ज्योतिष महाकुम्भ के मंच पर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज और ज्योतिषियों का विवाद हमेशा के लिए खत्म

ज्योतिष महाकुम्भ के मंच पर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज और ज्योतिषियों का विवाद हमेशा के लिए खत्म

महिला दिवस  :  श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने ज्योतिष का नहीं, पाखण्ड का किया विरोध  :   पूज्य आचार्य श्री देहरादून, उत्तराखण्ड (3 मई, 2019)। अमर उजाला और ग्राफिक एरा विवि की ओर से आयोजित ज्योतिष महाकुम्भ के अंतिम दिन बतौर मुख्यअतिथि पहुंच। पूज्य आचार्य श्री महाराज ने स्पष्ट किया कि योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कभी भी ज्योतिष या ज्योतिषियों का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने हमेशा ज्योतिष के नाम पर पाखण्ड करने वालों पर प्रहार किया।            …

महिला दिवस  :  श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने ज्योतिष का नहीं, पाखण्ड का किया विरोध  :   पूज्य आचार्य श्री

देहरादून, उत्तराखण्ड (3 मई, 2019)। अमर उजाला और ग्राफिक एरा विवि की ओर से आयोजित ज्योतिष महाकुम्भ के अंतिम दिन बतौर मुख्यअतिथि पहुंच। पूज्य आचार्य श्री महाराज ने स्पष्ट किया कि योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कभी भी ज्योतिष या ज्योतिषियों का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने हमेशा ज्योतिष के नाम पर पाखण्ड करने वालों पर प्रहार किया।
               ज्योतिष महाकुम्भ के मंच पर उनके इस बयान से यह विवाद हमेशा के लिए खत्म हो गया। ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के सभागार में हुए कार्यक्रम में पहुंचेतंजलि योग पीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि ज्योतिष विद्या जीवन को सुखी बनाने का काम करती है। हमें इसके संरखण के साथ ही नई पीढ़ी को इसके प्रति जागरूक करना होगा।
              कार्यक्रम के दौरान ज्योतिषियों की मांग पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने घोषणा की कि ज्योतिषियों को मंच प्रदान करने के लिए जल्द ही पतंजलि में वैदिक ज्योतिष महाकुम्भ का आयोजन किया जाएगा। इससे ज्योतिष में रुचि रखने वाले छात्रों को भी लाभ मिलेगा। इस दौरान उन्होंने अमर उजाला और ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुम्भ की सराहना करते हुए कहा कि इस आयोजन ने देशभर के ज्योतिषियों को एक मंच दिया है, जिसका हजारों लोगों ने लाभ उठाया है।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना