विमोचन: पतंजलि में ग्रीन रिवोल्यूशन-2022 ‘एन एग्री विजन’ का हुआ शुभारम्भ ।

विमोचन:  पतंजलि में ग्रीन रिवोल्यूशन-2022 ‘एन एग्री विजन’ का हुआ शुभारम्भ ।

विमोचन: पतंजलि में ग्रीन रिवोल्यूशन-2022 ‘एन एग्री विजन’ का हुआ शुभारम्भ ।   मृदा परीक्षण हेतु पतंजलि द्वारा विकसित ‘धरती का डाॅक्टर’ अत्यंत उपयोगी: कंेद्रीय कृषि मंत्री मोबाइल एप ‘अन्नदाता’ व जैविक कृषि आधारित पुस्तकों का किया गया विमोचन हरिद्वार। किसानों की दशा सुधारने, उनकी आय दुगनी करने तथा देश व विश्व को शुद्ध, सात्त्विक व रसायनमुक्त खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पतंजलि योगपीठ ने किसानों के कई महत्वकांक्षी योजनाओं के साथ अनेक जैविक कृषि प्रशिक्षण शिविर संचालित किए हैं। इसी क्रम में कृषि संबंधी सभी प्रकार की…

विमोचन: पतंजलि में ग्रीन रिवोल्यूशन-2022 ‘एन एग्री विजन’ का हुआ शुभारम्भ ।

 

  • मृदा परीक्षण हेतु पतंजलि द्वारा विकसित ‘धरती का डाॅक्टर’ अत्यंत उपयोगी: कंेद्रीय कृषि मंत्री

  • मोबाइल एप ‘अन्नदाता’ व जैविक कृषि आधारित पुस्तकों का किया गया विमोचन

हरिद्वार। किसानों की दशा सुधारने, उनकी आय दुगनी करने तथा देश व विश्व को शुद्ध, सात्त्विक व रसायनमुक्त खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पतंजलि योगपीठ ने किसानों के कई महत्वकांक्षी योजनाओं के साथ अनेक जैविक कृषि प्रशिक्षण शिविर संचालित किए हैं। इसी क्रम में कृषि संबंधी सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान तथा योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पतंजलि योगपीठ में ग्रीन रिवोल्यूशन-2022 ‘एन एग्री विजन’ का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी, मननीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री के कर-कमलों से अन्नदाता मोबाइल-एप भी लोकार्पित किया गया।

कार्यक्रम संबंधी जानकारी देते हुए श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि पतंजलि द्वारा संचालित वर्चुअल साॅल्यूशन सिस्टम के अंतर्गत ‘साइल टू सैललाइट’ के साथ ‘खेत से उपभोक्ता’ तक सम्पूर्ण टेऊसेबिलिटी विश्लेषण तथा सभी प्रकार की कृषि संबंधित योजनाओं को एक स्थान से प्रत्यक्ष रूप से किसानों तक पहुँचाया जाएगा। इस परियोजना के अन्तर्गत किसानों की फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और बेहतर विपणन के लिए सम्पूर्ण समाधान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने इस कार्य को चुनौती के रूप में लिया तथा काफी अनुसंधान के बाद एक सशक्त माॅडल बनाया। हमारी दृष्टि को देखते हुए सरकार ने हमें पायलेट प्रोजेक्ट की स्वीकृति दी जिसके अन्तर्गत तीन जनपदों जिनमंे से दो कृषि के लिए प्रतिकूल माने जाने वाले जिले बुंदेलखण्ड का हमीरपुर व विदर्भ नागपुर तथा पतंजलि योगपीठ की कर्मभूमि हरिद्वार जनपद में पतंजलि द्वारा कृषि को उन्नत बनाने का कार्य किया जाएगा। पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि पतंजलि ने किसानों को जैविक कृषि का 100 घण्टे का प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र के साथ दिया। सरकार ने भी जैविक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए पर पतंजलि का काम इससे आगे शुरू हुआ जहाँ किसानों को उन्नत बीज की उपलब्धता से लेकर कम्पोस्ट व उर्वरक उपलब्ध कराना तथा विपणन जैसी समस्याओं का समाधान शामिल हैं। पूज्य आचार्य श्री जी ने बताया पतंजलि द्वारा अनुसंधित ‘धरती का डाॅक्टर’ मृदा परीक्षण हेतु सर्वाधिक सफल किट है। इसकी सहायता से किसान को उसकी मिट्टी की गुणवत्ता तथा उसमें पौषक तत्वों की सटीक जानकारी मिलेगी। वहीं अन्नदाता-एप के माध्यम से उसके गाँव की मैपिंग, खेत की जीयो-फैंसिंग, किसान की जमीन की माप, उसके द्वारा बोई गई फसल, उसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस व अन्य पौषक तत्वों की उपलब्धता तथा उसकी फसल की सभी जानकारी का डाटा मिल सकेगा। इससे किसी भी भूमि का तात्कालिक एवं सही मूल्यांकन किया जा सकेगा। इसमें हार्टिकल्चर, एग्रीकल्चर तथा एनिमल हस्बेंड्री की सभी जानकारी उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा कि अन्नदाता-एप कृषि में नवीन क्रांति का सूत्रपात करेगा।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री नरेंद्र सिंह तोमर माननीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि योग व स्वदेशी क्रांति के बाद अब कृषि में पतंजलि की भागीदारी प्रशंसा के योग्य है। जैसे मनुष्य को ठीक करने के लिए डाॅक्टर की आवश्यकता होती है, वैसे ही धरती व मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए भी डाॅक्टर की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि के लिए मिट्टी की जांच अति आवश्यकता है। यदि मिट्टी की जाँच ठीक से की जाएगी तो किसान को पता होगा कि उसकी मिट्टी में किन पौषक तत्वों की कमी है तथा उसे किन-किन उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए पतंजलि की ‘धरती का डाॅक्टर’ मृदा परीक्षण किट अत्यंत उपयोगी है। साथ ही पतंजलि द्वारा लोकार्पित मोबाइल-एप ‘अन्नदाता’ कृषकों की उन्नति में महती भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एक साथ था जब कृृषि में उत्पादन की समस्या थी लेकिन वर्तमान में उनका रख-रखाव व विपणन एक बड़ी समस्या है। माननीय मंत्री महोदय ने पतंजलि द्वारा संचालित पाइलेट प्रोजेक्ट की सफलता हेतु शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पतंजलि के प्रयासों से आज स्वदेशी उत्पादों के अनेक विकल्प मौजूद हैं। पतंजलि की इन महान् उपलब्धियों के पीछे पूज्य आचार्य श्री एक बैक-बोन की तरह पूज्य स्वामी जी महाराज के साथ खड़े हैं, इनका समर्पण अतुलनीय है। किसी कार्य को नये सिरे से प्रारम्भ करना अलग बात है किन्तु किसी कार्य के विकृत रूप को आकृति प्रदान करना कठिन चुनौति है। पतंजलि ने इन चुनौतियों का सामना करते हुए रसायनों से विषाक्त हो चुकी विकृत कृषि को आकृति प्रदान कर सफलता के नये आयाम स्थापित किए हैं। इस अवसर पर जैविक कृषि में सहायक पुस्तिकाओं- समूह कृषक पुस्तिका, जैविक कृषि, केस स्टडी, विभिन्न राज्यों की कृषि प्रोफाइल एवं मृदा परीक्षण आदि का विमोचन किया गया। साथ ही पतंजलि योगपीठ द्वारा विकसित जैविक दिव्य उन्नत बीज का भी विमोचन किया गया।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना