सामूहिक समृद्धि का आंदोलन रुचि सोया FPO
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भारतीय शेयर बाजार में नवीन क्रान्ति के साथ रुचि सोया अपनी ताल ठोकने जा रहा है। लगभग दिवालिया हो चुकी रुचि सोया का अधिग्रहण कर पतंजलि ने एक स्वदेशी कम्पनी को डूबने से बचाया है। पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज का संकल्प है कि विदेशी कम्पनियांे के मायाजाल को तोड़कर देश में स्वदेशी की अलख जगाएंगे। इससे न केवल देश का पैसा देश में रहेगा अपितु देश में रोजगार की स्थिति सुदृढ़ होगी। अर्थ से परमार्थ का यह सेवा संकल्प समाज व राष्ट्र को आर्थिक उन्नति के शिखर पर ले जाएगा, हमारी यही आशा है। पतंजलि के साथ देशवासियों को भी इस महायज्ञ का प्रसाद लाभ के रूप में मिले, इसलिए रुचि सोया का एफपीओ बाजार में लाया गया है।
लाखों किसानों के लिए स्वर्णिम अवसर है रुचि सोया का एफपीओ- पतंजलि प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लाखों किसानों के साथ जुड़ा हुआ यह एक आंदोलन है जो रुचि सोया पिछले 50 वर्षों से और पतंजलि पिछले 30 वर्षों से इस राष्ट्र की सेवा के साथ कार्यरत है। हम वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ स्प्रिचुअल एण्ड नेचुरलिज्म के करैक्टर के साथ, काॅपोरेट गवर्नेंस और प्रोफेशनल मैनेजमेंट, आल ट्राॅस्परेन्सी और आॅनरशिप के साथ हमारी जिम्मेदारी देश की प्रगति को एक नये शिखर पर ले जाने की है जिसमें हम सभी को अपनी भूमिका निभानी है। उसमें आज यहाँ मात्र एक प्राइम ब्रांड एनाउंसमेंट की औपचारिकता की क्यों न हो, यह शुरूआत है स्वदेशी के आत्मनिर्भता के नये युग की। पतंजलि का यह पहला प्रयास है। जैसा की आप जानते है रुचि सोया एनसीएलटी में गई हुई एक लिस्टेड कम्पनी थी। पतंजलि ने इस कम्पनी को संजीवनी दी और उसका पूरा टर्न अराउंड किया और उसको एक ऊँचाई प्रदान की है।
राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि रखते हुए निभाएंगे उद्योगधर्म- हम उस कम्पनी को उस ऊँचाई पर लेकर गए जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। हमारा मूल धर्म योगधर्म है, और उसके साथ अब, यहाँ उद्योग धर्म योगमूलक उद्योग और उसमें राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि रखते हुए हमने इस कम्पनी को भी कई आसन करवाए और एक नये सिंघासन पर इसको लेकर आये। इसके अंदर एफएमसीजी, पतंजलि बिस्कुट एक बहुत बड़ा इस्ट्रेब्लिशड बिजनेस हमने एक नौमीनल परिप्रेक्ष्य के ऊपर ट्रांसफर किया और आरएसपी प्लान के ऊपर हमने एक विजन रखा है। पूज्य स्वामी जी महाराज कहते हैं कि जितने भी इन्वेस्टर से मिला सबके सुझाव और उन सबकी भावनाओं का आदर करता हूँ। हमने बहुत गम्भीरतापूर्वक विचार किया कि पतंजलि ग्रुप कम्पनीज का एक थाॅट प्रोसेस तैयार हो। उसमें रुचि सोया से लेकर पतंजलि के जितने भी प्रोडक्ट पोर्टफोलियो है उसको हम सही से एलाइन कर सकें। इस दिशा में हमने निर्णय लिया कि बिजनेस ट्रांसफर का जो भी वैधानिक तरीका है उन तौर-तरीकों को अपनाते हुए फूड पोर्टफोलियों को हम एक साथ लेकर आयें, नाॅन फूड को एक साथ लेकर आयें। पतंजलि की ओर से मेडिसिन और वैलनेस का एक बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है, अतः किसी तरह की कोई भ्रान्ति न रहे, इस तरह से पूरे बिजनेस का विभाजीकरण किया जायेगा।
