मतदान दिवस: संतों की केन्द्र सरकार को सलाह मंदिर निर्माण का रास्ता करें साफ

मतदान दिवस: संतों की केन्द्र सरकार को सलाह मंदिर निर्माण का रास्ता करें साफ

महर्षि दयानन्द के विचार ऐसे हैं जो मनुष्य की आत्मा को जगा देते हैं हरिद्वार। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज का कहना है कि उन्हांेने बार-बार स्पष्ट किया है कि राम मंदिर राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध रूप में राष्ट्र की अस्मिता, सम्मान, स्वाभिमान और गौरव से जुड़ा मुद्दा है। भगवान राम सभी संप्रदायों के पूर्वज हैं, इसलिए संसद मंे अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण शुरू होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और संसद की अनुमति के बिना राम मंदिर निर्माण की कोशिश करने से देश में सांप्रदायिकता का…

महर्षि दयानन्द के विचार ऐसे हैं जो मनुष्य की आत्मा को जगा देते हैं

हरिद्वार। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज का कहना है कि उन्हांेने बार-बार स्पष्ट किया है कि राम मंदिर राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध रूप में राष्ट्र की अस्मिता, सम्मान, स्वाभिमान और गौरव से जुड़ा मुद्दा है। भगवान राम सभी संप्रदायों के पूर्वज हैं, इसलिए संसद मंे अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण शुरू होना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और संसद की अनुमति के बिना राम मंदिर निर्माण की कोशिश करने से देश में सांप्रदायिकता का माहौल खराब हो सकता है।

निकाय चुनाव में मतदान करने पहंुचे योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में देरी के सवाल पर कहा कि यह सर्वविदित है कि श्रीराम मात्र हिंदुओं के नहीं बल्कि इस देश मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के पूर्वज हैं। उन्होंने कहा कि राम को लेकर कोई विपक्ष मुझे इस देश में दिखाई नहीं देता है। लिहाजा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को अब संसद में अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। क्योंकि, सुलह करने को जो भी कोशिश की गई, वह सभी नाकाम हो चुकी हैं।

योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा न्याय मंदिर संसद है और मोदी से बड़ा रामभक्त और राष्ट्रभक्त कौन हो सकता है। हम तो सबसे बड़े आशावादी हैं।

साधु-संत केवल धरना-प्रदर्शन और आंदोलन कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट से रास्ता निकलने की उम्मीद थी, लेकिन अब कोई संभावना नहीं दिख रही है। अब संसद से ही रास्ता दिख रहा है और इसके लिए संत समाज दबाव बनाएगा। उन्होंने वर्ष 2014 से पूर्व उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई न होने के सवाल पर जवाब देने से इनकार कर दिया।
ऽ राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाए केन्द्र सरकारः शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना