हर्बल पार्क स्थापना : पतंजलि के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में तैयार होगा आधुनिक हर्बल गार्डन…

हर्बल पार्क स्थापना : पतंजलि के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में तैयार होगा आधुनिक हर्बल गार्डन…

हर्बल पार्क स्थापना : पतंजलि के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में तैयार होगा आधुनिक हर्बल गार्डन…   राष्ट्रपति महोदय भारतीय संस्कृति, परम्परा व आयुर्वेद की जड़ों से गहराई से जुड़े हैं: पूज्य आचार्य श्री हरिद्वार। पूज्य आचार्य श्री महाराज राष्ट्रपति महोदय से मिलकर आयुर्वेद के उत्थान व जड़ी-बूटी को जन-जन तक पहुंचाने के विषय में चर्चा की। ज्ञात हो कि राष्ट्रपति महोदय राष्ट्रपति भवन में पतंजलि योगपीठ के सहयोग से एक आधुनिक ज्ञान-विज्ञान युक्त हर्बल गार्डन स्थापित करने के इच्छुक हैं। साथ ही राष्ट्रपति भवन के आसपास औषधीय की सूची…

हर्बल पार्क स्थापना : पतंजलि के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में तैयार होगा आधुनिक हर्बल गार्डन…

 

राष्ट्रपति महोदय भारतीय संस्कृति, परम्परा व आयुर्वेद की जड़ों से गहराई से जुड़े हैं: पूज्य आचार्य श्री

हरिद्वार। पूज्य आचार्य श्री महाराज राष्ट्रपति महोदय से मिलकर आयुर्वेद के उत्थान व जड़ी-बूटी को जन-जन तक पहुंचाने के विषय में चर्चा की। ज्ञात हो कि राष्ट्रपति महोदय राष्ट्रपति भवन में पतंजलि योगपीठ के सहयोग से एक आधुनिक ज्ञान-विज्ञान युक्त हर्बल गार्डन स्थापित करने के इच्छुक हैं। साथ ही राष्ट्रपति भवन के आसपास औषधीय की सूची बनाकर हर्बेरियम के साथ-साथ इसका डाक्यूमेंटेशन व फ्लोरा तैयार किया जाना प्राथमिकता में है। इसी उद्देश्य से महामहिम ने पूज्य आचार्य श्री महाराज को आमंत्रित किया था। राष्ट्रपति महोदय से भेंट करने के पश्चात् पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि गर्व है कि हमारे राष्ट्रपति महोदय भारतीय संस्कृति, परम्परा व आयुर्वेद की जड़ों से गहराई से जुड़े हैं तथा उनके उत्थान के लिए कृत संकल्पित हैं। महामहिम स्वयं जड़ी-बूटियों में अभिरुचि लेते हैं तथा राष्ट्रपति भवन में हर्बल गार्डन प्राथमिकता सूची में है। महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि पूज्य आचार्य जी महाराज के मार्गदर्शन पतंजलि योगपीठ आयुर्वेद तथा औषधीय पौधों के संरक्षण व संवर्द्धन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, इसके लिए अनन्त शुभकामनाएं।पूज्य आचार्य जी ने कहा कि देश के शिखर पुरुष से प्रशंसा, अनुशंसा सदैव वंदनीय है। उनका सहयोग व सम्मिलन कोटि-कोटि अभिनंदनीय है।

Related Posts

Advertisement

Latest News

आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद आयुर्वेद में वर्णित अजीर्ण का स्वरूप, कारण व भेद
स शनैर्हितमादद्यादहितं च शनैस्त्यजेत्।     हितकर पदार्थों को सात्म्य करने के लिए धीरे-धीरे उनका सेवन आरम्भ करना चाहिए तथा अहितकर पदार्थों...
अयोध्या में भगवान श्री रामजी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
ऐतिहासिक अवसर : भारतीय संन्यासी की मोम की प्रतिकृति बनेगी मैडम तुसाद की शोभा
पतंजलि योगपीठ में 75वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम
भारत में पहली बार पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन में कोविड के नये वैरिएंट आमीक्रोन JN-1 के स्पाइक प्रोटीन पर होगा अनुसंधान
आयुर्वेद अमृत
लिवर रोगों में गिलोय की उपयोगिता को अब यू.के. ने भी माना