराये गये। पतंजलि योगपीठ परिवार की ओर से 286 बसों के द्वारा कार्यकत्र्ता पहुँचे जबकि बहुत से स्थानीय कार्यकत्र्ता अपने वाहनों से और पैदल भी पहुँचे। अब तक हुए 4 विश्व योग दिवस के कार्यक्रमों में 30 से 50ः सहभागिता पतंजलि योगपीठ की रही है। इससे प्रदर्शित होता है कि पतंजलि योगपीठ योग के क्षेत्रा में कितना विस्तृत कार्य कर रहा है। भारत में लगभग 30 लाख पंजीकृत छळव् हैं व एक छळव् किसी एक क्षेत्र में सेवा कार्य करते हैं। परन्तु पतंजलि योगपीठ लाखों छळव् के बराबर अनेकों क्षेत्रों में प्रमाणिकता के साथ सेवा कार्य करता है।

सरकारी स्तर पर देहरादून कार्यक्रम हेतु तैयारियाँ व निर्णय विलम्ब से होने के कारण बहुत कम समय शेष था 3 जून को पहली बैठक हुई व सार्वजनिक रूप से तैयारियाँ प्रारम्भ हुई और मात्रा 15 दिन के समय में 17500 हजार कार्यकत्र्ताओं को प्रशिक्षण देना और कार्यक्रम में ले जाना एक बड़ा लक्ष्य व किसी चुनौती से कम नहीं था। 3 तारीख को आयुष विभाग के संयुक्त सचिव राजन जी माननीय आयुष मंत्री जी का संदेश लेकर आये और परम पूज्य स्वामी जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य जी से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये मार्गदर्शन व सहयोग के लिये प्रार्थना की। परन्तु हमारे समर्पित कार्यकत्र्ता और अनुभवी पुरुषार्थी एवं कुशल संगठन व अनुभवी नेतृत्व के कारण यह सम्भव हो पाया। यह असम्भव व दुष्कर कार्य भी परम पूज्य स्वामी जी महाराज व श्रद्धेय आचार्य जी के दिव्य मार्गदर्शन व प्रेरणा से देहरादून के कार्यकत्र्ताओं ने सम्भव कर दिखाया। यद्यपि किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यकत्र्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, परन्तु कार्यकर्ताओं को संगठित रूप में खड़ा करना, प्रत्येक कार्यकत्र्ता की योग्यता के आधार पर उसे कार्य में लगाना सभी कार्यकत्र्ताओं को साथ लेकर चलना तथा कार्यकर्ताओं में जोश, उमंग व उत्साह का संचार करना यह एक सबल व सक्षम नेतृत्व का गुण होता है, पतंजलि योगपीठ परिवार के मुख्य केंद्रीय प्रभारी भाई राकेश जी व सभी राज्य प्रभारी बहन सीमा जी, भाई भास्कर जी, भाई मोहन जी आदि नेतृत्व व मार्गदर्शन में पतंजलि योगपीठ की ओर से यह कार्यक्रम हुआ।

योग दिवस के कार्यक्रम हेतु प्रथम बैठक 03 जून को सचिवालय के मुख्य सचिव उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, प्रशासन ने 50 हजार का लक्ष्य रखा था। सभी संस्थाओं ने अपने-अपने सुझाव दिये और कितनी सहभागिता रहेगी यह भी बताया। परन्तु पतंजलि योगपीठ की ओर से ठोस तथ्यों तथा आरम्भिक कार्य प्रगति सहित अपनी बात रखी तो सभी अधिकारी पतंजलि योगपीठ के बड़े आयोजनों के अनुभवों को लेकर प्रभावित हुए। आदरणीय राकेश जी ने पंजीकरण फार्म का प्रारूप, बसों के संचालन की व्यवस्था, बस प्रभारियों हेतु निर्देश, होर्डिंग, बैनर, पम्पलेट, पोलहोर्डिंग और फार्मेट दिखाए तो प्रशासनिक अधिकारियों को आश्चर्य हुआ कि बैठक आरम्भ होने से पूर्व ही कोई संगठन इतना व्यवस्थित कार्य भी कर सकता है। इसलिए उसी बैठक में मुख्य सचिव ने पतंजलि को बड़ी सहभागिता का लक्ष्य दे दिया। कम समय होते हुए भी योग के प्रति समर्पण और प्रत्येक गांव गली मोहल्ले तक फैले पतंजलि के नेटवर्क व कार्यकत्र्ताओं के अखण्ड प्रचण्ड पुरुषार्थ से लक्ष्य प्राप्ति में सफल हो पाए। 