संगोष्ठी : आयुर्वेद से पशुधन को रख सकते हैं रोगमुक्त
सीएम ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक काॅलेज में अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी को किया संबोधित
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हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेद काॅलेज परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्वति नही वरन आदर्श जीवन जीने का तरीका भी है। यह मात्र बीमारियों का इलाज नहीं करता, बल्कि आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमार होने से रोक सकते हैं। उन्हांेने कहा कि पशु ही नहीं, बल्कि मानव के लिए भी एंटिबायोटिक का अत्याधिक इस्तेमाल हानिकारक है। मानव संसाधन के साथ ही आयुर्वेद के प्रयोग से पशुधन को भी रोगमुक्त रख सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वैदिक काल से ही आयुर्वेद के जरिये पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान को लागू करने वाला प्रमुख देश रहा है। सर्वे संतु निरामया का संदेश देने वाला पंचम वेद अर्थात आयुर्वेद हमारी समृद्ध प्राचीन विरासत का अभिन्न अंग है। पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने पंचप्राण विकास रणनीति में देश के विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी इसी समृद्ध प्राचीन विरासत और पारंपरिक ज्ञान को सहेजने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पशुधन हमारे देश की बड़ी ताकत है, जिन्हें बचाना हमारा प्रमुख कत्र्तव्य है। पशुओं के रोग निवारण और रोग नियंत्रण के लिए प्रदेश में मौजूद हर्बल संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना काल में हम आयुर्वेद का महत्व अच्छी तरह समझ चुके हैं। वर्तमान में मनुष्यों से भी अधिक पशुओं में एंटिबायोटिक्स का इस्तेमाल करने पर चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति पशुओं के लिए ही नहीं वरन मानव के लिए भी अत्यंत हानिकारक है।
प्रदेश सरकार 300 आयुष हेल्थ व वेलनेस केंद्रों के संचालन और 150 पंचकर्म केंद्रों की स्थापना के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। आयुर्वेद, होम्योपैथी व नेचुरोपैथी के विकास से रोजगार और आर्थिकी की मजबूती को भी सरकार प्रयासरत है। बताया कि प्रदेश में राज्य पशुधन मिशन शुरू किया है, इसके तहत 60 करोड़ का निवेश किए जाने की योजना है। इससे सात हजार पशुपालकों को प्रत्यक्ष और दस हजार पशुपालकों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिला है। उत्तराखण्ड के गावांे में दुनिया की सबसे समृद्ध और सबसे कुशल पशु स्वास्थ्य परंपरा मौजूद है। केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गंगा, गोमाता और पर्यटन पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की बात कही। इससे विश्वपटल पर धर्मनगरी हरिद्वार की विशिष्ट पहचान बनेगी। इस मौके पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर केएन राघवेन्द्र, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी, डाॅ. हेमेन्द्र यादव, प्रेमचंद शास्त्री, हरिशंकर शर्मा, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चैधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल आदि उपस्थित रहे।
· एक दिन एलोपैथ को धरती में गाड़ के रहेंगे: पू.स्वामी जी
· योगगुरु स्वामी जी महाराज ने कहा कि आयुर्वेद का जितना महत्व है, उतना ही गो माता का भी है। आयुर्वेद से गंभीर से गंभीर बीमारियों का ईलाज संभव है। आयुर्वेद का भविष्य उज्ज्वल है कहा कि गोमाता के दूध में मेधा शक्ति बढ़ाने का सामथ्र्य है। आयुर्वेद को दूसरी पैथी से बेहतर बताते हुए कहा कि सामान्य बुखार से लेकर कोरोना का इलाज आयुर्वेद में बेहतर है। चुटकी लेते हुए कहा कि वह किसी पैथी का विरोध नहीं करते, बल्कि सभी के प्रति सिपैथी रखते है। आयुर्वेद के विद्यार्थियों को काम पर ध्यान केन्द्रित करने पर जोर देते कहा कि समेकित प्रयास से एक दिन वह एलोपैथ को धरती में गाड़ के रहेंगे। योग आयुर्वेद और सनातन का ऐसा झंडा गाड़ेगे कि दुनिया इसके नीचे आएगी।
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