संन्यास, दीक्षा एवं रामनवमी महोत्सव के रूप में मनाया गया श्रद्धेय स्वामी जी महाराज का 24वाँ संन्यास दिवस

संन्यास, दीक्षा एवं रामनवमी महोत्सव के रूप में मनाया गया श्रद्धेय स्वामी जी महाराज का 24वाँ संन्यास दिवस

शासन से नहीं, योग के अनुशासन से आएगा राम राज्य हरिद्वार (15 अप्रैल, 2019)। रामनवमी के पावन अवसर पर पतंजलि योगपीठ में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के 25वें संन्यास दिवस ‘संन्यास दीक्षा एवं रामनवमी महोत्सव’ के अवसर पर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमें अपने पुरुषार्थ से ऐसा जीवन, ऐसा समाज, ऐसा राष्ट्र व ऐसा विश्व बनाना है।                     श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि जब देशवासियों का राम और सीता जैसा चरित्र होगा। तब जाकर आध्यात्मिक…

शासन से नहीं, योग के अनुशासन से आएगा राम राज्य

हरिद्वार (15 अप्रैल, 2019)। रामनवमी के पावन अवसर पर पतंजलि योगपीठ में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के 25वें संन्यास दिवस ‘संन्यास दीक्षा एवं रामनवमी महोत्सव’ के अवसर पर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि हमें अपने पुरुषार्थ से ऐसा जीवन, ऐसा समाज, ऐसा राष्ट्र व ऐसा विश्व बनाना है।
                    श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि जब देशवासियों का राम और सीता जैसा चरित्र होगा। तब जाकर आध्यात्मिक भारत आध्यात्मिक विश्व का जो सपना है वो साकार हो पाएगा। उन्होंने कहा कि इस रामनवमी पर पतंजलि योगपीठ ने कुछ नया करने का संकल्प लिया है। इसमें हमने देश भर से 2 से 7 साल तक के 50-60 छोटे बच्चांे को चयन किया है। इन बच्चों को पतंजलि योगपीठ में कम-से-कम पांच विदेशी भाषाएं सिखाई जाएगी। बच्चांे का तीन-तीन महिने में समीक्षा की जाएगी। पतंजलि गुरुकुलम् का ध्येय महर्षि अत्रि, गौतम, कणाद वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र जैसी दिव्य आत्माओं जैसा बनाना। पतंजलि गुरुकुलम् के छात्र-छात्राएं, जब अष्टाध्यायी, गीता, योगदर्शन व वेद की ऋचाओं का वाचन करेंगे तो वैदिक युग की पुनरावृत्ति होगी। इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने कहा कि देवासुर संग्राम अभी चल रहा है और इस संग्राम में देवत्व को विजयी बनाने के लिए एक बार फिर से हमें देश के नाम वोट देना पड़ेगा, देश को आगे रखकर वोट करना है। कार्यक्रम में पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि योग, वेद, संस्कृति व आध्यातम को पूरी दुनिया में पहुंचाने का कार्य पतंजलि द्वारा किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि जीवन में सतत् आगे बढ़ने के लिए पुरुषार्थ व प्रेरणा की आवश्यकता रहती है। गत वर्ष महाराज के प्रेरणा एवं दिशा निर्देशन में संन्यास दीक्षा में दीक्षित होकर जो संन्यासी बने थे, उनके माध्यम से कई विविध गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। मात्र एक वर्ष में चार गुरुकुल, आचार्यकुलम् की अनेक शाखाएं तथा अन्य शिक्षण संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं। पतंजलि कर्म और पुरुषार्थ का पर्याय है। यहां वहीं ठहर सकता है, जिसमें अखण्ड-प्रचण्ड पुुरुषार्थ हो तथा राष्ट्रसेवा में अपने को आहूत करने का जज्बा हो। पूज्य आचार्य श्री ने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राष्ट्र व संस्कृति की रक्षा का कार्य श्रद्धेय स्वामी जी महाराज के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। निश्चित ही सकारात्मक परिणाम हमारे समक्ष आएंगे। इस अवसर पर गुरुदेव आचार्य प्रद्युम्न जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति क ेजीवन में कोई न कोई आलम्बन अवश्य होना चाहिए। शिष्य स्वयं को किसी एक अर्थात गुरु को पूर्ण रूम से सौंप दें। पूज्य गुरुदेव जी ने कहा कि हमारा जीवन पुष्प की तरह खिल जाए, इसके लिए समर्पण की आवश्यकता है। शिष्य के मन में यह बात होनी चाहिए कि मुझे अलग से कोई योजना नहीं बनानी है, जैसा गुरुदेव चाहें, वैसे ही करते जाना है। कार्यक्रम में राजस्थान के पूर्व लोकायुक्त एसएस कोठारी, शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, दानवीर मेहता, रेजोनेंस संस्थान के प्रमुख आर.के. वर्मा व वैदिक गुरुकुलम्, वैदिक कन्या गुरुकुलम्, पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम् व पतंजलि विवि के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
ऽ देश को आगे रखकर वोट करें मतदाता: स्वामी जी महाराज ।

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