साक्षात्कार: पतंजलि फूड्स की अपार सफलता के बाद पतंजलि के आगामी लक्ष्यों पर जी-न्यूज संवाददाता अनिल सिंघवी जी द्वारा पूज्य स्वामी जी महाराज का साक्षात्कार
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लगभग दिवालिया हो चुकी स्वदेशी कम्पनी रुचि सोया की कमान पतंजलि के हाथ में आने के बाद बहुत कम समयावधि में कम्पनी का टर्न-अराउण्ड हुआ। कम्पनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स रखा गया और 650 रुपए पर आफर फाॅर सेल आने के मात्र छः महीने के अन्तराल में ही कम्पनी के शेयर ने 1400 रुपए की लम्बी छलांग लगाई। साथ ही कम्पनी ने 50,000 करोड़ का मार्केट कैप प्राप्त कर लिया। पतंजलि की भावी योजनाओं पर जी-बिजनेस के संवाददाता भाई अनिल सिंघवी ने पूज्य स्वामी जी महाराज का साक्षात्कार कर पतंजलि की भावी योजनाओं पर चर्चा की, जो हम हू-ब-हू आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं- सह-संपादक (योग संदेश) |
अनिल सिंघवी आज हम बात कर रहे हैं ऐसी खास कंपनी की, जिसने कम समय में इतिहास रचा है। इतिहास इस लिहाज से रचा है कि अब इस कंपनी के ऊपर निफ्टी में अब मात्र दो ही कंपनी हैं जिनका मार्केट कैप 50,000 करोड़ से ज्यादा है। इस कंपनी का नाम आप सब अच्छी तरह से जानते हैं, पहचानते हैं, वह है- पतंजलि फूड लिमिटेड यह 50,000 करोड़ के पार मार्केट पहुँचा चुकी है। अब यू.पी.सी. और हीरो मोटर्स कोप यह दो ही कंपनी ऐसी है निफ्टी में जिनका मार्केट कैप 50,000 करोड़ से ज्यादा है तथा पतंजलि फूड्स कंपनी से ऊपर हैं। पतंजलि फूड्स टाॅप 200 कंपनियों में है, इसमें कोई शक नहीं लेकिन निवेशकों के लिए पैसा बना है इस कंपनी में, वह जर्बदस्त हैं। इसी साल का या कुछ महीने पहले अप्रैल में कंपनी का आॅफर फार सेल आया था। वहां से स्टाॅक लगभग-लगभग दुगने से ज्यादा हो चुका है या 650 से अब 1400 रुपये के आस-पास पहँुचता हुआ दिख रहा है। इस साल इस कंपनी ने दिये हैं 60 प्रतिशत के रिर्टन। कंपनी की शुरूआत हुई रुचि सोया के अधिग्रहण से जो बंद होने के कगार पर थी। शेयर का दाम सिंगल डिजिट में 8 या 10 रुपये हुआ करता था। वहाँ से 1400 रुपये का दाम हालांकि कुछ एडजेस्टमेंट के बाद हुआ है परन्तु यह जो सफर रहा है रुचि सोया से पतंजलि फूड्स का, आइये! इस पर बातचीत करते हैं, हमारे साथ हैं कंपनी के प्रमोटर स्वामी जी बहुत-बहुत स्वागत है आपका जी बिजनेस पर। सबसे पहले तो आपको बहुत-बहुत बधाईयां, 50,000 करोड़ की यात्रा पूरी की आपकी कंपनी ने। यह कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है बहुत बड़ी बात है। मुश्किल से500-700 करोड़ से यात्रा शुरू करके 50,000 करोड़ तक पहँुचना अपने आप में बहुत बड़ा एचीवमेंट है। ईमानदारी से एक जवाब दिजियेगा, कभी आपने सोचा था जब आपने पतंजलि आयुर्वेद की शुरूआत की, पतंजलि फूड्स की शुरूआत की। इस कारोबार की शुरूआत के समय आपने सोचा था कि मेरी कंपनी 50,000 करोड़ रुपये की होगी?
