शहीद दिवस : बलिदानियों से सीख लेने की जरूरत
पतंजलि औषधालय में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को दी श्रद्धांजलि बिहारशरीफ। पतंजलि औषधालय खंदकपर के सभागार में पतंजलि योग समिति नालंदा के जिला प्रभारी रामजी प्रसाद की अध्यक्षता में भगत सिंह, शिवराम हरिनारायण राजगुरु और सुखदेव थापर की 88वीं शहादत दिवस मनाई गई। इस मौके पर समिति के सदस्य व समाजसेवियों ने तीनों महापुरुषों को याद किया और उनके विचारांे को आत्मसात करने का संकल्प लिया और शहीदों की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अध्यक्ष ने कहा कि मात्र 23 वर्ष की आयु में हंसते-हंसते अपने…
पतंजलि औषधालय में भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को दी श्रद्धांजलि
बिहारशरीफ। पतंजलि औषधालय खंदकपर के सभागार में पतंजलि योग समिति नालंदा के जिला प्रभारी रामजी प्रसाद की अध्यक्षता में भगत सिंह, शिवराम हरिनारायण राजगुरु और सुखदेव थापर की 88वीं शहादत दिवस मनाई गई। इस मौके पर समिति के सदस्य व समाजसेवियों ने तीनों महापुरुषों को याद किया और उनके विचारांे को आत्मसात करने का संकल्प लिया और शहीदों की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अध्यक्ष ने कहा कि मात्र 23 वर्ष की आयु में हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर शहीद भगत सिंह शहीद सुखदेव सिंह और शहीद राजगुरु जैसे राष्ट्रभक्तों के जीवन से सभी लोगों को देश प्रेम की प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके त्याग और बलिदान को याद रखना और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना हम सभी का नैतिक दायित्व है। प्रदेश संरक्षक उदय शंकर प्रसाद ने कहा कि 23 मार्च एक ऐसा दिन है जो क्रांति के नाम है। इस दिन को सिर्फ इसलिए याद नहीं करना चाहिए किस इस दिन इन लोगों को अंग्रेजों के द्वारा फांसी दी गयी थी। इस दिन इसलिए याद करना चाहिए कि इस दिन आजादी के दीवानें तीनों ने खुशी-खुशी फांसी का फंदा चुमा था। युवाओं को यह समझना होगा कि ये देश उन क्रांतिकारियों को अमानत है जिसे सुरक्षित रखना अब युवाओं की जिम्मेवारी है। साहित्यकार डाॅ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि भगत सिंह एक बहुत बड़े सामाजिक उन्नयन के प्रणेता एवं चिंतक थे। उनका यही दर्शन अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष और आंदोलन का पथ प्रदर्शक बना।
Related Posts
Latest News