नैचुरल न्यूट्रास्यूटिकल्स की शुरूआत- उन्होंने कहा कि यह एक आॅयल के साथ-साथ न्यूट्रीला न्यूट्रास्यूटिकल्स में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। विगत 8-10 महीनों में न्यूट्रीला न्यूट्रास्यूटिकल्स को यहाँ पर बनाया गया है। लाइकेन से हमें विटामिन-बी, रोजी-हिप और पम्पकिन से न्यूट्रेला विटामिन-सी और जिंक बनाया है। मुक्ताशक्ति, मोती पिष्टी से न्यूट्रेला बोन हेल्थ, मंडूर पालक अलग-अलग जो प्राकृतिक घटक हैं उनसे न्यूट्रेला आयरन काम्प्लेक्स मल्टीविटामिन्स 41 पोषक तत्वों से न्यूट्रेला डेली एक्टिव और मोरिंगा एलोवेरा और रोजी-हिप इन सबसे और स्पिरुलिना से इसे हमने तैयार किया बी-काम्प्लेक्स का नैसर्गिक विकल्प प्राकर्तिक प्लांट बेस आॅर्गेनिक चीजें देने की प्रतिबद्धता के साथ हमने न्यूट्रेला न्यूट्रास्यूटिकल्स विटामिन-बी, विटामिन-12, आयरन, ओमेगा और मल्टीविटामिन्स बी-काॅम्प्लेक्स के साथ-साथ हमने कोलेजन प्राश पाउडर नेचुरल उपलब्ध कराया।
भारतवासियों के दिल में धड़कता है पतंजलि- 140 करोड़ लोग हमसे प्यार करते हैं। किसी भी ब्रांड की सबसे बड़ी ताकत उसकी रीच है। हमारी रीच इस देश से सवा सौ करोड़ से ज्यादा लोगों तक, और दुनिया के करीब 200 करोड़ लोगों तक है। हम उस रीच को अपने कर्म से, सच्चाई और ईमानदारी से ये गुणवक्तायुक्त उत्पाद अफोर्डेबल प्राईस पर उपलब्ध करवाते हैं।
पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि वस्तुतः पतंजलि क्या है? आप सब पतंजलि को अपने हृदय में महसूस करते हैं और जिस संस्था को हम महसूस करने लग जाएँ तो समझ लीजिए उसमें बड़ी कोई बात नहीं होती क्योंकि महसूस हम उसको करते हैं जो हमारे सबसे करीब होती है। पतंजलि को आप सब महसूस करते हैं, पूज्य स्वामी जी महाराज के तप और पुरुषार्थ से विगत 30 दशक से उनके पुरुषार्थ का ही परिणाम है, यदि किसी को जानना है तो उसके इतिहास और अतीत को देखो। अतीत से वर्तमान बनता है तो वर्तमान से भविष्य को देखा जा सकता है परन्तु भविष्य को देखने के लिए भी अतीत को देखने की आवश्यकता होती है। इससे बढ़कर के पतंजलि के संदर्भ में, उसकी प्रमाणिकता के सन्दर्भ में, उसकी ट्रांसपेरेंसी के संदर्भ में, पारदर्शिता, गुणवत्ता और संकल्प, संकल्प से यह सिद्ध होता है कि पतंजलि का एक वैभवशाली इतिहास, अतीत और वर्तमान है। यहां पर पू.आचार्य श्री कहते है कि पूरी आबादी और आवाम की बात कर रहा हूँ कि यदि एक सिरे से किसी विधा को कोई करता है वह योग है। उसको करने वाले उसको इस दुनिया में पहुंचाने वाले अगर कोई हैं तो पूज्य स्वामी जी महाराज है।
पतंजलि का गौरवशाली अतीत जो स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा रहा है- हम यहाँ पर यह कह सकते हैं कि संख्या में 100 करोड़ हो या सवा सौ करोड़ परन्तु यदि बड़े परिपेक्ष में देखें सबको सबके दिलों में जो बसे हुए हैं वो पूज्य स्वामी जी महाराज हैं। कई सारे विधान से, भावनाओं से, मान्यताओं से और कई सारे विचारों से मतभेद होने के बाद भी कोई व्यक्ति किसी चीज को अपनाता है तो वह योग है। योग प्रत्येक व्यक्ति करता है। यह हमारे पतंजलि का गौरवशाली अतीत है जो स्वर्णाक्षरों में लिखा जा रहा है। हमारा इतिहास। स्वदेशी से समृद्धि, आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी के बाद आज हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं। हमारे न जाने कितने वीर, शहीद, क्रांतिकारियों ने अपना जीवन को खपा दिया, अपने जीवन को महाभारती के बलिवेदी पर आहूत कर दिया, इसी की संकल्पना के साथ हम सब भी उस स्वदेशी की संकल्पना के लिए आगे बढ़ रहे हैं। हम स्वदेशी को पढ़ते थे, पूज्य स्वामी जी महाराज उसे महसूस करते थे किन्तु गुरुकुल में हमारे पास साधना नहीं होता था और आगे भी इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे।
स्वदेशी तकनीक से बने उत्पादों को अपना ही भारतीयता है- हमको कोई बाहर की चीजों की आवश्यकता नहीं होती थी। हम लिस्ट बनाया करते थे कि विदेशी वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना है। हमको कपड़े धोने के साबुन की आवश्यकता पड़ती थी। कभी-कभी टूथपेस्ट लाया करते थे। उसको ढूंढने में भी हम सबको बहुत मुश्किल होती थी। सफेद-सफेद, गोल-गोल, चार भाई वाले ब्राण्ड के साबुन मिलते थे। पहले हरियाणा के गुरुकुल में तो उनको रगड़-रगड़ के हमारे कपड़े सफेद हो जाते थे, पर हमने सोचा हरे हो जाएँ, चाहे नीले हो जाएं या काले हो जाएं पर हमको धोना तो स्वदेशी से ही है। उस संकल्प के साथ में हम आगे बढ़े तो इसका अर्थ यह नहीं है कि हम किसी एमएनसी के या विदेशी के विरोधी हैं, पर हमारा कहना यह है कि कम-से-कम स्वदेशी तकनीकी से बनी हुई उत्पादों को अपनाना चाहिए और विदेशी चीजों को हमको अवाॅइड करना चाहिए। जहाँ तक तकनीकी की बात हो तो वहाँ भी हमें देश की तकनीक को श्रेय देना चाहिए। हमारे यहाँ बहुत सारी मशीनें विदेशी हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि हम तकनीक के विरोधी हैं, तकनीक को लेकर कहीं से भी हम काम करें। देश की तरक्की, उन्नति, वृद्धि के लिए हमको काम करना है। यह आत्मनिर्भर भारत का उद्भुत माॅडल है।
पूज्य आचार्य जी महाराज ने कहा कि हमें आत्म साधना से और राष्ट्र साधना को ध्यान में रखते हुए रुचि सोया के एफपीओ की घोषणा करते है। जोकि पूज्य स्वामी जी महाराज का सपना व संकल्प दोनों रहा हैं। इस संकल्प में सबको साथ लेकर चलना है, तभी यह कार्य पूरा हो पायेगा। सबका साथ, सबका विकास इसका सबसे बढ़िया माॅडल है। इस माॅडल में सबको सम्मिलित किया जा रहा है।
विदेशी कम्पनियों के लिए यह देश बाजार हो सकता है परन्तु पतंजलि के लिए यह देश परिवार है- पतंजलि रुचि सोया के एफपीओ की घोषणा के माध्यम से देश के अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जायेगा और उनकी भावनाओं का ख्याल भी रखा जायेगा। विदेशी कम्पनियों के लिए यह देश एक बाजार हो सकता है, पर पतंजलि के लिए यह देश एक परिवार है। तो परिवार के लिए हम कृतसंकल्पित है, सेवा करने के लिए, राष्ट्र आराधना के लिए और इस देश की समृद्धि का प्रतीक है, ‘रुचि सोया’ जोकि भारतीयता का ब्रांड है।
प्रतिकूलताओं को साधना बनाकर आगे बढ़ रहे हैं- पूज्य स्वामी जी महाराज एवं पूज्य आचार्य जी महाराज ने सबको शुभकामनाएं दी और सबको आवश्स्त भी किया और कहा कि जिसके कंधों पर यह बोझ है, वह है पूज्य स्वामी जी महाराज जो न कभी रूके, न कभी झुके, न उनकी दृढ़ता में न्यूनता आयी, यदि कभी प्रतिकूलताएं आई भी तो पतंजलि को पुनः नये मुकाम और नये अध्याय लिखने के लिए वह साधना बनकर खड़े दिखाई दिये। हमने प्रतिकूलताओं को कभी अपनी कमजोरी नहीं समझा। हमने इन्ही प्रतिकूलताओं को अपना साधन बनाया, जिस कारण पतंजलि परिवार यहाँ तक पहुँचा और आगे भी इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ेगे।
