पतंजलि स्वदेशी अभियान से घटेगी झारखंड की बेरोजगारी

पतंजलि स्वदेशी अभियान से घटेगी झारखंड की बेरोजगारी

हरिद्वार। झारखंड की राज्यपाल महाहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा पतंजलि के स्वदेशी अभियान से झारखण्ड की बेरोजगारी खत्म हो सकती है। पतंजलि पहुंची महामहिम राज्यपाल ने योगर्षि स्वामी रामदेव और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज से मुलाकात कर स्वस्थ, रोजगारोन्मुख एवं समृद्धशाली झारखण्ड बनाने को लेकर चर्चा की। उन्होंने ग्रामोद्योग, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, पतंजलि वनस्पति रिसर्च प्लांट, आचार्यकुलम सहित योगपीठ के अन्य प्रकल्पों का भ्रमण किया। महाहिम राज्यपाल जी ने कहा कि पतंजलि के योग-आयुर्वेद एवं स्वदेशी अभियान से देश के हजारों युवा रोजगार पा…

हरिद्वार। झारखंड की राज्यपाल महाहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा पतंजलि के स्वदेशी अभियान से झारखण्ड की बेरोजगारी खत्म हो सकती है। पतंजलि पहुंची महामहिम राज्यपाल ने योगर्षि स्वामी रामदेव और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज से मुलाकात कर स्वस्थ, रोजगारोन्मुख एवं समृद्धशाली झारखण्ड बनाने को लेकर चर्चा की। उन्होंने ग्रामोद्योग, पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, पतंजलि वनस्पति रिसर्च प्लांट, आचार्यकुलम सहित योगपीठ के अन्य प्रकल्पों का भ्रमण किया। महाहिम राज्यपाल जी ने कहा कि पतंजलि के योग-आयुर्वेद एवं स्वदेशी अभियान से देश के हजारों युवा रोजगार पा रहे हैं। झारखण्ड में भी पतंजलि अभियान से लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटी के क्षेत्र में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के पास विलक्षण ज्ञान भण्डार है, झारखण्ड के दुर्लभ औषधीय वन संसाधनों को वैश्विक पहचान दिलाने में उनकी शक्ति का लाभ मिल सकता है।

श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा पतंजलि योगपीठ स्वदेशी के माध्यम से देश की आर्थिक स्वाधीनता की पैरोकार है। पतंजलि योगपीठ भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए राज्यों में सशक्त आर्थिक माॅडल विकसित करना चाहती है। पूज्य आचार्य श्री ने कहा झारखण्ड प्रदेश वनीय प्रधान एवं विविध भाषा-संस्कृतियों के विरासत वाला राज्य है। झारखण्ड के विकास के लिए पतंजलि वहाँ की जनता को योग-आयुर्वेद, स्वदेशी जैसे आंदोलनों से जोड़ेगी व वहां के किसानों को श्रेष्ठ कृषि विकल्प उपलब्ध कराने का अभियान भी चलाएगी।

* झारखण्ड की राज्यपाल महामहिम श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी का पतंजलि योगपीठ प्रवास ।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना