संत समागम:  पनोणियो का तला तारातरा में धर्मपुरी धूणा पर बने मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा, महंत जगरामपुरी का जीवित भंडारा व संत समागम

 देह देवालय, इसी में राम, कृष्ण और शिव विराजे, हम नषे से दूर रहे, जीवन में सनातन संस्कृति को अपनाए: पू.स्वामी जी

संत समागम:  पनोणियो का तला तारातरा में धर्मपुरी धूणा पर बने मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा, महंत जगरामपुरी का जीवित भंडारा व संत समागम

    बाड़मेर (राजस्थान)। पनोणियों का तला तारातरा की तपो भूमि पर धर्मपुरी महाराज के धूणा पर बने मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा व महंत जगरामपुरी के जीवित भंडारा और संत समागम महोत्सव के चैथे दिन योग ऋषि परम पूज्य स्वामी जी महाराज व हरिद्वार जूना अखाड़ा के पूज्य आचार्य अवधेशानन्द गिरी जी महाराज का आगमन हुआ। इस मौके पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने सनातन धर्म पर जोर देते हुए युवाओं, बुजुर्गों और माताओं से नशे से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपने बड़े, बुजुर्गों, गुरुओं व सनातन धर्म में श्रद्धा रखें। पूज्य स्वामी जी ने इस मौके पर योग भी किया। उन्होंने कहा है कि हर घर तक योग को ले जाना हैं प्रातः उठने के बाद योग करो। अगर योग नहीं करोगे तो शरीर मोटा, पेट बाहर निकल जाएगा। जो योग करेगा उसका पाचन तंत्र, हृदय गड़बड़ नहीं होगा। आज के समय में स्कूली बच्चों, खिलाड़ियों और युवाओं को भी हार्ट अटैक आने लगा है। योग सभी रोगों का निदान है। पू.स्वामी जी महाराज ने मंच से अनेक योग की मुद्राएं की और उसका लाभ बताया। और साथ ही साथ स्वदेशी को अपनाने की भी अपिल की उन्होंने कहा कि हमें देश में तैयार होने वाली वस्तुएं ही खरीदनी चाहिए। लोगों से कहा कि संकल्प लिजिए कि अब विदेशी समान नहीं खरीदेंगे। देश का पैसा देश में रहना चाहिए। राष्ट्र स्वदेशी बने। इस मौके पर बाड़मेर हैंडीक्राफ्ट से निर्मित स्मृति चिन्ह भेंट कर पूज्य स्वामी जी महाराज एवं पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज का स्वागत किया गया। पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज ने भी धर्म सभा को संबोधित करते हुए सनातन धर्म अपनाने का संदेश दिया। इस मौके पर महंत जगरामपुरी, महंत जगदीशपुरी, महंत प्रतापपुरी जी एवं संत-महात्मा व श्रद्धालु मौजूद रहे।

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