पूज्य स्वामी जी महाराज अनिल भाई पहले तो अंनत चतुर्दशी व गणेश उत्सव की मेरी अनंत शुभकामनायें, आपने कहा 4-5 सौ करोड़ से यहां तो कोड़ी भी नहीं थी, जब हरिद्वार में आज से 30 साल पहले हम आये थे गुरुकुल से पढ़कर हिमालय से योग साधना करके गुरुकुल की अपनी पढ़ाई पूरी करके और अब आपने निफ्टी में मात्र २ कंम्पनियाँ और हमसे आगे हैं, जिसका मुझे पता भी नहीं था। लेकिन हमको यह जरुर पता है कि हमारा गंतव्य क्या है, हमारा पाथेय क्या है? और आज आप जैसे जो शुभचिंतक हैं जो इस देश के करोड़ों लोग जिन्होंने हमें ताकत दी कि हम योग, आयुर्वेद, स्वदेशी के मार्ग पर चलकर योग, आयुर्वेद में अनुसंधान करते-करते शिक्षा और स्वास्थ्य की सेवा करते-करते यहाँ तक पहुँचे हैं। मुझे तो यह पता ही नहीं था कि शेयर मार्केट क्या होता है? इसमें मार्केट कैप क्या है, इसमें मल्टीपल क्या होता है, इसमें मार्जन क्या होता है? आप गौतम जी से पूछ रहे थे यहाँ निवेश करें तो अब मैं कह सकता हूँ कि जिस कम्पनी का 650 रुपये का शेयर लांच हुआ, अब यह शेयर 1400 रुपये के आसपास पहुँच रहा है। अब यह मार्केट कैप कैसे बढ़ता है हमको नहीं पता, हमको यह पता है कि हमें क्या करना है और अभी भी हमारे 5 बड़े टारगेट हैं। इस देश के देव तुल्य प्रधानमंत्री, हमने उनको राष्ट्रऋषि की उपमा दी थी कि वो अपनी ऋषि संस्कृति को सनातन संस्कृति और अपनी समृद्धि को साथ-साथ लेकर चल रहे हैं, उन्होंने पाॅम प्लांनटेशन में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का ऐलान किया है।
पाॅम आयल से लेकर के एडिबल आयल में देश के आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने वोकल फाॅर लोकल और लोकल को ग्लोबल बनाना है और उस दिशा में पतंजलि फूड्स और पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि वेलनेस, पतंजलि मेडिसिन, पतंजलि परिधान, पतंजलि परिवहन अग्रसर हैं।
मैं आगे इतना कह सकता हूँ कि आने वाले ५ सालों में करीब ५ लाख करोड़ रुपये राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि में कैपिटल मार्केट में योगदान पतंजलि का होगा। उसका पूरा मास्टर प्लान हमारे सामने है और इसमें पतंजलि फूड्स जिसका आज मार्केट कैप ५० हजार करोड़ से ज्यादा क्रास किया है। पहले तो भगवान के चरणों में प्रणाम। पुनः इस देश की जनता को प्रणाम की एक संन्यासी को यह सौभाग्य दिया कि मैं इस देश की समृद्धि में योगदान दूं। लाखों लोगों को हमने स्वास्थ्य भी दिया लेकिन अब लाखों-करोड़ों लोगों को समृद्धि भी दे रहे हैं। अब इस दिशा मे सबसे बड़ा प्लान है हमारा।
अनिल सिंघवी जब आपने रुचि सोया का अधिग्रहण किया, तब लोगों को लगता था पूज्य स्वामी जी योगगुरु हैं, बिजनेस क्या चलायेंगे, कितना चलायेंगे? आपने उस कम्पनी का टर्न एराउन्ड किया। पतंजलि जो फूड बिजनेस था आपने उसमें मर्ज किया। मर्ज उस रेश्यो में किया कि लोग दंग रह गये। लगभग मुफ्त के दाम पर आपने उस बिजनेस को मर्ज करके शेयर होल्डर को रिर्टन किया। एक और बड़ी चीज आमतौर पर कर्ज वाली कंपनियों में यह दिक्कत होती है कि पैसा पड़ा है, कब आयेगा बैंको का। आपका एफ.पी.ओ. आते ही तुरन्त दूसरे दिन चेक लेकर ैठप् के चेयरमैन को ले जाकर दिया, यह लीजिये आपका कर्ज हम चुकाते हैं, आज से कंपनी डेट-फ्री है। मुझे यह बतायें कि कंपनी का इस लिहाज से क्या प्लान है? पहले यह बतायें कि क्या आपकी कंपनी कर्ज मुक्त रहना चाहती है, आगे का जो एक्सटेंशन प्लान क्या अपनी कंपनी की कमाईयों से करना है?
