सम्मेलन: 80 प्रतिशत लोगों में पोषक तत्व और विटामिनों की कमी: पूज्य स्वामी जी महाराज
पतंजलि विश्वविद्यालय में ‘मिलेट महोत्सव-परम्परा और नवाचार’ विषय पर हुई कार्यशाला
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हरिद्वार। पतंजलि आयुर्वेद हाॅस्पिटल एवं पतंजलि अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में पतंजलि विवि के सभागार में ‘मिलेट महोत्सव - परम्परा और नवाचार’ विषय पर कार्यशाला हुई। आयुष मंत्रालय भारत सरकार की ओर से पतंजलि आयुर्वेद हाॅस्पिटल को सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस चुना गया है। जिसके अन्तर्गत ही कार्यशाला का आयोजन हुआ। पशुपालन एवं गन्ना विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा जी कार्यशाला में शामिल हुए।
पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि आज 80 प्रतिशत लोगों में पोषक तत्वों एवं विटामिन की कमी है। हमें प्रकृति, अपनी जड़ों की ओर लौटने की आवश्यकता है। मिलेट महोत्सव इसका एक पक्ष है। उन्होंने कहा कि मिलेट महोत्सव केवल एक दिन का उत्सव नहीं होना चाहिए। मोटे अनाज को दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए। पूज्य स्वामी जी महाराज ने बाजरा, तिल, अलसी सहित विभिन्न मोटे अनाज के गुण भी बताए।
सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पूज्य स्वामी जी महाराज और पूज्य आचार्य जी महाराज विजनरी व्यक्तित्व हैं। मोटे अनाज से होने वाले लाभ पर जो चर्चा कर रहे हैं उसे पूज्य स्वामी जी महाराज और पूज्य आचार्य जी महाराज ने 15 वर्ष पहले ही बता दिया था। योग, आयुर्वेद और गौ संरक्षण को पतंजलि ने ही विजन के साथ देश की जनता के समक्ष रखा। मोटे अनाज में प्राकृतिक रूप से पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन हमने पूर्वजों द्वारा बताई गई प्राकृतिक चीजें जोड़कर अप्राकृृतिक चीजों पर विश्वास करना शुरू कर दिया। मोटे अनाज के प्रयोग से एनर्जी लेवल स्वतः ही बढ़ जाता है।
पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि मोटे अनाज से लोगों की बीमारी भगाना और किसानों की आय बढ़ाना माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यही कार्य आज से 15 वर्ष पहले पूज्य स्वामी जी महाराज के नेतृत्व में शुरू किया गया था। पतंजलि के माध्यम से सबसे पहले नौ अनाजों का आटा मल्टीग्रेन आटा, नवरत्न आटा के रूप में पूरे देश के लोगों तक पहुंचाया। पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि प्राचीन समय में अन्न की विविधता ही हमारे स्वास्थ्य का मूल आधार था। पूर्वजों को पता था कि सभी पोषक तत्व इन्हीं मोटे अनाज में निहित हैं उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सुनील कुमार जोशी जी ने कहा कि विविध असाध्य रोगों से ग्रस्त रोगी मल्टीग्रेन आटे का प्रयोग कर दैनिक जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
डायरेक्टर ऑफ आयुर्वेद उत्तराखण्ड डाॅ.अरुण कुमार और पतंजलि आयुर्वेद काॅलेज के प्राचार्य डाॅ.अनिल कुमार ने मिलेट महोत्सव पर व्याख्यान दिया। पतंजलि अनुसंधान के प्रमुख वैज्ञानिक डाॅ.अनुराग वाष्र्णेय ने मोटे अनाज की वैज्ञानिक पहल का संक्षिप्त परिचय दिया। प्रति-कुलपति डाॅ.महावीर अग्रवाल जी ने अतिथियों का अभार जताया। -साभारः अमर उजाला
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