स्वदेशी का प्रचार : श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने योग से निरोग रहने का दिया गुरु मंत्र ।

स्वदेशी का प्रचार : श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने योग से निरोग रहने का दिया गुरु मंत्र ।

चीनी मिल ग्राउंड पर चल रहे देवरिया महोत्सव में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने स्वदेशी अपनाने, योग करने पर दिया जोर । देवरिया (उत्तर प्रदेश)। चीनी मिल ग्राउंड पर चल रहे देवरिया महोत्सव में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने करवाया योग। योगाभ्यास के साथ शरीर को मिलने वाले फायदे भी श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने साझा किया। करीब दो घण्टे तक चले योग शिविर में लोगों को स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज योग शिविर की शुरूआत ऊँ और गायत्री मंत्र के साथ किया। श्रद्धेय…

चीनी मिल ग्राउंड पर चल रहे देवरिया महोत्सव में श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने स्वदेशी अपनाने, योग करने पर दिया जोर ।

देवरिया (उत्तर प्रदेश)। चीनी मिल ग्राउंड पर चल रहे देवरिया महोत्सव में योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने करवाया योग। योगाभ्यास के साथ शरीर को मिलने वाले फायदे भी श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने साझा किया। करीब दो घण्टे तक चले योग शिविर में लोगों को स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया। योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज योग शिविर की शुरूआत ऊँ और गायत्री मंत्र के साथ किया। श्रद्धेय स्वामी जी महाराज ने सूक्ष्म व्यायाम कराया। फिर एक-एक कर भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम आदि का अभ्यास कराया और इसके लाभ बताएं। उन्हांेने कहा कि विदेशी कम्पनियों के माध्यम से हर साल देश से लाखों करोड़ रुपये देश से बाहर चले जाते हैं। योग शिविर में डीएम अमित जी, एसपी डाॅ. श्रीपति जी, जिलाध्यक्ष डाॅ. अंतर्यामी जी, सीडीओ शिवशरणप्पा एवं गणमान्य अतिथिगण, साधकगण उपस्थित रहे।

CAA पर उपद्रव से देशभक्त मुसलमान दुःखीः

योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने सीएए पर कहा कि भ्रम फैलाकर कुछ राजनीतिक दल देश में अराजकता फैला रहे हैं। यह देश किसी पार्टी विशेष या केवल मोदी, योगी और अमित शाह का नहीं है। यह देश तो सबका है। देश में हिंसा फैलाना, आग लगाना, देश के टुकड़े-टुकड़े करना देश के साथ गद्दारी है। यह किसी जिम्मेदार पार्टी को शोभा नहीं देता। मैं इस बात को मानता हूँ कि सब मुसलमान हिंसा, आगजनी और विध्वंस में शामिल नहीं है। देश में करोड़ों देशभक्त मुसलमान इससे दुःखीं हैं। पाँच दिवसीय गंगा यात्रा पर चर्चा करते हुए कहा कि गंगा हमारी आस्था की केन्द्र हैं। हम नदियों को माँ का दर्जा देते हैं। इसमें हम आज स्नान करते हैं। दूसरे देशों में नदियां आस्था का प्रतीक नहीं है फिर भी वहां नदियों को साफ रखा जाता है।

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