पूज्य स्वामी जी महाराज हमारी कंपनी डेट-फ्री रहेगी। जो पहले भी हमने डेट-फ्री किया और आगे भी 6 प्रतिशत हमें लिक्विडेट करना है। लगभग दिसंबर माह तक और उससे हमारा कैश फ्लो बढ़ेगा और यदि हम पतंजलि आयुर्वेद में कुछ पैसे लें, रुचि सोया कंपनी में पैसे लें और हमारा कोई और मकसद तो है नहीं, न हमें कोई जहाज खरीदना है और न कोई हमें बंगला खरीदना है, न किसी बीबी-बच्चों के शोक पूरे करने हैं। हमें तो सिर्फ एक शोक लगा है- तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहें। पथ का अन्तिम लक्ष्य यही है सिंहासन चढ़ते जाना, सब समाज को लिये साथ में सबकी समृद्धि सबकी सेवा, सबका प्रयास, सबका विकास, सबका पुरुषार्थ, सब इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। और इसको हमने चरितार्थ किया है कि आने वाले समय में हमारे पास कम से कम पहले दो-चार हजार करोड़ रुपए कैश फ्लो हमारे हाथ में रहेगा और जो मैंने पहले कहा कि प्लान जो हम करने वाले हैं वो करीब 15 लाख एकड़ में पाम प्लांटेशन और 5 से 7 सालों में करीब 2 हजार करोड़ रुपए का इयरली, उसके ऊपर रिर्टन। माने जो जिसको हम एबिटा कहते हैं, एबिटा में 2 हजार करोड़ प्लस वो हमें प्लांटेशन से मिलने वाला है और यह एक ऐसा बिजनेस है जो करीब 40 साल तक कंटिन्यू चलेगा। जो पेड़ एक बार लगा दिया, वह पेड़ ४० साल तक चलेगा। ऐसी कंपनी को तो 50 गुना का उसके ऊपर मल्टिपल मिलता है।
मैं अभी नवंबर महीने में अमेरिका से लेकर के और जहां भी जरूरत हुई सिंगापुर आदि में इंवेस्टर्स से मिलूंगा और अपना प्लान बताऊंगा कि यह जो कंपनी है यह मात्र एडिबल आॅयल कंपनी नहीं है, पाॅम प्लांटेशन की वल्र्ड की सबसे बड़ी कंपनी होगी। पतंजलि फूड्स हमारा सपना था और यह हमने पहले भी कहा था जब मेरी पहली कान्फ्रेंस हुई थी, मुंबई में, तब मैंने यह प्लान रखा था।
दूसरा इस पाॅम प्लांटेशन का तो यह बहुत बड़ा काम होगा, इस देश को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाना, लगभग- लगभग ३ लाख करोड़ रुपए की जो हमारी देश की मुद्रा का नुकसान हो रहा है आज हमारे रुपए का जो डी-वैल्युएशन होता जा रहा है वह अवमूल्यन क्यों हो रहा है? क्योंकि हमारा पैसा बाहर जा रहा है। बहुत तरीकों से यह पैसा बाहर जा रहा है, तेल में जा रहा है, पैट्रोल में जा रहा है, डीजल में जा रहा है, सोने-चांदी में न जाने किस-किस में यह पैसा बाहर जा रहा है। हीरे में बहुत सी चीजें हम बाहर से इम्पोर्ट करते हैं, बहुत सी एफ.एम.सी. कंपनियाँ यहाँ से पैसा लेकर जाती हैं, तो रुपए का अवमूल्यन न हो, यह मेरा बहुत बड़ा सपना था। उस दिशा मे एक तो यह बड़ा प्लान पाॅम प्लांटेशन का है।
दूसरा न्यूट्रास्यूटिकल्स का- न्यूट्रास्यूटिकल में हमने एक ओपन मार्केट में विटामिन-डी, बी-12, कैल्शियम, आयरन, ओमेगा का इस्तेमाल 80 प्रतिशत लोगों को डेफिशियेंसी थी। हमने उसमें बड़ा प्लान यह किया कि नेचुरल 100 प्रतिशत प्लांट बेस्ड आॅर्गेनिक चीजें दी और अब एमएलएम के नाम पर बेच रही थी। हर्बल लाइफ, एमवे जैसी कंपनी भी अब हमने प्लान किया है, मैंने 10 लाख योग टीचर्स को टेªन्ड किया है और करीब एक लाख से ज्यादा लोग जब वो 50, 100, 200, 500, 1000 लोग के साथ प्रतिदिन हमारी क्लास लगती है, वहाँ पर हम इस न्यूट्रिशन के बारे में लोगों में अवेयरनेस लेकर आयेंगे और एक साथ लाखों लोगों का डिस्ट्रीब्यूशन चैनल अभी इसी महीने में आॅन हो जाएगा।
तो न्यूट्रास्यूटिकल्स में और जो न्यूट्रास्यूटिकल्स कंपनियों में काम कर रहे 30-30 साल, 35-35 साल पुराने एक्सपिरियन्स लोगों को हम न्यूट्रास्यूटिकल्स में लाएंगे। न्यूट्रास्यूटिकल्स का हमारा बहुत बड़ा, जो एक पूरे इस बिजनेस का प्लान है, उसे हम आगे बढ़ा रहे हैं और न्यूट्रिला की सोया बड़ी जिसे सब जानते हैं, इस देश को सोया बड़ी खिलाना, बनाना, वो ब्रांड पतंजलि ने बनाया। आज लगभग 50 से 60 प्रतिशत देश के अलग-अलग हिस्सों में हमारी उसमें हिस्सेदारी माने के मार्किट शेयर पतंजलि के पास है। जो फूड का जहाँ तक प्रश्न है, घी का तो सबसे बड़ा ब्रांड, सरसों के तेल का, नेचुरल आॅयल का और नेचुरल प्रोडक्ट का तो सबसे बड़ा ब्रांड पतंजलि फूड्स का है, उसको तो इतनी ऊंची ऊंचाई पर लेकर के जायेंगे कि वो भी अपने आप में आशातीत होगा। जीरो काॅलेस्ट्रोल, जीरो ट्रांसफैट, जीरो मैदा, यह जो काॅन्सेप्ट बिस्कुट में हम लेकर के आये। तो पाँचों जो हमारे प्लान हैं यदि मैं एक-एक वाक्य में कहूँ तो २ हजार करोड़ प्लस का एबिटा आने वाले कुछ वर्षों के अंदर पाॅम प्लांटेशन में होगा। 1 हजार करोड़ प्लस का एबिटा फूड्स में होगा, करीब 1500 से 2000 करोड़ का एबिटा वो हमारे ट्रेडिशनल बिजनेस से होगा, करीब 500 से 1000 करोड़ का आगे एबिटा करना है। न्यूट्रेला क्रिटिकल में यह हमारा लक्ष्य है। इसी तरह से पतंजलि बिस्कुट को लेकर के तमाम तरह के स्नैक्स और बहुत सारे हेल्दी फूड के आॅप्शन हम लेकर के आ रहे हैं और लक्ष्य हमारा यह रहेगा कि जो ट्रेडिशनल बिजनेस है एडिबल आॅयल का उसको लगभग 5 प्रतिशत के आसपास उसका जो एबिटा है मेंटेन करना, बाकि लगभग 15 से 20 प्रतिशत का इसके अंदर एबिटा वाला जो बिजनेस है, अब यह एडिबल आॅयल कंपनी नहीं रह गई है, यह इतनी बड़ी फूड्स कंपनी या इस देश के स्वास्थ्य और समृद्धि के नये कीर्तिमान तय करने वाली कंपनी होगी पतंजलि फूड्स लिमिटेड। देखो, मैं स्वभाव से योगी और कर्मयोगी ही हूँ, था और रहूँगा।
