पूज्य स्वामी जी महाराज योग, आयुर्वेद, स्वदेषी के द्वारा भारत को गौरवषाली बनाने का पुरुशार्थ किया
स्वामी विवेकानंद ने कहा भारत वर्ष विश्व गुरु व सबसे महानशक्ति सम्पन्न देश बनेगा
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पतंजलि योगपीठ में प्रताप चंद्र सारंगी (पूर्व केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार) का आगमन हुआ उन्होंने परम पूज्य स्वामी जी महाराज जी से शिष्टाचार भेंट वार्ता की और पतंजलि द्वारा चल रहे विभिन्न सेवा प्रकल्पों का अवलोकन किया व उनकी सराहना भी कि उन्होंने कहा कि- हम सब महाराज श्री के कृपा प्राप्त हैं, इसलिए मेरे भी व्यस्त राजनीतिक जीवन में ऐसा दिव्य अवसर मुझे प्राप्त हो गया है। इसलिए मैं मेरा अनुभव भाषा में, वाणी में व्यक्त नहीं कर सकूँगा। वास्तव में मुझे ऐसा अनुभव होता है की, जैसे वैदिक सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा करने के लिए, आगे बढ़ाने के लिए परमात्मा की करुणा की धरा एक महान संत पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के रूप में पैदा हो गए हैं और वैदिक ऋषियों से लेकर के ऋषि दयानन्द तक, चैतन्य से लेकर के, भगवान बुद्ध से लेकर के, समर्थ स्वामी रामदास से लेकर के राम कृष्ण विवेकानंद तक, महाराणा प्रताप से लेकर के, छत्रपति शिवजी से लेकर के, छत्रसाल तक, ऋषि अरविन्द तक, ये सब जितने ऋषि-महर्षि, दार्शनिक, प्रज्ञाओं पुरुष और राष्ट्रनायक पैदा हुए हैं ये देव ऋषि, वंदनीय आर्य वसुंधरा भगवती भारत माता का आराधना किए हैं।
2000 साल की पराधीनता के काल खंड में आजादी के बाद स्वतंत्रता हमको नहीं मिला, स्वराज मिल गया, इसलिए आजादी के बाद भी जितना भारतीय मूल्यों का अवहेलना हुआ इस सब में परमेश्वर की करुणा का धारा ऐसा पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के रूप में और वैसा ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के रूप में आये, मैं तो अनुभव करता हूं, जैसा भगवान श्री राम के साथ विश्वामित्र और वशिष्ठ, जैसा कौटिल्य से आचार्य कौटिल्य से विष्णु गुप्त के ताकत पर सम्राट चंद्रगुप्त का साम्राज्य खड़ा हुआ और समर्थ स्वामी रामदास की जो आधारशिला निर्माण की उन्होंने इसके ऊपर छत्रपति शिवजी ने मुगल शाही, निजाम साही, आदिल शाही कुतब शाही, इन सारे वैदेशिक साम्राज्यों को खण्ड विखंण्ड कर के हिन्दू पद पदशाही का प्रतिष्ठा कर दिया, और ऐसे स्वामी की विद्या हरने के कारण जैसा, कृष्णदेव राय का अभ्युदय हुआ। वैसा ही भारत माता जर्जरित होकर के उनकी प्रार्थना से भगवान की करुणा की धरा एक देवऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज और श्री नरेन्द्र मोदी जी के जैसे तपस्वी राजा का जो संयोग हुआ इससे भारत माता का अभ्युदय हो रहा है। नहीं तो जो असंभव कल्पना किया जा सकता था वो आज संभव हो रहा है, हो गया है।
ईश्वर योजना, ईश्वर कृपा के अतिरिक्त और कुछ नहीं हो सकता है, इसलिए योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, स्वाभिमान के द्वारा भारत को गौरवशाली बनाने का जो पुरुषार्थ पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज करते हैं, यह अतुलनीय है, असाधारण है, अनन्य है, हम सब इसके लिए आभार व्यक्त करते है मेरा अहोभाग्य है, मैं पूज्य स्वामी जी महाराज के चरणों में उपस्थित हुआ हूं और भारत को परिवर्तन करने के लिए कई महापुरुषों ने सपने देखा है, लेकिन भारत को परिवर्तन करना, जब तक भारतीयों का परिवर्तन नहीं होता तब तक यह असंभव है, और भारतीयों का परिवर्तन करने का सपना जो देखेगा ये परिवर्तन का प्रक्रिया स्वयं खुद से प्रारंभ करेगा। पूज्य स्वामी जी ने ये असाधारण क्रांति संभव कर दिया है और भारतीयों का जीवन को जीने का कला हमको सीखा दिया और भारतीय अगर गर्वशाली होंगे तो सारा विश्व में भारत का गौरव प्रतिपादित होगा।
स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था, आगामी दिन में भारत वर्ष विश्व का गुरु बनेगा, विश्व का सबसे महाशक्तिराष्ट्र बनेगा। मुझे लगता है ये भविष्यवाणी आज पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के माध्यम से सच होने जा रहा है। माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने विश्व का 12-13 देश से सर्वश्रेष्ठ सम्मान प्राप्त हुआ, प्रधानमंत्री जी ने विश्व पटल पर यह संदेश दिया की 21 जून योग-दिवस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को 190 से ज्यादा देश इसका पालन व उत्साह से मना रहे है। इन मुस्लिम देश भी योग-दिवस श्रद्धा से पालन करते है। कई मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर निर्माण हो रहा है। ये भारत का हिंदुत्व का विजय यात्रा है, एक नव भारत का निर्माण हो रहा है। जिसके लिए नवीन प्राण चाहिए और पूज्य स्वामी जी महाराज ने यह नवीन प्राण का निर्माण कर रहे हैं, इसलिए सारा राष्ट्र उनको विनम्र कृतज्ञता प्रदान करें।
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आयुर्वेद शाष्यत है, अनादि है किंतु पे लगभग 2000 वर्ष पूर्व आयुर्वेद काल, समय, स्थिति के कारण पिछड़ गया