न्यूयाॅर्क टाइम्स ने ट्रम्प से की श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की तुलना

न्यूयाॅर्क टाइम्स ने ट्रम्प से की श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की तुलना

नई दिल्ली। 2018 में कुछ समय पूर्व नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भारत सरकार के कई मंत्रियों के अलावा कई जानी-मानी हस्तियाँ एकत्र हुई थीं। ये सब एक अलग ही तरह की शख्सियत की बाॅयोपिक फिल्म को देखने के लिए आए थे जिसका शो पहली बार उस शाम को दिखाया जाना था, मंच के बीच में मुस्कराते राजनेताओं और कैबिनेट के सदस्यों के बीच एक शख्स भी बैठा था जिसके जीवन पर यह फिल्म केन्द्रित थी, शरीर पर लम्बी केसरिया धोती, लम्बी दाढ़ी, छाती पर घने बाल और बालों…

नई दिल्ली। 2018 में कुछ समय पूर्व नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भारत सरकार के कई मंत्रियों के अलावा कई जानी-मानी हस्तियाँ एकत्र हुई थीं। ये सब एक अलग ही तरह की शख्सियत की बाॅयोपिक फिल्म को देखने के लिए आए थे जिसका शो पहली बार उस शाम को दिखाया जाना था, मंच के बीच में मुस्कराते राजनेताओं और कैबिनेट के सदस्यों के बीच एक शख्स भी बैठा था जिसके जीवन पर यह फिल्म केन्द्रित थी, शरीर पर लम्बी केसरिया धोती, लम्बी दाढ़ी, छाती पर घने बाल और बालों का जूड़ा बांधे बैठे ये शख्स कोई और नहीं बल्कि योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज थे। ये बाते न्यूयाॅर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखी हैं।

अखबार ने लिखा है कि भारी जनसमूह के बीच योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने माइक लिया और वहाँ पर बैठे ब्रह्मचारी छात्रों का परिचय कराया। हर किसी ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। वहां पर मौजूद लोगों ने हाथ उठाकर कहा, ‘भारत महान है’- एक-एक करके सभी लोगों ने श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने असाधारण जीवन पर प्रकाश डाला, यहाँ पर बताया गया कि कैसे उन्होंने योग कैंप चलाकर भारत के मिडिल क्सास में फिटनेस लाने का काम किया, कैसे उन्होंने औषधि और कंज्यूमर गुड्स कम्पनी पतंजलि आयुर्वेद बनाई और कैसे उन्होंने करोड़ों का साम्राज्य स्थापित किया।

योग से विश्व की दिशा बदल दी:

एक वक्ता ने कहा, ‘श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने विश्व की दिशा बदल दी है’ दूसरे वक्ता ने कहा, ‘श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने देश को बदल दिया है जो पश्चिमी सभ्यता की ओर जा रहा था। उन्होंने पोशाक, भोजन संस्कृति के साथ-साथ योग की दिशा भी बदल दी है।’ इसके बाद फिल्म प्रदर्शित की गई जिसमें परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के जीवन के शुरूआती संघर्ष को बताया गया।

बिली ग्राहम जैसे हैं श्रद्धेय स्वामी जी महाराज :

रिपोर्ट में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की तुलना दक्षिण-पूर्ण के बापटिस्ट फायरब्रांड बिली ग्राहम से की गई है जो अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों को सलाह देते रहे हैं, श्रद्धेय स्वामी जी महाराज हिन्दुओं के अधिकारों की सशक्त आवाज हैं।

ट्रंप से समानता:

बिजनेस और राजनीति में भूमिका को देखें तो एक तरह से, श्रद्धेय स्वामी जी महाराज, भारत के डोनाल्ड ट्रंप हैं और इस बात की संभावना ज्यादा है कि वह खुद प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं, ट्रम्प के जैसे, उनके पास करोड़ों का साम्राज्य है, ट्रम्प के जैसे वह बहुत बड़ी टीवी शख्सियत हैं, मई में, उन्होंने आटा नूडल, अन्य हर्बल दवाओं, गोमूत्र से बने फ्रलोर क्लीनर के बाद स्वदेशी सिम कार्ड लाने की घोषणा की थी। एक तरह से देखा जाए तो श्रद्धेय स्वामी जी महाराज कई मायनें में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जैसे हैं। पिछले साल उनकी जीवनी को रिलीज करने से रोक दिया गया था। श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज किसी देश के प्रधानमंत्री से अधिक पावरफुल हैं।

‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के करीबी मित्र’:

अखबार ने यह भी लिखा है कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने 2014 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए आन्दोलन चलाया। उन्होंने कई मौकों पर पीएम मोदी जी के साथ मंच साझा किया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने पीएम मोदी जी को ‘करीबी मित्र’ बताया था और प्रधानमंत्री मोदी भी पतंजलि के उत्पादों की तारीफ कर चुके हैं।

हिन्दुत्व को बदला:

श्रद्धेय स्वामी जी महाराज एक आध्यात्मिक गुरु से भी आगे बहुत कुछ हैं। राजनीतिक संरक्षक से इतर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज उस मीडिल क्लास के बीच एक सही संदेश प्रचारक हैं जिसका पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समाजवाद से मोह भंग हो रहा है। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला चुके हैं। वह स्वदेशी वस्तुओं और भारतीय आर्थिक राष्ट्रवाद के बढ़ावा देने विदेशी कम्पनियों के खिलाफ मुहिम छेड़ चुके हैं। सच्चाई यह है कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने हिंदुत्व को बहुत हद तक बदल दिया है। देशभक्ति, स्वास्थ्य और धर्मनिष्ठता का मेल हिन्दू राष्ट्रवाद को उभारता है। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के साम्राज्य का केन्द्र हरिद्वार है। यह हिन्दू मान्यता के अनुसार पवित्र स्थान है। हजारों श्रद्धालु हर वर्ष यहाँ गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। ऋषिकेश भी यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है जहाँ 60 के दशक में महर्षि महेश योगी केन्द्र था। पतंजलि का मेन आॅफिस किसी एयरपोर्ट से कम नहीं है। इसके अन्दर पार्किंग लाॅट्स, लम्बा-चैड़ा कैफैटेरिया, लाॅन और फव्वारे हैं। यदि आप यहां पर पतंजलि यूनिवर्सिट के छात्रों की ‘योग विज्ञान विभाग’ जर्सी को नहीं पढ़ पाए तो हो सकता है कि आपको सिलिकाॅन वैली का भ्रम हो जाए। रिपोर्ट में लिखा गया है कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की थोड़ी दूर कुटीया है। रिपोर्ट के मुताबिक, श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की पतंजलि ने पिछले एक दशक में 1.6 अरब डाॅलर का कारोबार किया है। टीवी खोलते ही पतंजलि के उत्पादों के विज्ञापन नजर आने लगते हैं। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने पतंजलि की सफलता पर चर्चा करते हुए उसके विस्तार के बारे में बताया। वह 2025 तक अपना सालाना कारोबार को 15 अरब डाॅलर तक ले जाना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो पतंजलि देश की सबसे बड़ी कम्पनी होगी। उन्होंने रिपोर्टर को बताया कि पतंजलि के सीईओ पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज एक भी पैसा नहीं लेते और उनका कोई बैंक खाता भी नहीं है।

 -साभारः  http://zeenews.india.com/hindi/india/nyt-compares-baba-ramdev-to-trump-says-he-may-be-the-next-pm/424548*

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना