प्रोफेसर महावीर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित

प्रोफेसर महावीर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित

सम्मानित : प्रोफेसर महावीर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हरिद्वार (06 अप्रैल, 2019)। भारत की राजधानी देहली में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व कुलपति एवं वर्तमान में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के विश्व प्रसिद्ध पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैदिक विद्वान प्रोफेसर महावीर अग्रवाल, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किये गये। महामहिम राष्ट्रपति की ओर से भारतीय गणराज्य के महामहिम उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू जी ने यह पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किया। संस्कृत जगत में अत्यन्त लोकप्रिय एवं सम्मानित प्रो.महावीर अग्रवाल जी अनेक गरिमापूर्ण पदों को विभूषित कर चुके…

सम्मानित : प्रोफेसर महावीर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित

हरिद्वार (06 अप्रैल, 2019)। भारत की राजधानी देहली में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व कुलपति एवं वर्तमान में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के विश्व प्रसिद्ध पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैदिक विद्वान प्रोफेसर महावीर अग्रवाल, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किये गये। महामहिम राष्ट्रपति की ओर से भारतीय गणराज्य के महामहिम उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू जी ने यह पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान किया। संस्कृत जगत में अत्यन्त लोकप्रिय एवं सम्मानित प्रो.महावीर अग्रवाल जी अनेक गरिमापूर्ण पदों को विभूषित कर चुके हैं। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में संस्कृत विभागाध्यक्ष, प्राच्यविद्या संकायाध्यक्ष, कुलसचिव, आचार्य एवं उपकुलपति आदि दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहण करने वाले डाॅ. महावीर अग्रवाल जी, उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में भी संस्कृत सेवा कर चुके हैं। आपके सैकड़ों शोध पर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय शोध सम्मेलनांे का सफल आयोजन करते हुए आपने देश, विदेश की अनेक शोध संगोष्ठियों में मुख्य अतिथि, अध्यक्ष अथवा मुख्य वक्ता के रूप में सहभागिता की है। आपने संस्कृत के विकास, विस्तार एवं उत्थान के लिए अमेरिका, इंग्लैण्ड, बैंकाक, नेपाल आदि देशों की यात्राएं की है।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना