योग और आयुर्वेद से ही दूर रहेगा रोग:राकेष कुमार
भारतीय शिक्षा में भारतीय संस्ड्डति की झलक अवश्य हो : सतीश कुमार
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सासाराम (बिहार)। योग व आयुर्वेद से ही रोग दूर रहेगा। आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। प्राचीन भारत में आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता था। वर्तमान में भी बीमारियों को जड़ से मिटाने में योग व आयुर्वेद पद्धति ही कारगर है। उक्त बातें शहर के न्यू एरिया स्थित एक वाटिका में आयोजित कार्यशाला में भारत स्वाभिमान संगठन के मुख्य केंद्रीय प्रभारी आदरणीय श्री राकेश कुमार जी ने कही। वे आधुनिक युग में स्वस्थ्य रहने व अच्छे जीवन शैली के बारे में मौजूद सदस्यों को बता रहे थे।
कहा कि अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के महत्व के कारण हमने आधुनिक विश्व में भी आयुर्वेद के सिद्धांतों और अवधारणाओं का उपयोग करना नहीं छोड़ा है। आयुर्वेद पद्धति हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जो हमारी आधुनिक जीवन शैली को सही दिशा देने और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी आदतें विकसित करने में सहायक होती है। इसमें जड़ी-बूटी सहित अन्य प्राकृतिक चीजों से उत्पाद, दवा और रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ तैयार किए जाते हैं। इनके इस्तेमाल से जीवन सुखी, तनाव मुक्त और रोग मुक्त बनता है। योग व आयुर्वेद को अपनाकर हम 100 साल की आयु स्वस्थ्य व निरोग तरीके से गुजार सकते हैं। युवा केन्द्रीय प्रभारी भाई सतीश कुमार जी ने कहा कि भारतवासियों को शिक्षा के क्षेत्र में जो बताया जाना चाहिए था, वह नहीं बताया गया। कार्यशाला को भाई पंकज, सुनील, अवधनारायण, राजेन्द्र, उषा, बहन किरण आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद के संगठन के सदस्य शामिल रहे।
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