अनिल सिंघवी आपने जो स्वामी जी बोला, उसे वैल्यूवेट कर लिया, आपके हिसाब से 5 से 6 हजार करोड़ रुपए का एबिटा करने की तैयारी में है पतंजलि। अभी जो आपका एबिटा जो चल रहा है जो पहली तिमाही के नतीजे आये, करीबन 392 करोड़ का हो गया, 400 करोड़ का अभी किया है यानि की सालभर का 1600 करोड़ या थोड़ा सा बढ़ाकर 2000 करोड़। 2000 करोड़ से 5000 करोड़, 6000 करोड़ की एबिटा यानि की 5 साल में आपकी एबिटा या आपकी कमाई 3 गुना हो जायेगी, यह आप निवेशकों को गाइडलाइन दे रहे हैं?
पूज्य स्वामी जी महाराज गाइडलाइन नहीं दे रहा हूँ, जो हमने प्रोमिस किया है- लैस प्रोमिस ओवर डिलिवरी, यह आप लोगों ने ही हमको सिखाया है। हमने आपको योग सिखाया, मगर आप लोगों ने मुझको यह बिजनेस सिखा दिया, तो आप भी हमारे बिजनेस गुरु हैं।
अनिल सिंघवी यह गलतफहमी बिल्कुल भी नहीं है कि आप पूज्य स्वामी जी बड़े शार्प, बड़े स्मार्ट हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ क्योंकि मैं तो आपकी प्रेस काॅन्फ्रेन्स में नहीं था लेकिन मैंने सुना कई सारे हमारे मित्र वहाँ पर थे उन्होंने आपको देखा, सुना और इस प्रेस कान्फ्रेंस के बाद बड़ी राय बदली है लोगों की। आपके बारे में स्पेश्यली जो फंड मैनेजमेंट में हैं, जो इन्वेस्टमेंट का कामकाज देखते हैं, वह बोले की यह तो कहीं से पूज्य स्वामी जी लगते ही नहीं, सिर्फ देखने के पूज्य स्वामी जी हैं, बाकि पक्के बहुत ही स्मार्ट शार्प बिजनेसमैन हैं। बोर्ड रूम वाली बातें करते हैं। सारे कौन-कौन से बिजनेस कहाँ-कहाँ पर कितना कारोबार कर रहे हैं, पूरी वैल्यूवेशन उनकी उंगलियों पर है। मैं बता रहा था कि शुरुआत में एक बदलाव हुआ है, जिससे आपकी छवि बड़ी तेजी से बदली है।
पूज्य स्वामी जी महाराज मैं स्वभाव से योगी, कर्मयोगी ही हूँ- था और रहूँगा। और यह जो पूरा बायो प्रोडक्ट उसकी जो फलशश्रुति उसका जो परिणाम है। जब मैं 18-18 घंटे पुरुषार्थ करता हूँ, सुबह हँसता-मुस्कुराता हूँ और दौड़ता- भागता हूँ, पूरे ५ बजे आस्था चैनल पर पहुँच जाता हूँ, फिर इंडिया टी.वी. पर फिर मैं शुरु कर देता हूँ अपने योग और कर्मयोग का सफर। और रात को 10 बजे 2 सैकेंड में सो जाता हूँ। मैंने अपनी बाॅडी को, अपने शरीर को इस तरह से ट्रेन्ड किया हुआ है। जिस समय जो करता हूँ उसमें खो जाता हूँ, बाकि सब कुछ भूल जाता हूँ। जैसे मैं अभी आपसे पतंजलि फूड्स के बारे में बात कर रहा हूँ तो कुछ भी ध्यान में नहीं है। एक ही बात है कि मुझे क्या करना है? मेरा गंतव्य क्या है? योग में, आयुर्वेद में, स्वदेशी में, रिसर्च में, हैल्थ में, एजूकेशन में मैं खाली एक लक्ष्य लेकर चल रहा हूँ कि मुझे इस देश को बहुत ऊंचाई पर लेकर के जाना है और 2047 में जब देश का शताब्दी वर्ष मनाया जायेगा, उसमें कम-से-कम हिन्दुस्तान के चार-पाँच नाम लिये जायेंगे तो एक नाम पतंजलि का होगा कि पतंजलि ने यह किया, पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी ने, श्री भरत जी ने, श्री संजीव अस्थाना जी ने हमारी जो कर्मयोगियों की टीम है, एक अदने से संन्यासी ने जिसके पास कुछ भी नहीं था, शून्य से यात्रा शुरू करके इस देश के लिए इतना किया तो हमें भी कुछ करना चाहिए, बस यही जज्बा मैं इस देश में देखना चाहता हूँ।
अनिल सिंघवी पूज्य स्वामी जी, अभी-अभी यह एक और खबर आई है कि जो नाॅन बासमती चावल हैं, उनके एक्सपोर्ट पर ड्यूटी भी लगाई जा रही है, बासमती के अलावा जो चावल हैं उनको बैन भी किया जा रहा है। क्या आपकी कम्पनी पर कोई असर पड़ता है, कोई फायदा-नुकसान होता है इससे?
पूज्य स्वामी जी महाराज देखो, हमारा जो भी फूड के बिजनेस में हम जो बासमती बेचते हैं, टुकड़े भी बेचते हैं, पोरा भी बेचते हैं, हमारा तो हिंदुस्तान में इतना बिक जाता है कि बाहर भेजने की ज्यादा जरूरत ही नहीं पड़ती। हाँ, आगे जैसे मैंने कहा कि आपने जो बिजनेस प्लाॅन पूछा है,
I am not talking about only Patanjali, We have Patanjali Ayurveda. जो बहुत बड़ा ब्रांड है और पूरी दुनिया की चिकित्सा व्यवस्था को बदलना है। जिसको लोग बीमारी कहते हैं वो बीमारियाँ नहीं बीमारियों के संकेत हैं और जिनको बीमारी मानकर कहते हैं, यह तो लाइफ स्टाइल डिजीज है, यह तो बाद में क्रोनिक डिजीज और फिर जेनेटिक डिजीज, कम्युनिकेबल, नाॅन कम्युनिकेबल डिजीज का एक ऐसा नकली संसार गढ़ दिया। मैं तो कहता हूँ इन सबको योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक कर सकते हो। पूरी दुनिया को चिकित्सा में दिशा देने का काम पतंजलि वैलनेस कर रहा है। यह इतना बड़ा है कि हम किसी दिन इसका प्च्व् भी आपके सामने लेकर के आएंगे। साथ ही पतंजलि आयुर्वेद का प्च्व् लेकर के आएंगे, पतंजलि वैलनेस का प्च्व् लेकर के आएंगे, पतंजलि मेडिसिन का प्च्व् एक और आ जाएगा, पतंजलि के जो परिधान हैं, परिवहन है या हमारे जो पतंजलि आॅर्गेनिक बिजनेस हैं। पतंजलि की कम से कम 5 कंपनी लिस्टिंग की प्रक्रिया में आएंगी और इस देश के कैपिटल मार्केट के इतिहास में पहली बार किसी संन्यासी ने घंटा बजाया था और झंडा गाड़ा था, स्टाॅक मार्केट में जा करके। अब ऐसे ही कुछ नये कीर्तिमान गढ़े जायेंगे। यह सारा पुरुषार्थ परमार्थ के लिए है। भारत माता के लिए है।
अनिल सिंघवी स्वामी जी जैसा की आप कह रहे हैं कि चार प्च्व् आने वाले हैं, यानि की 5 कंपनियाँ आपकी हो जाएँगी लिस्टिड?