3 जून को बैठक के बाद अगले दिन ही पतंजलि योगपीठ द्वारा राजपुर रोड़ देहरादून में 100 कार्यकत्र्ताओं की आवासीय व्यवस्थाओं के साथ तथा 8 कम्प्यूटरस् से युक्त सुसज्जित कार्यालय प्रारम्भ कर दिया। ऐसे बड़े कार्यक्रमों में कई बार कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को उनके कार्यकाल में प्रथम कार्यक्रम होने से कोई पूर्व अनुभव नहीं होता है जैसा कि सम्पर्क, समन्वय, संवाद, कार्ययोजना, दायित्व निर्धारण, क्रियान्वयन, प्रतिभागी चयन प्रशिक्षण के साथ बसों की व्यवस्था, सामग्री वितरण, ऐन्ट्री पास आदि अनेक चीजों के विभागों में आपसी सामंजस्य की कमी देखने को मिलती है इस बार सभी प्रवेश पत्रों को बार कोड दिया गया तथा बार कोड स्केनिगं के बाद ही सबका प्रवेश होना था। सम्बन्धित विभाग द्वारा सबकी डाटा एन्ट्री में कुछ तकनीकी कमी रह गई थी जिससे 19 तारीख तक प्रवेश पत्र प्रिन्ट नही हो पाये। परन्तु अन्तिम समय में समस्या का तकनीकी हल निकालकर हमारे उच्च अधिकारियों सहित संगठन के कई पदाधिकारी व कार्यकत्र्ता रात-दिन लगे रहे तब इतनी संख्या में ऐन्ट्री पास उपलब्ध करवाना व बसों की व्यवस्था व भागीदारी सम्भव हो पायी।

पतंजलि योगपीठ को प्रथम लक्ष्य सभी संस्थाऐं यथा गायत्री परिवार, आर्ट आॅफ लिविंग, ब्रह्मकुमारी, भारतीय योग संस्थान आदि के साथ 3 हजार प्रतिभागियों का दिया गया था। परन्तु जैसे-जैसे 21 जून नजदीक आता गया और दूसरी जगहों से संख्या कम रहने के कारण पतंजलि योगपीठ का लक्ष्य बढ़ाकर 3 हजार से 5 हजार फिर 10 हजार व अंत में 15 हजार का लक्ष्य दिया गया जिसको पूर्ण करते हुए 17500 हजार लोगों का पंजीकरण मात्र 9 दिन में किया गया। 12 जून को मुख्य सचिव के साथ बैठक में कार्यक्रम को अन्तिम रूप दिया गया तथा 12 जून को मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें पतंजलि योगपीठ संगठन की सभी राजकीय विभागों ने मुक्तकण्ठ से प्रशंसा की तथा मुख्य केन्द्रीय प्रभारी ने पूज्य स्वामी जी आचार्य जी का संदेश दिया तथा संगठन की ओर से योग दिवस के कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से 21 जून के योगाभ्यास के प्रोटोकोल का पूर्वाभ्यास दिनांक 7 जून, 2018 को पूज्य स्वामी जी महाराज द्वारा अम्बेडकर स्टेडियम ओ.एन.जी.सी. में करवाया गया। उक्त कार्यक्रम में पूज्य आचार्य श्री, मा. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री श्रीपद नायक जी, स्वाथ्य मंत्राी श्री हरक सिंह रावत जी अन्य मंत्रीगण के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सम्पूर्ण प्रशासन की टीम सहित लगभग 2500 हजार साधको ने पूर्वाभ्यास किया जिसमें 1500 साधक पतंजलि परिवार से थे। पूर्वाभ्यास कार्यक्रम में मा. मुख्यमंत्री जी व मा.आयुष मंत्री जी ने योग को घर-घर तक पहुँचाने का श्रेय श्रद्धेय स्वामी जी महाराज को दिया। 21 जून के योग दिवस के कार्यक्रम हेतु प्रशासन की ओर से पतंजलि योगपीठ को 230 बसें देहरादून व विकासनगर के लिए तथा 56 बसें हरिद्वार, रुड़की व ऋषिकेश हेतु उपलब्ध करायी गयी। इस प्रकार कुल 286 बसों तथा कुछ अपने छोटे वाहनों के द्वारा 15 हजार से अधिक साधकों की प्रतिभागिता रही। 