बैठक: किसानों की आय बढ़ानें को पतंजलि ने बढ़ाए कदम….
हरिद्वार। किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में चार दिवसीय पतंजलि कृषक समृद्धि कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। इस मौके पर भाभा एटाॅमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और पीबीआरआई के सहयोग से विकसित सीता मृदा परीक्षण किट भी लांच की गई। मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के डाॅयरेक्टर जनरल डाॅ. त्रिलोचन महापात्र जी ने कहा कि किसानों के परिश्रम के फलस्वरूप आज हम खाद्यान्न, दलहन, दुग्ध उत्पादन, पशु पालन, मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर हुए हैं। महापात्र ने कहा कि…
हरिद्वार। किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में चार दिवसीय पतंजलि कृषक समृद्धि कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। इस मौके पर भाभा एटाॅमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और पीबीआरआई के सहयोग से विकसित सीता मृदा परीक्षण किट भी लांच की गई। मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के डाॅयरेक्टर जनरल डाॅ. त्रिलोचन महापात्र जी ने कहा कि किसानों के परिश्रम के फलस्वरूप आज हम खाद्यान्न, दलहन, दुग्ध उत्पादन, पशु पालन, मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर हुए हैं। महापात्र ने कहा कि जैविक कृषि को उन्नत बनाने के लिए पतंजलि के माध्यम से जो कार्य किया जा रहा है वह निश्चित ही सराहनीय है।
कार्यक्रम में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि देश में आज सभी क्षेत्रों में अभिनव क्रांति हो रही है। माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का लक्ष्य वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दो गुना करना है। इसके अंतर्गत हम जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज लगभग 25 प्रतिशत दुनिया जैविक कृषि की ओर लौट रही है। लोग जैविक कृषि उत्पादों को चार गुना अधिक मूल्य पर भी खरीदने को तैयार हैं। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि महंगे रसायनों से जहां किसान दरिद्र हो रहा है वहीं जलवायु, मिट्टी, अन्न और पशुओं का चारा भी प्रदूषित व जहरीला हो रहा है। इससे कैंसर जैसे भयानक रोगों से ग्रसित रोगियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
ऽ 25 प्रतिशत दुनिया जैविक कृषि की ओर लौट रही है: स्वामी जी महाराज