योग दिवस : पाँचवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नांदेड़ में योग में बना विश्व कीर्तिमान…

योग दिवस : पाँचवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नांदेड़ में योग में बना विश्व कीर्तिमान…

योग दिवस : पाँचवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नांदेड़ में योग में बना विश्व कीर्तिमान… 1- श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की उपस्थिति में करीब ‘‘डेढ़ लाख’’ योगसाधकों ने किया योग। 2- गोल्डन बुक आॅफ रिकाॅर्ड में दर्ज हुआ विश्व कीर्तिमान ।                      पाँचवाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस नांदेड़, महाराष्ट्र की पावन तपोभूमि पर परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के दिशानिर्देशन में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर महाराष्ट्र के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ एक लाख से अधिक योग साधकों…

योग दिवस : पाँचवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नांदेड़ में योग में बना विश्व कीर्तिमान…

  • 1- श्रद्धेय स्वामी जी महाराज की उपस्थिति में करीब ‘‘डेढ़ लाख’’ योगसाधकों ने किया योग।

    2- गोल्डन बुक आॅफ रिकाॅर्ड में दर्ज हुआ विश्व कीर्तिमान ।

                     पाँचवाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस नांदेड़, महाराष्ट्र की पावन तपोभूमि पर परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के दिशानिर्देशन में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर महाराष्ट्र के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ एक लाख से अधिक योग साधकों ने एक साथ प्रातः योग कर विश्व कीर्तिमान कायम किया। ‘गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड’ के एशिया प्रमुख डाॅ. मनीष विश्नोई ने उक्त कीर्तिमान का प्रमाण-पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के जीवन पर आधारित स्वलिखित पुस्तक ‘मेरा जीवन, मेरा मिशन (My Life, My Mission)’ की प्री-आॅर्डरिंग शुरू की गई। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में जर्मनी, यू.के., नेपाल, माॅरीश आदि देशों में तथा भारत के 600 से अधिक जिलों, 5000 से अधिक तहसीलों और लगभग 1,00,000 गाँवों में यह अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पतंजलि योगपीठ के तत्वावधान बहुत हर्ष, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। करोड़ों लोगों ने पतंजलि योगपीठ के कार्यकत्ताओं के पावन सानिध्य में इसमें भाग लिया।

  • योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज (परमाध्यक्ष, पतंजलि योगपीठ)

                             हमें इस बात का गौरव है कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, सबसे प्रतिभाशाली, सबसे प्राचीन व दुनियाँ की सबसे प्राचीन संस्कृति और सभ्यता वाला देश है। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व करना चाहिए। हमारे देश के जवान सदा जवान रहे। उनका शरीर बल, मनोबल, बुद्धि बल, आत्मबल, जब सबल होगा, तब वो चरित्रवान् और महान बनेंगे और जब हम महान् बनेंगे तब भारत महान बनेगा। मेरे महान् होने से ही मेरा भारत महान होगा। नांदेड़ में हमने देखा कि सभी हिन्दु, मुसलमान, सिख आदि सब जाति वर्ग के लोगों में बहुत बड़ा भाईचारा है और हम प्रार्थना करते हैं कि भाईचारा सदा बना रहे। मिलकर जीना ही योग है। पूरे विश्व को एक सूत्र में बाँधने वाला योग है। योग पूरे विश्व को स्वस्थ बनाने वाला है। वल्र्ड हेल्थ, वल्र्ड हेप्पिनेस, वल्र्ड हार्मनी, वल्र्ड प्रोस्पेरिटी, एकत्व, सह-अस्तित्व, विश्व बन्धुत्व का एक सूत्र है ‘योग’। योग के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में भारत एवं भारतीयता का गौरव बढ़ रहा है, इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनन्दन करते हैं, जिन्होंने यू.एन. में प्रस्ताव रखा। 177 देशों के सर्वाधिक समर्थन के साथ कोई प्रस्ताव पारित हुआ है तो वह अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता का प्रस्ताव था। मुझे प्रसन्नता है कि योग के इस सात्विक वातावरण में, सात्विक परिधान में विद्यार्थियों, सुरक्षा बल के जवानों के साथ आम नागरिक प्रातःकाल की इस योग वेला में उपस्थित हुए। नांदेड़ में सर्वाधिक लोगों का योग का एक रिकाॅर्ड कायम हो रहा है।

  • श्री देवेन्द्र फडणवीस (माननीय मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र सरकार)

                                मैं योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज आपका बहुत-बहुत स्वागत करना चाहता हूँ कि नांदेड़, महाराष्ट्र की पावन धरती पर लाखों योग साधकों को योग की शिक्षा देने के लिए आप पधारे। वैसे तो आज के दिन पूरे देश के लोगों को यह लगता है कि श्रद्धेय स्वामी जी महाराज उनके साथ योग दिवस मनाएँ और उनको योग विद्या सिखायें। लेकिन इस बार मैंने तय किया था कि श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज महाराष्ट्र की धरती पर ही आइए। हमारा सौभग्य है कि उन्होंने मेरे इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया। श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी महाराज ने भारत की प्राचीन संस्कृति व चिकित्सा पद्धति में बड़ा योगदान देकर हमारी योग विद्या को देश व विश्व स्तर पर जन-जन तक पहुँचाया है।
                              मुझे गर्व है कि हमारे देश की प्राचीन संस्कृति और विद्या को पूरी दूनिया ने स्वीकारा है और इस विद्या को जन-जन तक पहुँचाने का परम पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज को जाता है, इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ।

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