21 जून, 2018 को मुख्य मंच पर पंतजलि योगपीठ के श्री भुवनेश जी एवं बहन आकांक्षा ने सभी उपस्थित लोगों को मुख्य मंच से डाॅ. ईश्वर बसवारेड्डी जी के साथ योग प्रोटोकाॅल का प्रशिक्षण दिया व प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त पण्डाल के 80 उपमंचों में से 50 से अधिक में पतंजलि योगपीठ के योग प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया। 21 जून को यद्यपि बरसात की सम्भावना थी लेकिन सुहावनेे मौसम में रात्रि 12 बजे से ही लोगों का आगमन प्रारम्भ हो गया तथा 40 हजार से अधिक लोगों ने कार्यक्रम में मा.प्रधानमंत्री जी, मा.मुख्यमंत्री उत्तराखंड, मा.केंद्रीय आयुष मंत्री आदि की उपस्थिति में योगाभ्यास किया। पतंजलि संगठन ने 50-50 लोगों के व्यवस्थित समूहों में समय पर भागीदारी की व प्रभावी योग प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के बाद उत्तराखंड सरकार के आयुष विभाग के सचिव सुधांशु कुमार जी ने पतंजलि योगपीठ की बड़ी भूमिका व सहयोग के लिये सरकार की ओर से सराहना की। इस कार्यक्रम में योग व अन्य सामाजिक-आध्यात्मिक गैर-सरकारी संस्थानों की कुल भागीदारी 9 हजार थी तथा पतंजलि योगपीठ अकेले संस्थान की भागीदारी सभी से दोेगुनी थी। पतंजलि ने अपने सभी प्रतिभागियों की डाटा ऐंट्री करके व्यवस्थित रिकाॅर्ड उपलब्ध करवाया। कार्यक्रम को सफल बनाने की दृष्टि से देहरादून में उत्तराखंड के 100 से अधिक कार्यकत्र्ताओं ने जिसमें पाँचों संगठनों के कार्यकत्र्ता एवं योग प्रचारक एवं संन्यासीगण एवं बह्मचारीगण लगातार रात-दिन सेवा में लगे रहे। मुख्य केंद्रीय प्रभारी भाई राकेश जी के मार्गदर्शन में श्री भास्कर जी राज्य प्रभारी, भारत स्वाभिमान (उत्तराखंड), महिला राज्य प्रभारी, सीमा जी, सुधांशु जी राज्य प्रभारी, भारत स्वाभिमान (उ.प्र.मध्य), प्रताप सिंह जी, सहराज्य प्रभारी, पतंजलि योग समिति (उ.ख.), श्री हरीश जौहर जी पूर्व राज्य प्रभारी, नरेश गौतम जी, राज्य प्रभारी, प.यो.स. (हिमाचल प्रदेश), डाॅ. सोहन द्विवेदी पूर्व राज्य प्रभारी, कमलेश जी (युवा भारत) भुवनेश जी राज्य योग निरीक्षक, व उत्तराखंड के कार्यालय प्रभारी राजेंद्र जी (उत्तराखंड) श्री नितिन जी (उ.प्र., मध्य) श्री कृष्णवीर जी (उ.प्र.,प.) ये कार्यालय का कार्य संभाल रहे जिम्मेदार व मेहनती टीम तथा सेवाव्रती रामबाबू जी, आनंद सिंह जी, मुन्नी वैष्णव जी, बलवीर सिंह, मुकेश जी, पंकज शर्मा जी, अमित बिष्ट जी, जितेंद्र मियां जी, पुष्पा गुसाईं जी, गुडकेश जी, राजकुमार जी, आकेश जी, कमला जी, सुनीता लखेड़ा जी, माया पवार जी, प्रतिभा सैनी जी, ईश्वरी दत्त कोटिया जी, प्रभात जी, प्रवीण आर्य जी, देशबन्धु जी, माता प्रेमलता जी, नरेश जी, पूरन सिंह रावत जी सदानन्द जी, सुनीता जी तथा लगभग 300 बस प्रभारी व 300 सहप्रभारी जिन्होंने 21 जून के कार्यक्रम के लिये सम्र्पक, संवाद व प्रोटोकाॅल का प्रशिक्षण दिया। इन सभी भाई-बहनों के पुरुषार्थ से यह बहुत बड़ा कार्यक्रम सम्पन्न हो पाया। उपरोक्त के अतिरिक्त केन्द्रीय कार्यालय-भारत स्वाभिमान से भी रात-दिन पुरुषार्थ में लगे रहे भाई राम आशीष जी, भाई दिलीप जी, स्वामी तीर्थदेव जी, आ.भाई विनोद जी प्रवीण जी सोशल मीडिया से डाटा ऐन्ट्री रिंकू जी, नीरव जी, सोहनलाल का भी इस कार्यक्रम के संचालन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा।
.मोहन योगी

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