करार: पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट ने किए चार कृषि विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

करार: पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट ने किए चार कृषि विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

* 100 कृषि संस्थानों और 600 कृषि विज्ञान केंद्रों में चल रहे कृषि अनुसंधान को ड्डषकों तक पहुँचाएँगे: पूज्य स्वामी जी महाराज । * पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट ने उच्च गुणवत्तायुक्त जैविक उर्वरक और जैव-कीटनाशकों के उत्पादन की तकनीक की विकसित: श्रद्धेय आचार्य श्री । हरिद्वार। पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट प्रा. लि. (पी.बी.आर.आई.), हरिद्वार के स्थापना दिवस के अवसर पर किसानों को नई कृषि की तकनीक, बीज उत्पादन में प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में आज चार कृषि विश्वविद्यालयों (प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद, तेलंगाना, इंदिरा गांधी…

* 100 कृषि संस्थानों और 600 कृषि विज्ञान केंद्रों में चल रहे कृषि अनुसंधान को ड्डषकों तक पहुँचाएँगे: पूज्य स्वामी जी महाराज ।

* पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट ने उच्च गुणवत्तायुक्त जैविक उर्वरक और जैव-कीटनाशकों के उत्पादन की तकनीक की विकसित: श्रद्धेय आचार्य श्री ।

हरिद्वार। पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट प्रा. लि. (पी.बी.आर.आई.), हरिद्वार के स्थापना दिवस के अवसर पर किसानों को नई कृषि की तकनीक, बीज उत्पादन में प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में आज चार कृषि विश्वविद्यालयों (प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद, तेलंगाना, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक तथा नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट (च्ठत्प्)) भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (प्ब्।त्), नई दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने जा रहा है, जिसके तहत प्ब्।त् के अंतर्गत आने वाले 100 कृषि संस्थानों और 600 कृषि विज्ञान केन्द्रों में चल रहे कृषि अनुसंधान को कृषकों तक पहुँचाएँगे। उन्होंने कहा कि इस समझौते ज्ञापन के तहत हम एक साथ मिलकर इन संसाधनों के द्वारा विकसित नई किस्मों और तकनीकों को किसानों के सुलभ बनाएँगे तथा इनका व्यापक प्रचार एवं प्रसार करेंगे। स्वामी जी ने बताया कि पतंजलि वर्तमान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम एवं भारतीय कृषि कौशल परिषद् के साथ मिलकर पूरे देश में 40,000 किसानों को जैविक खेती में प्रशिक्षण देने का अत्यंत कठिन कार्य कर रही है। पतंजलि किसानों को उपज के विपणन में भी सहायता देगी।

कार्यक्रम में श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट ने उच्च गुणवत्ता वाले जैविक उर्वरक और जैव-कीटनाशकों के उत्पादन की तकनीक विकसित की है, जो जैविक कृषि के तहत अच्छी फसलों की पैदावार में मदद करती है। पी.बी.आर.आई. कृषक उत्पादक संघटन, कस्टम हायरिंग सेवा केन्द्र, कोल्ड स्टोरेज, बीज गोदाम, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयाँ और अन्य आवश्यक विपणन सुविधाओं के साथ-साथ अतिरिक्त कृषि उपज पैदा करने के लिए उच्च तकनीकि सलाहकार सहायता प्रदान करने में किसानों की मदद कर रहा है। किसानों की आय का दोगुना करने के लिए स्थाई जैविक कृषि क्रियाओं के साथ मृदा स्वास्थ्य, मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण में सुधार के लिए पी.बी.आर.आई. एक समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है और कृषि विपणन प्रणाली के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों एवं उपभोक्ताओं के साथ खड़ा है, यह पतंजलि का एकमात्र उद्देश्य है।

इस अवसर पर प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद की ओर से डाॅ. पी. सुरेन्द्र बाबु, प्रधान वैज्ञानिक एवं न्।ज् फैजाबाद की तरफ से डाॅ. वीरेन्द्र नाथ, डायरेक्टर रिसर्च उपस्थित रहे।

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