दक्षिण कोरिया में होगी पतंजलि योगपीठ की स्थापना

दक्षिण कोरिया में होगी पतंजलि योगपीठ की स्थापना

दक्षिण कोरिया के साथ भारतीय परपंराओं का सुदृढ़ संबंध स्थापित करेंगे: पूज्य स्वामी जी महाराज हरिद्वार। दक्षिण कोरिया में ताइक्वांडो (मार्शल आर्ट) के जन्म स्थान पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के साथ श्रद्धेय गुरुदेव आचार्य प्रद्युम्न जी महाराज, डाॅ. यशदेव शास्त्री जी, श्री राकेश कुमार जी, आचार्य विवेकानन्द सहित 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने मिर्यांग अंतर्राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में भाग लिया। कोरिया पहुँचने पर मिर्यांग शहर और एसोचैम कोरिया के गणमान्य प्रतिनिधियों ने सबका भव्य स्वागत किया। मिर्यांग के मेयर श्री आई आई हो पार्क ने कोरिया में पतंजलि…

दक्षिण कोरिया के साथ भारतीय परपंराओं का सुदृढ़ संबंध स्थापित करेंगे: पूज्य स्वामी जी महाराज
हरिद्वार। दक्षिण कोरिया में ताइक्वांडो (मार्शल आर्ट) के जन्म स्थान पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के साथ श्रद्धेय गुरुदेव आचार्य प्रद्युम्न जी महाराज, डाॅ. यशदेव शास्त्री जी, श्री राकेश कुमार जी, आचार्य विवेकानन्द सहित 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने मिर्यांग अंतर्राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में भाग लिया। कोरिया पहुँचने पर मिर्यांग शहर और एसोचैम कोरिया के गणमान्य प्रतिनिधियों ने सबका भव्य स्वागत किया। मिर्यांग के मेयर श्री आई आई हो पार्क ने कोरिया में पतंजलि योगपीठ की स्थापना का प्रस्ताव रखा। मिर्यांग साउथ कोरिया के बेडमिन्टन स्टेडियम में आयोजित योग शिविर में पूज्य स्वामी जी महाराज ने बताया कि कोरिया में योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु कोरिया में पतंजलि योगपीठ की नींव र्की ईंट (फाउंडेशन स्टोन) रखने जा रहे हैं और 2020 तक भव्य योगपीठ बनकर तैयार हो जाएगा। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि मैं स्वयं यहाँ समय-समय पर आता रहूँगा और आगे एडवांस योग प्रशिक्षण के कई शिविर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरिया के साथ भारतीय परम्पराओं का सुदृढ़ सम्बंध स्थापित करेंगे। दोनों देशों की संस्कृति, सभ्यता, संस्कार और पारिवारिक मूल्यों में काफी समानता है अतः योग के द्वारा दोनों देशों के अच्छे से जोड़ पायेंगे। कार्यक्रम को लेकर योग साधकों में भारी उत्साह देखा गया। वहाँ के लोग योग के प्रति बहुत अधिक श्रद्धावान् एवं योग सीखने को आतुर प्रतीत हुए। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के आशीर्वाद से एक ‘दीपावली-मिलन’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने योग सूत्रों में आसन व्यायाम, योग निद्रा, शिथिलीकरण, प्राणायाम, सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास कराते हुए उनके लाभ एवं स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सूत्र बताए। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने आपसी संबंधों को लेकर भी जागरूक किया। आयुर्वेद की कार्य प्रणाली समझाते हएु कहा कि हमे अधिक से अधिक आयुर्वेद प्रणीत प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम में गोखले जी, अभिषेक जी, रजत जी व उनके पूरे संगठन के महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना