संस्कार शिविर: संस्कृति का उत्थान कर रहा गुरुकुलम्

संस्कार शिविर: संस्कृति का उत्थान कर रहा गुरुकुलम्

कैबिनेट मंत्री ने पतंजलि की सेवापरक और अनुसंधानपरक गतिविधियों का लिया जायजा हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही का पतंजलि आगमन हुआ। जहां उन्होंने पतंजलि गुरुकुलम् के विशेष कार्यक्रम विद्यार्थी संस्कार शिविर के समापन सत्र में भाग लिया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज और पूज्य आचार्य श्री ने कैबिनेट मंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका भव्य स्वागत किया। श्री शाही जी ने कहा कि वैदिक संस्कृति के उत्थान में पतंजलि गुरुकुलम् महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के माध्यम से योग,…

कैबिनेट मंत्री ने पतंजलि की सेवापरक और अनुसंधानपरक गतिविधियों का लिया जायजा

हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही का पतंजलि आगमन हुआ। जहां उन्होंने पतंजलि गुरुकुलम् के विशेष कार्यक्रम विद्यार्थी संस्कार शिविर के समापन सत्र में भाग लिया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज और पूज्य आचार्य श्री ने कैबिनेट मंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका भव्य स्वागत किया।

श्री शाही जी ने कहा कि वैदिक संस्कृति के उत्थान में पतंजलि गुरुकुलम् महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि योगपीठ के माध्यम से योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, अनुसंधान, कृषि और स्वदेशी क्रांति के बाद अब शिक्षा क्रांति का आरम्भ हो रहा है। पतंजलि गुरुकुलम् इसी क्रांति का एक प्रमुख चरण है। यह वैदिक शिक्षा तथा ऋषि ज्ञान परम्परा के क्षेत्र में अभिनव क्रांति है। यहां अध्ययनरत विद्यार्थी ऋषियों की संस्कृति को अंगीकार कर भारतीय संस्कृति के गौरवमयी इतिहास का पुनर्जागरण करेंगे। पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अष्टाध्यायी, महाभाष्य, गीता, उपनिषद्, वेद-वेदांग आदि आर्ष ज्ञान परम्परा में पारंगत कर उन्हें मानसिक और बौद्धिक तौर पर सुदृढ़ किया जाएगा। यहां से दीक्षित विद्यार्थी देश-विदेश में आध्यात्मिक भारत की पताका फहराएंगे। इससे पूर्व कृषि मंत्री ने पूज्य आचार्य श्री से उत्तर प्रदेश में किसानों तथा परंपरागत कृषि की बिगड़ती दशा सुधारने के लिए गहन चर्चा की। चर्चा के दौरान पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि सेवाओं के विस्तार की अपार सम्भावनाएं हैं। जैविक कृषि प्रशिक्षण, मृदा परीक्षण तथा रसायनों के दुष्प्रभाव की जानकारी के लिए समय-समय पर पतंजलि ग्रामोद्योग के माध्यम से कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। जिनमें किसानों को जैविक कृषि की ओर प्रेरित किया जा रहा है। पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि आने वाले समय जैविक उत्पादों का है। विदेशों में जैविक उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है। रसायन युक्त कृषि उत्पादों के दुष्परिणाम से वे परिचित हो चुके हैं। इसी कारण जैविक कृषि उत्पादों के दाम में तेजी से उछाल आया है। श्री शाही ने पतंजलि की विभिन्न इकाइयों में संचालित सेवापरक गतिविधियों का जायजा लिया। पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर उन्होंने पतंजलि की अनुसंधानपरक गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। -साभारः जागरण’

* वैदिक संस्कृति के उत्थान में पतंजलि गुरुकुलम् महत्त्वपूर्ण भूमिका: शाही जी

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना