श्रद्धांजलि : सत्यमित्रानन्द गिरि साधु समाज के बड़े पुरोधा : श्रद्धेय स्वामी जी महाराज

श्रद्धांजलि : सत्यमित्रानन्द गिरि साधु समाज के बड़े पुरोधा : श्रद्धेय स्वामी जी महाराज

महापरायण से भारतीय हिन्दू वैदिक संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई हरिद्वार। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज और हरिचेतनाधाम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी हरिचेतनानन्द ने ब्रह्मलीन संत स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज को साधु समाज के सबसे बड़ी पुरोधा बताया। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज ने देश दुनिया में भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक परम्परा के साथ-साथ धर्म का यश-गौरव बढ़ाया था। उनके महानिर्वाण से, उनके महापरायण से भारतीय हिन्दू वैदिक संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई है। उनमें पूज्य स्वामी विवेकानन्द जैसी तेजस्विता, स्वामी महर्षि दयानन्द सरस्वती जैसी…

महापरायण से भारतीय हिन्दू वैदिक संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई

हरिद्वार। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज और हरिचेतनाधाम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी हरिचेतनानन्द ने ब्रह्मलीन संत स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज को साधु समाज के सबसे बड़ी पुरोधा बताया। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज ने देश दुनिया में भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक परम्परा के साथ-साथ धर्म का यश-गौरव बढ़ाया था। उनके महानिर्वाण से, उनके महापरायण से भारतीय हिन्दू वैदिक संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई है। उनमें पूज्य स्वामी विवेकानन्द जैसी तेजस्विता, स्वामी महर्षि दयानन्द सरस्वती जैसी तर्कशीलता और सबके प्रति खासकर शूद्र, वनवासी, आदिवासियांे के प्रति प्रेमभाव था।

आध्यात्मिक जगत के दैदीप्यमान सूर्य का अवसान :

               कोटि-कोटि साधकों के तिमिराच्छादित अंतःकरण को अपने तपपूरित अन्तःकरण-ज्ञानज्योति से आलोकित करने वाले आध्यात्मिक जगत के दैदीप्यमान सूर्य, भारत माँ के परमआराधक, पद्मभूषण पूज्य गुरुदेव स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज का निधन देश, काल और हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने जीवन पर्यंत राष्ट्र, धर्म और समाज सेवा के क्षेत्र में अपने दायित्व का कुशलता पूर्वक निर्वहन किया। -पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज -साभारः अमर उजाला’

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