पूज्य स्वामी जी महाराज हमने 250 प्रतिशत डिविडेन्ट भी दिया है, हाँ 5 लिस्टिड कंपनियाँ भी होंगी। प्रयास होगा हमारे आने वाले 5 सालों में और मैं आपको यह बता रहा था कि हमने यह खाली डेट फ्री नहीं किया, पतंजलि जो फूड है उसको नाम मात्र में खाली मर्ज नहीं किया, बिजनेस डिविडेन्ट भी हमने बहुत कम समय में ऐसे बीमारू कंपनी जब कोई उभरती है तो डिविडेन्ट नहीं देती है जल्दी से, डिविडेन्ट भी लोगों को दिया और आगे इतना कुछ देने वाले हैं। कोई प्रलोभन नहीं दे रहा हूँ, लेकिन एक नीयत है कुछ अच्छा करने की, जज्बा है काम के अलावा और कोई काम नहीं है। एक ही संकल्प है, सुबह से शाम तक मेरा कर्म, मेरी पूजा बन जाये, यह भारत माता मेरा मंदिर है और इस मंदिर की शोभा बढ़ाने के लिए इस देश को समृद्धि और संस्कारों के उच्च शिखर पर ले जाने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ, उसमें लगा हूँ।
अनिल सिंघवी पूज्य स्वामी जी महाराज यह 5 कंपनियां कब तक लिस्ट हो जायेंगी, यह 5 साल का एजेंडा है या जल्दी?
पूज्य स्वामी जी महाराज 5 साल का एजेन्डा है भईया, जल्द ही आप मुझसे पूछेंगे स्वामी जी अब कौन सी कंपनी लिस्ट हो रही है? लेकिन एक-एक, दो-दो साल में नव-नव कीर्तिमान बनते रहेंगे, और यहाँ भी जो हमारे शास्त्रों में लिखा था, साधु अभ्युदय और परमार्थ की प्रवृत्ति और निवृत्ति को, योग और कर्मयोग को साथ साधता है और लोक कल्याण के लिए जीता है। स्वयं अकिंचन रहते हुए सारे संसार की समृद्धि के लिए सारे संसार के स्वस्थ खुशहाली की चिंता करता है, वह पतंजलि कर रहा है।
अनिल सिंघवी अच्छा पूज्य स्वामी जी महारजा दिसम्बर का इन्तजार है, आपको भी होगा, थोड़ा आपके जो लाखों निवेशक हैं, उनको भी है। आपकी अभी तक जो शेयर होल्डिंग है वो 82% है, आपको 75% तक लानी है। 7% और घटानी है। पिछली बार आया था प्च्व् तो लोग सोच रहे थे- अरे, प्च्व् आ रहा है उसके बाद दाम घट जायेगा, अभी तो 1000 रुपए है, बाद में पता नहीं क्या होगा, क्या नहीं होगा, एक तो मास्टर स्टाॅक यह कर दिया की भाव इतना सस्ता रखा 650 रुपए कि सबके मुंह में पानी आ गया। उसके बाद डबल से ज्यादा हो गया। अब तो आपके लिये माहौल भी सही है, लोगों का भरोसा भी पहले से कहीं ज्यादा है। दिसम्बर के पहले-पहले यह हो जायेगा? कब तक करने का इरादा है? और कैसे करेंगे यह बतायें?
