निःशुल्क योग कक्षा : योग से होगा देष का नवनिर्माण….

निःशुल्क योग कक्षा : योग से होगा देष का नवनिर्माण….

निःशुल्क योग कक्षा: योग से होगा देष का नवनिर्माण….   सात दिवसीय योग एवं ध्यान शिविर का समापन, सोपानों की दी जानकारी नागौर (राजस्थान)। नियमित योग करने से भारत देश का नवनिर्माण होगा और भारत विश्वगुरु बनकर समूचे विश्व के समक्ष एक शक्ति के रूप में स्थापित होगा। ये बात सात दिवसीय निःशुल्क योग एवं ध्यान शिविर के समापन के अवसर पर पतंजलि योग समिति राजस्थान पश्चिम के सह-राज्य प्रभारी एवं स्काउटर भाई मदनमोहन जी ने कही। उन्होंने कहा कि नियमित योग करने से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक विकास होता…

निःशुल्क योग कक्षा: योग से होगा देष का नवनिर्माण….

 

सात दिवसीय योग एवं ध्यान शिविर का समापन, सोपानों की दी जानकारी

नागौर (राजस्थान)। नियमित योग करने से भारत देश का नवनिर्माण होगा और भारत विश्वगुरु बनकर समूचे विश्व के समक्ष एक शक्ति के रूप में स्थापित होगा। ये बात सात दिवसीय निःशुल्क योग एवं ध्यान शिविर के समापन के अवसर पर पतंजलि योग समिति राजस्थान पश्चिम के सह-राज्य प्रभारी एवं स्काउटर भाई मदनमोहन जी ने कही। उन्होंने कहा कि नियमित योग करने से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक विकास होता है। नियमित योगाभ्यास के द्वारा भारत के युवाओं में इन शक्तियों का संचार होगा। भाई मदन जी ने योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज के निर्देशन में संचालित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के विभिन्न सोपानों की जानकारी भी दी। पतंजलि योग समिति परबतसर के मीडिया प्रभारी एवं स्काउटर भाई सुभाष जी ने बताया कि सात दिवसीय इस योग शिविर में नियमित रूप से योगाभ्यास करवाया गया, जिसमें सूर्यनमस्कार, योगिंग-जाॅगिंग, मण्डूकासन, भुजंगासन, ताड़ासन जैसे आसनों के साथ भस्त्रिका, कपालभाती, अनुलोम-विलोम प्राणायाम का भी अभ्यास करवाया गया। साथ ही आहार, आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर, मुद्राज्ञान के माध्यम से शरीर को निरोगी रखने के उपाय बताये गये। शिविर में भाई महावीर, संजय, शेखावत, श्रवण, वैष्णव, संजय, देवंद्र, आनंदी, सरोज, राजू, प्रशांत, सहित मोहल्ले के अनेक योग साधकांे ने योगाभ्यास का लाभ उठाया। भाई महावीर सिंह जी ने विश्वास दिलाया कि भविष्य में योग को जीवन का हिस्सा बनाकर नियमित योग साधना इस स्थल पर की जायेगी। वार्ड एक और पच्चीस की पतंजलि समितियों का गठन आज किया जायेगा। –साभार: भास्कर

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना