स्वदेशी से समृद्धि एवं स्वावलम्बन यात्रा के तहत श्रद्धेय आचार्य श्री की ‘देशव्यापी बैठकें’
स्वदेशी से स्वावलम्बी भारत बनाने के संकल्पों को मूत्र्त रूप देने के लिए परम श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज विगत दिनों राष्ट्रव्यापी यात्रा पर थे। यात्रा में बैठकों का अनवरत दौर हर राज्य में पूरे उत्साह के साथ चला। यात्रा के दौरान पतंजलि समर्पित कार्यकत्र्ता, योगशिक्षक तथा स्वदेशी अभियान से जुड़े सभी भाई-बहनों में विशेष उत्साह रहा। सभी जगह उत्साही कार्यकत्र्ताओं ने श्रद्धेय आचार्य श्री का जोरदार स्वागत व सम्मान किया तथा पूज्य स्वामी जी महाराज के स्वदेशी अभियान को जन-जन का अभियान बनाकर घर-घर तक पहुँचाने का संकल्प लिया।…
स्वदेशी से स्वावलम्बी भारत बनाने के संकल्पों को मूत्र्त रूप देने के लिए परम श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज विगत दिनों राष्ट्रव्यापी यात्रा पर थे। यात्रा में बैठकों का अनवरत दौर हर राज्य में पूरे उत्साह के साथ चला। यात्रा के दौरान पतंजलि समर्पित कार्यकत्र्ता, योगशिक्षक तथा स्वदेशी अभियान से जुड़े सभी भाई-बहनों में विशेष उत्साह रहा। सभी जगह उत्साही कार्यकत्र्ताओं ने श्रद्धेय आचार्य श्री का जोरदार स्वागत व सम्मान किया तथा पूज्य स्वामी जी महाराज के स्वदेशी अभियान को जन-जन का अभियान बनाकर घर-घर तक पहुँचाने का संकल्प लिया। केरल व तमिलनाडु प्रवास के दौरान पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि हमें गर्व है कि केरल व तमिलनाडु के स्वदेशी अभियान से जुड़े हुए व पतंजलि परिवार के अन्य सभी स्थानीय कार्यकर्ताओं ने स्वयं बाढ़ पीड़ित होते हुए भी वहाँ लोगों की खूब सेवा की। पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि ऐसे लोगों से मिलकर भी हमें गर्व की अनुभूति हो रही है।
नागपुर, विदर्भ तथा गोवा में भी आचार्यवर ने स्वदेशी समृद्धि अभियान मंे चुने हुए सैकड़ों कार्यकत्र्ताओं के साथ घण्टों बैठकें की। पूज्य आचार्य श्री ने बताया कि महाराष्ट्र के पिछड़े क्षेत्रों, गाँवों व किसानों से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि हम ऐसे पिछड़े क्षेत्रों में स्वदेशी के माध्यम से हजारों परिवारों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। स्वदेशी अभियान के द्वारा गाँव-गाँवों तक शुद्ध उत्पादों की पहुँच बन रही है।
सभी कार्यकर्ताओं ने ‘श्रद्धेय स्वामी जी’ के स्वदेशी अभियान को जन-जन का अभियान बनाकर घर-घर तक पहुँचाने का लिया संकल्प।
ऽ महाराष्ट्र के पिछड़े क्षेत्रों, गाँवों व किसानों से जुड़े विषयों पर की चर्चा।
ऽ श्रद्धेय आचार्य श्री ने स्वदेशी एवं स्वावलम्बन यात्रा के दौरान उड़ीसा, कर्नाटक, चैन्नई, केरल, तमिलनाडु, हैदराबाद, महाराष्ट्र एवं गुजरात इत्यादि राज्यों में बैठकें की।
ऽ हमें प्रसन्नता है कि हम ऐसे पिछड़े क्षेत्रों में स्वदेशी के माध्यम से हजारों परिवारों को रोजगार उपलब्ध करा रहे है। -श्रद्धेय आचार्य श्री