कार्यकर्तायों की दृष्टि में विश्व योगदिवस

कार्यकर्तायों की दृष्टि में विश्व योगदिवस

 परम् पूज्य योगर्षि के सान्निध्य में पश्चिम ने किया योग पूरी दुनिया को भारत की अनमोल देन है योग: योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज 21 जून को चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पंतजलि योगपीठ हरिद्वार द्वारा इस वर्ष का विश्व योग दिवस का कार्यक्रम शिक्षा नगरी के नाम से विख्यात राजस्थान के कोटा शहर में  मनाया गया। इस अवसर पर योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के सान्निध्य में जहां तीन दिवसीय योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर का आयोजन 19 जून से 21 जून तक किया गया। वहीं योगपीठ…

 परम् पूज्य योगर्षि के सान्निध्य में पश्चिम ने किया योग
पूरी दुनिया को भारत की अनमोल देन है योग: योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज

21 जून को चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पंतजलि योगपीठ हरिद्वार द्वारा इस वर्ष का विश्व योग दिवस का कार्यक्रम शिक्षा नगरी के नाम से विख्यात राजस्थान के कोटा शहर में  मनाया गया। इस अवसर पर योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के सान्निध्य में जहां तीन दिवसीय योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर का आयोजन 19 जून से 21 जून तक किया गया। वहीं योगपीठ और राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में राज्य स्तरीय मुख्य समारोह 21 जून को आरएसी ग्रांउड में आयोजित किया गया।

अविस्मरणीय एतिहासिक पल:

इस समारोह की सबसे मुख्य बात ये रही कि एक ही स्थान पर दो लाख से अधिक लोगों ने सामुहिक योगाभ्यास कर विश्व रिकार्ड बनाया और कोटा के इस योग कार्यक्रम को अविस्मरणीय एतिहासिक बना दिया। दो लाख से अधिक लोगों के इस विशाल जन समुह को देखकर स्वयं श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कोटा के लोगों के उत्साह एवं योग के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुये कहा कि में योग के लिये बीस लाख कि.मी. की यात्रा कर चुका हूं और करीब दस करोड से अधिक लोगों को योग सिखा चुका हूं लेकिन कोटा का आज का शिविर अभुतपूर्व है। गिनिज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के प्रतिनिधियों की टीम ने कोटा मे बने विश्वरिकार्ड की पुष्टि करते हुये श्रद्धेय स्वामी जी महाराज, पूज्य आचार्य श्री व राजस्थान की मुख्यमंत्री मा.श्रीमती वसुन्धरा राजे जी को सर्टिफिकेट प्रदान किया। आयुर्वेद शिरोमणी श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी ने कार्यक्रम के मुख्य मंच पर उपस्थित होकर पूज्य स्वामी जी महाराज के साथ साधकों को योगदान के साथ-साथ अपने आशीर्वचनों से निहाल कर दिया। आपकी उपस्थिती मात्र से कोटा आयुर्वेद विशेष चिकित्सकों एवं वैद्यों को एक चिकित्सक का आचरण आचार व्यवहार तथा जीवन किस प्रकार का होता है सीखने की प्रेरणा मिली। कोटा के लोगों की योग के प्रति श्रद्धा एवं भावना की पूज्य आचार्य जी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की और इसके लिए कोटा में कार्य कर रही पूरी टीम का उत्साहवर्धन किया तथा योग आयुर्वेद एवं अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा करते हुए मार्गदर्शन किया।

संतों तो नमन:

महिला मुख्य केंन्दीय प्रभारी बहन साध्वी देवप्रिया जी पवित्र उपस्थिति में भी हमारे समक्ष इस योग यज्ञ में वैदिक कालीन गार्गी मैत्री अपाला घोषा जैसी ऋषिकाओं के प्रत्यक्ष चित्रण को मन मस्तिश्क में पुनः सजीव कर दिया संन्यासी वृंदा शिरोमणि की इस कोटा की धारा पर आगमन से हाडोती की यह भूमि गौरवान्वित हो गई जिन्होंने साध्वी देवप्रिया जी से योग सूत्र एवं भाष्य का श्रवण किया होगा वही अंदाजा लगा सकते है कि योग की इस क्रांति मशाल को प्रज्ज्वलित रखने में आपका योगदान हैं। बहन साध्वी देवप्रिया जी यद्यपि कोटा में आपका प्रभाव थोड़े ही समय का रहा हो किंतु इस विशाल योग कार्यक्रम की रूपरेखा निर्माण से लेकर विश्व रिकाॅर्ड निर्माण तक समय-समय पर आपके द्वारा हमको मार्गदर्शन एवं निर्देश प्राप्त होता रहा। आपके आगमन से बहनों में भी उत्साह का संचार हुआ। कोटा मे आयोजित विश्व के इस सबसे विशालतम योग कार्यक्रम के पीछे जहां श्रद्धेय स्वामी जी महाराज का अर्शिवाद, उपस्थिति मुख्य कारण रहे वहीं राजस्थान सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों का प्रयास भी सार्थक रहा किन्तु मेरी नजर ने जो विश्लेषण किया तो एक ओर व्यक्तित्व का नाम उभर के सामने आता है। जिसके अथक् एवं सत्त परिश्रम ने विश्व योग दिवस के इस कार्यक्रम को हिमालय की बुलंिदयों तक पहुंचाया वह शख्सियत है, डाॅ0 जयदीप आर्य। डाॅ0 जयदीप आर्य जी के अतुलनीय परिश्रम का मुल्यांकन कर बिना कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित भी नही की जा सकती है। अपै्रल के शुरूआत मे जब पतंजलि योगपीठ ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिये कोटा का चयन किया तो भारत स्वाभिमान का कार्यकर्ता होने के नाते अत्यंत प्रसन्नता हुई वही मन मे एक अज्ञात भय ने धर कर लिया। हमेशा डर बना रहता कि इतने बढे कार्यक्रम के आयोजन मे कोई कमी तो नहीं रह जायेगी, न जाने क्या होगा। ऐसी स्थिति में डाॅ0 जयदीप आर्य जी ने हमारा उत्साह वर्धन करते हुये कहा कि योग कार्य को कुशलता पूर्वक सम्पन्न करने की विधा सिखाता है धैर्य एवं समर्पण से कार्य करेगें तो निश्चित रूप से कोटा का योग दिवस समारोह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की गरीमा के साथ पूर्ण होगा।

विश्व रिकाॅर्ड का प्रथम लक्ष्य:

कार्यक्रम की तैयारियों के प्रारभं से ही आदरणीय डाॅ0 जयदीप आर्य जी की यह सोच रही कि कोटा का कार्यक्रम अन्र्तराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिये शायद इसके पीछे मुझे लगता है कि मन मे वो बात खटक रही थी कि तीसरे योग दिवस के अवसर पर अहमदाबाद मे पंतजलि के योग साधकों द्वारा जो सामुहिक योग का रिकार्ड बनाया गया था उसे तोड़ते हुये मैसूर के 55,225 लोगों ने योग कर रिकार्ड अपने नाम कर लिया था, यही बात उनके मन मस्तिष्क को उद्देलित कर पे्ररणा दे रही थी कि पंतजलि के माध्यम से इतने विशाल स्तर पर सामुहिक योग का रिकार्ड बनाया था, जिसको आसपास भी कोई फटक न सके इसलिये शुरूआत से ही दो लाख से अधिक लोगो को योग करने का लक्ष्य निर्धारित कर कोटा के इस अदभुत अकल्पनीय योग कार्यक्रम का परियोजना तैयार की गई राज्य सरकार के प्रशासनिक अमले का इतनी बढ़ी संख्या मे लोगों के योग करने की तैयारियों के लिये मनाना आपके प्रशासनिक कौशल का निर्देशन है। दूसरी बात डाॅ.जयदीप जी आर्य का मानना रहा है कि युवा पीढ़ी को योग से जोड़ा जाय। इसलिये अन्य किसी दूसरे बडे शहर को प्राथमिकता न देते हुये अपेक्षाकृत छोटे किन्तु छात्रो किशोरो और युवाओं के सपनों के शहर कोटा के चयन को वरियता प्रदान की। क्योकि अपनी कोचिंग इंडस्ट्रिज की वजह से कोटा मे बढी संख्या मे किशोर एवं युवा देश के प्रत्येक हिस्से से आकर इंजीनियरिंग एवं मेडीकल की कोचिंग लेते है। वे कहते थे कि युवा यहां से योग का संदेश लेकर निकलेगा तो वह संदेश को देश के कोने-कोने तक पहुंचायेगा। भारत स्वाभिमान के मुख्य केंद्रीय प्रभारी होने के कारण आपका प्रबंधक कोैशल प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसों के अवसर पर ही देखने को मिलता रहा है किन्तु कोटा मे योग कार्यक्रम यह प्रबंधीय कला पूर्णिमा के चंद्रमा के समान संपूर्णता को प्राप्त होती हुई दिखलाई दी। जिसकी चाँदनी मे योग का यह कार्यक्रम देशो की सीमायें लांघ सात समुन्दर पार सुदुर लंदन तक पहुंच गया और पूज्य स्वामी जी महाराज के लंदन मे भी इस कार्यक्रम की सभी के द्वारा मुक्त कंठ से प्रशसां सुनने को मिली।

योग दिवस के अवसर पर यदि कोई सबसे बडी चुनौती थी तो वह थी दो लाख से अधिक लोगों को कार्यक्रम स्थल पर आने के लिये अंन्तःपे्ररणा प्रदान करना। यह काम आपने बखुबी कर दिखाया। राज्यो से पधारे योग प्रचारको, कार्यकताओं एवं सेवाव्रतियों के अन्दर जोश भरकर अभी नहीं तो कभी नही के भाव से कार्य करने का जो आग आपने जेठ के तपते सूर्य के ताप से तुलना करते हुये दिनों दिन बढती ही चली गई। हर एक कार्यकर्ता लोगों को योग शिविर मे लाने के लिये प्राण से जुट गया। योगरथ, से प्रचार, पीले चावल देकर निमंत्रण देना, मिस्डकाल से रजिस्टेशन, वार्ड के अनुसार योग सभाओ को संचालन, संगीत एवं नुक्कड नाटक का आयोजन, स्वयंसेवी एवं धार्मिक संस्थाओ से जनसम्पर्क करना, एक कुशल सेनापति की भांति व्युह रचना कर आपने अपनी नेतृत्व क्षमता से सबको अभिभूत कर दिया।

कार्यक्रम में कुशल व्यवस्था:

कार्यक्रम के लिये कोटा मे स्थान चयन से लेकर, परिवहन व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, आवास व्यवस्था, भोजन-व्यवस्था, मंच का संचालन, कोचिंग छात्रों को मोटिवेट करना, प्रशासन एवं सरकार की विभिन्न ऐजेन्सी के बीच सुन्दर समन्वयन स्थापित करना तथा विश्व रिकार्ड के लिये व्यवस्थाओ का जुटाना आदि। प्रत्येक क्षेत्र मे आपकी पैनी निगाहे हमेशा जमीं रहती थी जिस कार्यकर्ता को उसी समता योग्यता के अनुसार क्या दायित्व सौपंना है आपके कुशल प्रशासन के उदाहरण है। आपका यह कथन कि प्रत्येक कोटा निवासी के अन्दर विश्व के सबसे विशाल योग कार्यक्रम का हिस्सा बनने के गौरव का भाव जगायें जो इतिहास कोटा में रचा जायेगा उसका अतिमं अंग बनकर कोटा के लोग स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर सके। ऐसी भावना के साथ लोगों का जोड़ने का पवित्र कार्य आपके निर्देशन मे कार्यकर्ताओं ने किया।

यहां मे उस धटना विशेष का उल्लेख जरूर करना चाहूंगा कि जब 18 जून की रात अचानक आई आंधी तुफान और बारिश ने योग शिविर स्थल की सभी व्यवस्थाओं को तहस नहस कर दिया और एक अनहोनी की आंशका ने कार्यकताओं को धेर लिया कि कल का योग शिविर केसे होगा। जिस समय बडे बडे प्रशासनिक अधिकारियो के मुख पर चिंता की रेखा धिर आई सभी लोग तथा कार्यकर्ता हतोत्साहित दिखाई देने ले तब उस विपरित परिस्थिति मे बिना धबराये गीता के इस महावाक्य ‘‘तस्मात् योगाय सुजस्व, योगःकर्मसु कौशलम्’’ को स्मरण करते हुये पूज्य स्वामी जी के आशिर्वाद से एक कुशल सेनापति की भांति आपने अपने कार्यकताओं के अन्दर जोश उत्साह एवं कुछ कर गुजरने की भावना भरते हुये संकल्प दिलाते हुये कहा कि हम हटेगें नही, रूकेगें नहीं, डटे रहेगें। और इस योग महोत्सव को सफल बनायेंगें। यह स्वाभिमान एवं शैर्य के प्रदर्शन का समय है। आपके इस ओजस्वी वाणी ने कार्यकताओ के अन्दर एक नये रक्त का संचार कर दिया और सुबह होने से पूर्ण सारी व्यवस्था पुनः दुरूस्त कर ली गई तथा ठीक 5 बजे ओम् के नाम के परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के सान्निध्य मे कोटा मे योग का उजियारा हुआ। उस दिन मुझे इतिहास की किताबो के पढ़े तो पन्ने स्मरण हो आये जिनमें पढा था कैसे महान सेनापतियों ने अपनी हतोत्साहित सेनाओ मे जोश भर हार को भी जीत मे तब्दील कर दिया। डाॅ0 जयदीप आर्य जी प्रबधंन के एक ऐसे ही शिल्पकार का नाम है। डाॅ. जयदीप आर्य जी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन हेतु 15 अगस्त के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मा.मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी राजस्थान सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है।

