कीर्तिमान : देष के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय  षिक्षा बोर्ड का गठन  किया: पूज्य स्वामी जी महाराज

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा, 1835 में  मैकाले ने जो पाप किया था उसे साफ करने का कार्य अब पतंजलि करेगा।

कीर्तिमान : देष के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीय  षिक्षा बोर्ड का गठन  किया: पूज्य स्वामी जी महाराज

  हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन पतंजलि विवि के कुलाधिपति योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर ऐतिहासिक कार्य किया है। परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि 1835 में मैकाले जो  पाप करके गया था, उसे साफ करने का कार्य पतंजलि, भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से करने जा रहा है। अब भारत के बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार तैयार किया जाएगा।
  सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में चुनौतियों पर मंथन: आधुनिक औषधियों और आयुर्वेद पर एकीकृत दृष्टिकोणविषय पर परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि आयुर्वेद सबसे प्राचीन विज्ञान है। इस ज्ञान की उपेक्षा करना और इसे कमतर आंकना अज्ञानता है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने अपने साक्ष्य- आधारित अनुसंधान को दुनिया के प्रमुख शोध पत्रिका में प्रकाशित करवाकर इसे दूर करने का प्रयास किया है। उन्हांेने आयुर्वेद को एंटी-एजिंग, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और शुद्धिकरण को सर्वाधिक उपयोगी पद्धति बताया। उन्होंने आधुनिक चिकित्सा विज्ञानिकों के प्रयास की सराहना की। चिकित्सक को देवदूत की तरह बताया। शोध पत्रिका योगायु के प्रथम अंक का विमोचन करते हुए योगर्षि स्वामी रामदेव जी महाराज ने वैज्ञानिकों के अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ से तैयार किए गए विश्व-भेषज संहिता के 51 खण्ड समेत 80 अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रंथों की संक्षिप्त जानकारी दी। उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत जी ने पतंजलि के कार्यों की सराहना की। सम्मेलन में पतंजलि विवि के प्रति कुलपति प्रो.महावीर अग्रवाल जी, डाॅ. साध्वी देवप्रिया जी, श्री राकेश कुमार जी, स्वामी परमार्थदेव जी, डाॅ.केएनएस यादव समेत संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अन्य चिकित्सा संस्थानों के प्रमुख भी मौजूद रहे।
    साक्ष्य आधारित चिकित्सा क्षेत्र में पतंजलि ने हासिल किया मुकाम- हरिद्वार। एम्स भोपाल के अध्यक्ष प्रो.वाईके गुप्ता ने हेल्थ केयर की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। पतंजलि में चल रहे अनुसंधान पुरी दुनिया का मार्गदर्शन करेंगे। एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो.मीनू सिंह ने बताया कि साक्ष्य-आधारित चिकित्सा के क्षेत्र में पतंजलि ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ कैयर प्रिवेशन एण्ड रिसर्च के निदेशक प्रो.शालिनी सिंह ने कैंसर नियंत्रण की चर्चा करते हुए बताया कि कैंसर के उत्पन्न होने में नौ प्रतिशत में अहितकारी भोजन का योगदान होता है। एम्स दिल्ली के प्रो.के.के. दीपक ने योग व ध्यान का मस्तिष्कयीय तरंगों पर पड़ने वाले प्रभावों को साझा किया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. शेखर कश्यप ने कुछ केस स्टडी के आधार पर अनुभव साझा किया।
कोरोना काल में 89 प्रतिशत ने आयुष का किया उपयोग: वैद्य कोटेचा
    आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश जी ने बताया कि कोराना काल के दौरान आयुष विधा का उपयोग सम्पूर्ण विश्व ने देखा। हाल में किए एक शोध निष्कर्ष की जानकारी देते हुए बताया कि आयुष संजीवनी एप पर 1.47 करोड़ डाटा के विश्लेषण में पाया कि 89 प्रतिशत लोगों ने कोरोना काल के दौरान आयुष विधा का उपयोग किया। उन्होंने पतंजलि में बड़े पैमाने पर चल रहे अनुसंधान कार्यों की सराहना की। प्रतिभागियों को उन्होंने आयुष मंत्रालय और पतंजलि योगपीठ की ओर से यहां सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना के बारे में जानकारी दी।

Advertisement

Latest News