अमेरिकी कम्पनी मोनसेंटो को कैंसर पीड़ित को 29 करोड़ डाॅलर देने का आदेश ।
अमेरिकी कम्पनी मोनसेंटो को कैंसर पीड़ित को 29 करोड़ डाॅलर देने का आदेश । सैन फ्रांसिस्को, एएफपी/रायटर। अमेरिका की दिग्गज कृषि रसायन कंपनी मोनसेंटो को अपने उत्पाद के चलते एक कैंसर पीड़ित को भारी-भरकम हर्जाना देना पड़ेगा। कैलिफोर्निया प्रांत की एक अदालत ने मोनसेंटो को कैंसर पीड़ित को 29 करोड़ डाॅलर (करीब दो हजार करोड़ रुपये) देने का आदेश दिया है। कैंसर पीड़ित ने अपनी बीमारी के लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा किया था। उसका कहना था कि खरपतवार को नष्ट करने…
अमेरिकी कम्पनी मोनसेंटो को कैंसर पीड़ित को 29 करोड़ डाॅलर देने का आदेश ।
सैन फ्रांसिस्को, एएफपी/रायटर। अमेरिका की दिग्गज कृषि रसायन कंपनी मोनसेंटो को अपने उत्पाद के चलते एक कैंसर पीड़ित को भारी-भरकम हर्जाना देना पड़ेगा। कैलिफोर्निया प्रांत की एक अदालत ने मोनसेंटो को कैंसर पीड़ित को 29 करोड़ डाॅलर (करीब दो हजार करोड़ रुपये) देने का आदेश दिया है। कैंसर पीड़ित ने अपनी बीमारी के लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए मुकदमा किया था।
उसका कहना था कि खरपतवार को नष्ट करने में इस्तेमाल होने वाले उसके राउंडअप उत्पाद के कारण उसे कैंसर हो गया। वह मौत के कगार पर पहुंच गया है। इस उत्पाद में मुख्य रूप से ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल किया जाता है। कई विशेषज्ञ इसे कैंसर का कारण मानते हैं। सैन फ्रांसिस्को की अदालत ने पाया कि मोनसेंटो ने अपने उत्पाद से कैंसर के खतरे की चेतावनी नहीं दी थी।
इसकी चपेट में आकर ड्वेन जाॅनसन (46) बीमार पड़ गया। तीन हफ्ते तक चली सुनवाई के बाद ज्यूरी ने दंडात्मक हर्जाने के तौर पर 25 करोड़ डाॅलर और क्षतिपूर्ति के तौर पर 3.9 करोड़ डाॅलर देने का आदेश दिया। फैसले के बाद जाॅनसन ने कहा, ‘‘मैं ज्यूरी के सभी सदस्यों को दिल से शुक्रिया कहना चाहता हूं।’’ दो बच्चों के पिता जाॅनसन साल 2012 से सैन फ्रांसिस्को के पास स्थित बेनेशिया स्कूल में राउंडअप का इस्तेमाल कर रहे थे। वह स्कूल में बतौर ग्राउंडकी पर कार्यरत थे। राउंडअप का अमेरिका में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। जाॅनसन को 2014 में कैंसर के एक प्रकार हाॅजकिन्स लिम्फोमा से पीड़ित पाया गया। इस बीमारी में ह्वाइट ब्लड सेल्स प्रभावित होती हैं। जाॅनसन ने 2016 में मुकदमा किया था। उनकी गंभीर अवस्था को देखते हुए अदालत ने मामले की शीघ्र सुनवाई की।
अपील करेगी कंपनी: फैसला आने के बाद मोनसेंटो ने बयान में कहा, ‘‘हम जाॅनसन और उनके परिवार के प्रति सहानुभूति रखते हैं।’ कंपनी ने फैसले के खिलाफ अपील करने का वादा किया और अपने उत्पाद का बचाव भी किया। कंपनी का दावा है कि अमेरिका की पर्यावरण रक्षा एजेंसी सितंबर 2017 में ग्लाइफोसेट को कैंसर कारक नहीं पाया था।
मोनसेंटो पर हैं पांच हजार मुकदमे: यह पहला मुकदमा है जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी के उत्पाद कैंसर कारक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में मोनसेंटो की हार से उसके खिलाफ अमेरिकी अदालतों में पांच हजार से ज्यादा मुकदमों के लिए रास्ता खुल जाएगा। इनमें यह दावा है कि वे भी उसके उत्पाद में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ ग्लाइफोसेट से पीड़ित हैं।
डब्ल्यूएचओ ने बताया कैंसरकारक: डब्ल्यूएचओ की इंटरनेशनल एजेंसी फाॅर रिसर्च आॅन कैंसर ने ग्लाइफोसेट को ऐसे पदार्थो की सूची में रखा है जिनसे कैंसर होने की आशंका रहती है। ग्लाइफोसेट का दुनियाभर में व्यापक इस्तेमाल होता है।
भारत में भी रही सुर्खियों में: मोनसेंटो के बीज समेत कृषि उत्पादों का भारत समेत दुनिया के कई देशों में बड़ा बाजार है। वह बीटी काॅटन बीजों को लेकर भारत में सुर्खियों में रही।
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