पूज्य स्वामी जी महाराज देखो अनिल भाई, हमने उसे कभी गलत नहीं लिया। हमने कहा, हम अपना पुरुषार्थ पूरा करेंगे। जब हम घर से निकले थे तो गांव में लोग कहते थे, यह रामकिशन योगी बनेगा, तो जब हम घर से निकले तब हमें लोग हमारी औकात बताते थे।
जब गुरुकुल में पढ़े-बड़े, संस्कृत पढ़े हुए, यह कुछ नहीं कर सकते। यह तो अच्छा हुआ, भला हो आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का, श्री अमित शाह जी का, उन्होंने हिन्दी बोलने वालों की गरिमा बढ़ा दी, नहीं तो देश के प्रधानमंत्री हिन्दी में बात करने में भी हीनता महसूस करते थे। हम जब अपनी भाषा बोलते थे, तब लोगों को ऐसा लगता था जैसे हम कोई पैन्सिएबल क्राइम कर रहे हैं। कोई दण्डनीय अपराध कर रहे हैं। तो गुरुकुल में पढ़े, वहाँ हमारी औकात बताई, योग करने लगे तो बोला- यह योग करेगा, हमने अपना काम पूरे मन से किया, और अभी भी कर्म के अलावा, पुरुषार्थ के अलावा, यहाँ तो पुरुषार्थ चतुष्टय है, हमारी संस्कृति का सार है तो हम जल्दी ही नवम्बर महीने में न्ै भी जायेंगे और बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स ने हमें आमंत्रित किया है, अभी मुंबई में भी दोबारा आने वाला हूँ, एक हमारे बहुत बड़े ग्रुप इन्वेस्टर्स हैं, उनका कोई इंटरनेशनल समिट है। उन्होंने मुझे आमंत्रित किया है, मोतीलाल ओसवाल वालों ने मुझसे कहा स्वामी जी इंटरनेशनल इन्वेस्टर्स कहते हैं हमें पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज से मिलना है, तो मैंने कहा चलो मैं आता हूँ। पहले मैं मुंबई में कम आता था, यह मायानगरी है अरे मैंने कहा योग और माया नगरी में कही संघर्ष न हो जाये, लेकिन हम पूरी प्रमाणिकता से जो हमने प्रोमिस किए हैं, उनको हम डिलीवर करेंगे और उससे ज्यादा डिलीवर करेंगे। और पहले जो हमने बोला था एक कंपनी को टर्नअराउंड करना, प्रोफेशनल मेनेजमेंट, काॅर्पोरेट गवर्नेंस के साथ एकाउंटेबिलिटी, ट्रांसपेरेंसी के साथ, प्रोफिटिबिलिटी के साथ हमें कष्ट सहना होगा, हम सह लेंगे। लेकिन हमने जो लोगों से वादा किया है, उससे पीछे नहीं हटेंगे, और अंतिम सांस तक अपने नियम में, अपनी मर्यादा में, अपने वचन में बंधा रहूँगा, रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। यह हमने अपने पूर्वजों से सीखा है, और उसको निभाएंगे, अनिल जी।
अनिल सिंघवी उम्मीद करते हैं जिस तरह का एक बड़ा प्रतिष्ठित आज एक लैंडमार्क हासिल किया है, 50 हजार करोड़ के मार्केट कैप का आपका जो टारगेट है कि 5 लाख करोड़ तक के मार्केट के ऊपर तक लेकर जायें। आप इस कंपनी को दुनिया की बेहतरीन थ्डब्ळ कंपनी बनायें। 5-5 कंपनियां लिस्ट करायें, उसके लिए पूज्य स्वामी जी हमारी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, जिस तरह से पतंजलि फूड्स प्रोगे्रस कर रहा है, जिस तरह आपका कारोबार बढ़ रहा है। बहुत-बहुत धन्यवाद आपको, हमें समय देने के लिए और एक बार फिर से आपको व पूरे पतंजलि परिवार को शुभकामनाएँ।
पूज्य स्वामी जी महाराज बहुत-बहुत प्रणाम आपको भी, आप मुझे बार-बार अवसर देते रहते हैं अपनी बात कहने का और पुनः जिन लोगों ने हमें यहाँ पहुँचाया है, उनको कृतज्य हृदय से और उस परम पिता परमेश्वर को, गुरु सत्ता को, सबको मेरा हृदय से बहुत प्रणाम। भारत माता की जय, वन्दे मातरम्।
- साभारः जी-बिजनेस
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आयुर्वेद अमृत
08 Sep 2024 17:56:49
आयुर्वेद शाष्यत है, अनादि है किंतु पे लगभग 2000 वर्ष पूर्व आयुर्वेद काल, समय, स्थिति के कारण पिछड़ गया