नमामी गंगे: ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ यात्रा पतंजलि से रवाना
पुस्तक परिक्रमा समाज के लिए प्रेरणादायी, माँ गंगा के प्रति नई चेतना जागरूकता करने में होगी कारगर: पूज्य आचार्य श्री
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हरिद्वार। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट), भारत और नमामी गंगे के साथ गंगोत्री से गंगा सागर तक चल पुस्तकालय द्वारा ज्ञान के साथ संस्कृति को जोड़ने के अभियान की श्रृंखला में ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ यात्रा पतंजलि योगपीठ पहुँची, जहाँ पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ की वैन को हरी झण्डी दिखाकर यात्रा को आगे रवाना किया। यह यात्रा गत 3 अक्टूबर को उत्तरकाशी के गंगोत्री से प्रारम्भ हुई थी जो देश के 17 बड़े शहरों का भ्रमण करेगी। इस अवसर पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि पुस्तक परिक्रमा समाज के लिए प्रेरणादायी है। परिक्रमा गंगा के प्रति नई चेतना जागरूक करने में कारगर साबित होगी। पूज्य आचार्य जी ने कहा कि न्यास की यह पहल देशवासियों में गंगा के प्रति अपने दायित्व निभाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
माँ गंगा से सम्बन्धित साहित्य का परिचय देशवासियों से कराने हेतु राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ अभियान प्रारम्भ किया है। इस यात्रा में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की पुस्तक वैन पूरे देश में गंगा की यात्रा कर रही है तथा गंगा से सम्बन्धित जानकारी लोगों से साझा कर रही हैं यह यात्रा गंगोत्री, ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, अलीगढ़, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, छपरा, बेगुसराय, सुल्तानगंज, बहरामपुर व कोलकाता होते हुए 22 दिसम्बर को हल्दिया पर पूर्ण होगी।
पुस्तक प्रदर्शनी के अलावा न्यास द्वारा ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ में विभिन्न आयु-वर्ग के बच्चों के लिए विभिन्न गतिविधियाँ भी आयोजित की जा रही हैं। इस पुस्तक प्रदर्शनी में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू में विभिन्न आयु-वर्ग हेतु पुस्तकों के अलावा गंगा और भारतीय नदियों और जल निकायों के आसपास विकसित परिस्थितिकी तंत्र पर पुस्तकें प्रदर्शन एवं वितरण के लिए उपलब्ध हैं।
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