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जड़ी-बूटी सप्ताह: 1 लाख गिलोय वितरण व रोपण अभियान सफल   गिलोय वितरण व रोपण कार्यक्रम आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक साथ पहल -भाई राकेश कुमार जी (संपादक)   हरिद्वार (उत्तराखण्ड)। पूज्य श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के जन्मदिवस ‘जड़ी-बूटी दिवस’ से 1 सप्ताह पूर्व उत्तराखण्ड में चलाया गया 1 लाख गिलोय वितरण एवं रोपण अभियान अपार सफलता के साथ अनावरत रूप से चल रहा है। इस क्रम में दादूबाग आश्रम, कनखल में भाई राकेश कुमार जी, डाॅ. जयदीप आर्य जी (मुख्य केंद्रीय प्रभारी) पूज्या साध्वी…

जड़ी-बूटी सप्ताह: 1 लाख गिलोय वितरण व रोपण अभियान सफल

 

गिलोय वितरण व रोपण कार्यक्रम आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक साथ पहल

-भाई राकेश कुमार जी (संपादक)

 

हरिद्वार (उत्तराखण्ड)। पूज्य श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के जन्मदिवस ‘जड़ी-बूटी दिवस’ से 1 सप्ताह पूर्व उत्तराखण्ड में चलाया गया 1 लाख गिलोय वितरण एवं रोपण अभियान अपार सफलता के साथ अनावरत रूप से चल रहा है। इस क्रम में दादूबाग आश्रम, कनखल में भाई राकेश कुमार जी, डाॅ. जयदीप आर्य जी (मुख्य केंद्रीय प्रभारी) पूज्या साध्वी देवप्रिया जी (महिला मुख्य केंद्रीय प्रभारी) के नेतृत्च में गिलोय वितरण कार्यक्रम रखा गया।

                                इस अवसर पर भाई राकेश कुमार जी ने कहा कि गिलोय वितरण अभियान को अपार सफलता मिली है तथा निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक (लगभग 1 लाख 20 हजार) गिलोय वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के चलते विशेष रूप से उत्तराखण्ड के चार जिलों यथा- हरिद्वार, रूड़की, ऋषिकेश, देहरादून में 1 लाख गिलोय वितरण का लक्ष्य रखा था जिसे चारों जिला ईकाइयों के कर्मठ भाई-बहनों व नागरिकों की जागरूकता के चलते अपार सफलता मिली है। पूज्य स्वामी जी महाराज तथा पूज्य आचार्य जी महाराज के अथक प्रयासों से आज पूरा उत्तराखंड ही नहीं, पूरा देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व गिलोय के औषधीय गुणों के विषय में जानता है। आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु यह एक सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि हाल ही में गिलोय पर अमेरिका में लगभग 800 प्रयोग हुए हैं जिनसे निष्कर्ष निकला है कि गिलोय मानव शरीर को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है। कोरोना जैसी महामारी में भी हम गिलोय का काढ़ा पीकर स्वयं को संक्रमण से बचा सकते हैं। सामान्य सर्दी, जुकाम, बुखार में भी गिलोय का काढ़ा उत्तम औषधी है। पतंजलि की आगामी योजना व उद्देश्य है कि भारत के प्रत्येक घर में गिलोय का पौधा लगाया जाए। भाई राकेेश जी ने प्रदेश की जिला पतंजलि योग समिति की इकाइयों में निस्वार्थ भाव से कार्यरत भाई-बहनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य प्रभारीगण श्री भास्कर जी, बहन सीमा जी , प्रवीण आर्य जी, श्री सुरेश जी, श्री प्रभात आर्य जी, श्री देशबन्धु जी, आचार्य राहुल जी, आचार्य संजीव जी, भाई संजय जी, भाई विपिन जी, भाई कृष्ण मिलन आदि का विशेष योगदान रहा। संगठन के कर्मठ भाई-बहनों यथा- प्रेमबाला आर्य, गीता कार्की, रेनु, सुन्दर, सुनीता सैनी, रेखा, कुलवंत कौर, अंजु, संजय सैनी, राहुल, सरिता, कोमल, रामप्यासी इस्तवाल, सुनीता खंडूरी, कमला कैंथोला, मनसा देवी पूनम सिंह, विजय लक्ष्मी, कंचन गुप्ता, काजल, कुमुद, सुरेश, नरेश, राजेश, आशा, नीता रानी, गुड्डी, कविता, पुष्पा पाण्डेय, अमित, कमला कैंथोला, अजब सिंह, सुरेश कुमार, सुरेश पाल, गौरव भाटी, प्रमोद, कटार सिंह, मास्टर रामविलास, उमेश कुमार, ओमवीर सिंह, राजेश, डी.एस.नेगी, अब्दुल रहमान, मौहम्मद अफजाल, अमर सिंह, सोफिया, सुशील, राजेश, मंजरी, रितिका, रोहित, डाॅ0 गौरव आदि ने इस अभियान को सफल बनाने हेतु अपनी सहभागिता दर्ज की। उन्होंने बताया कि पूज्य स्वामी जी महाराज तथा पूज्य आचार्य जी महाराज की प्रेरणा से पतंजलि योेग समिति की मुख्य महिला केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया जी तथा मुख्य केन्द्रीय प्रभारी डाॅ. जयदीप आर्य जी के विशेष सहयोग से पतंजलि योगपीठ के सभी संगठनों-पतंजलि योग समिति, महिला पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान, युवा भारत, पतंजलि किसान सेवा समिति, व हाम्रो स्वाभिमान के कार्यकर्ताओं ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा सफल बनाया।मेि

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