जिला स्थानीय प्रशासन एवं संगठन भाई-बहनों का सहयोग:

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री गौरव गोयल जी, जिला कलेक्टर (कोटा), रेजोनेन्स मे मुखिया श्री आर.के.वर्मा, ऐलन कैरियर पाइंट के मुखिया भाई गोविन्द महेश्वरी जी, श्री राजेश जी तथा रेजोनेन्स शैक्षणिक संस्थान, कोटा के ब्म्व् श्री आशीष जी एवं श्री सोमवीर तायल जी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रेणू तायल जी ने अथक योगदान दिया। संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से श्री अरविन्द पाण्डेय जी, राज्य-प्रभारी भारत स्वाभिमान (राजस्थान-पूर्व), श्री कुलभूषण बैराठी जी, राज्य-प्रभारी पतंजलि योग समिति (राजस्थान-पूर्व), बहन विजय लक्ष्मी जी, राज्य-प्रभारी महिला पतंजलि योग समिति (राजस्थान), श्री विनो पारिक जी, राज्य प्रभारी भारत स्वाभिमान (राजस्थान-पश्चिम), श्री संदीप कासनिया जी, राज्य-प्रभारी युवा भारत (राजस्थान-पूर्व), श्री विरेन्द्र जी, राज्य-प्रभारी, पतंजलि किसान सेवा समिति (राजस्थान-पूर्व), बहन सुशीला जी, सह-राज्य प्रभारी, महिला पतंजलि योग समिति (राजस्थान), श्री राजेन्द्र आर्य जी, भारत स्वाभिमान राज्य प्रभारी (मध्य प्रदेश-पश्चिम), युवा-भारत राज्य प्रभारी-दिल्ली, श्री बलदेव सिंह जी, राज्य संगठन मंत्री (राजस्थान-पूर्व), श्री विवेक गर्ग जी, जिला प्रभारी, भारत स्वाभिमान (कोटा), कोटा से मुख्य कार्यकर्ता श्री प्रदीप जी, जिला प्रभारी, पतंजलि योग समिति, बहन मिथलेस जी, जिला प्रभारी, महिला पतंजलि योग समिति, श्री परमानन्द जी, जिला प्रभारी, युवा भारत, श्री प्रहलाद जी, जिला प्रभारी, पतंजलि किसान सेवा समिति, श्री लक्ष्मण जी, सह-जिला प्रभारी, भारत स्वाभिमान, श्री कर्मपाल जी, प्रान्त कार्यालय प्रभारी (राजस्थान-पूर्व), श्री कपिल जी, एस.ओ. (कोटा), पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार सेवाव्रती चंदन जी, भाई संजय जी, योग-निरीक्षक श्री भगीरथ पुरुषार्थी जी, श्री रज्ज्नकान्त जी ने अपने-अपने क्षेत्र में निर्धारित कार्यों को बहुत कुशलता के साथ निभाया एवं यथासम्भव स्वयं सेवा दी। अतः परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि आपके इन्ही प्रबन्धकीय कुशल नेतृत्व मे योग के विस्तार का यह निरंतर प्रगति का पथ पर चलता रहें।
अरविंद पाण्डेय
राज्य प्रभारी, भारत स्वाभिवान-राजस्थान (पूर्व)

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