सबका साथ, सबका विकास इसका सबसे बढ़िया माॅडल है: पतंजलि- उन्होंने कहा कि आज यह रुचि सोया के एफपीओ की घोषणा हुई है और पूज्य स्वामी जी महाराज की यह सोच है कि हमें आत्म साधना से, राष्ट्र साधना को आरम्भ करना है। जब तक सबको साथ लेकर न चलें, यह कार्य पूरा नहीं हो सकता। सबका साथ, सबका विकास इसका सबसे बढ़िया माॅडल है। तो यहाँ सबको सम्मलित किया जा रहा है। आज यह घोषणा हुई की एफपीओ के माध्यम से देश के अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जायेगा और उनकी भावनाओं का ख्याल भी रखा जायेगा। दुनिया की कम्पनी के लिए यह देश एक बाजार हो सकता है पर पतंजलि के लिए यह देश एक परिवार है। तो परिवार के लिए हम कृत-संकल्प हैं, सेवा करने के लिए, राष्ट्र आराधना के लिए, राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए और इस देश की समृद्धि के लिए यह भारतीयता का ब्रांड है।
रुचि सोया के सी.ई.ओ. श्री संजीव अस्थाना जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि पूज्य स्वामी जी महाराज ने दिवालिया हो चुकी रुचि सोया कम्पनी का कोरोनाकाल में अधिग्रहण कर पुनः संजीवनी देने का कार्य किया है, जोकि कल्पना से परे की बात है। आपके कुशल नेतृत्व व रणनीति के माध्यम से रुचि सोया खाद्य तेल के क्षेत्र में विदेश खाद्य तेल कम्पनी का बड़ा विकल्प बनकर उभरी है। रुचि सोया आज लाखों किसानों को समृद्ध करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान बड़ी संख्या में पाॅम के वृक्ष लगाकर उससे पैदा होने वाले फल को रुचि सोया को बेचकर अपनी आय को दोगुनी करने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही भारत सरकार के साथ नई नीतियों पर कार्य करते हुए रुचि सोया कम्पनी भारतीय धन का संचय करते हुए स्वदेशी की राह पर आगे बढ़ रही है, क्योंकि पाम आॅयल को खरीदने के लिए भारत सरकार बहुत बड़ी धनराशि दूसरे देशों में आयात शुल्क के रूप में भेज रही है।
जैसा की सबको ज्ञात है कि पतंजलि, रुचि सोया के पास बहुत बड़े स्तर पर वितरण नेटवर्क है, जो छोटे-छोटे गांव से प्रारम्भ होकर बड़े से बड़े शहर में आसानी से देखने को मिल सकता है। आज रुचि सोया, पतंजलि के सभी उत्पाद बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। यही पतंजलि रुचि सोया का मजबूत वितरण नेटवर्क है। रुचि सोया आॅयल के साथ-साथ न्यूट्रीला न्यूट्रस्यूटिकल्स के क्षेत्र में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है। यहाँ पर विटामिन-बी, विटामिन-सी, प्राकृतिक घटकों से तैयार किया जा रहा है। आयरन, ओमेगा और मल्टीविटामिन, बी-काॅम्प्लेक्स के साथ कोलेजन प्राश पाउडर पूर्णतः प्राकृतिक साधनों से उपलब्ध करवाया जाता है।
कोरोना महामारी के बाद न्यूट्रास्यूटिकल्स के उत्पादों की श्रृंखला ने स्वास्थ्य लाभ के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव किया है। पतंजलि के ये उत्पाद 100 प्रतिशत शाकाहारी हैं। उनमें से बहुत से बाॅयो फर्मेटिड भी हैं, जिस कारण रुचि सोया के न्यट्रीला न्यूट्रस्यूटिल्स के उत्पादों की भारतीय बाजार ही नहीं विदेशी बाजार में भी स्वतः ही मांग बढ़ी है, यही पतंजलि की ताकत है।
विपरीत परिस्थितियों में रुचि सोया एफपीओ का नया कीर्तिमान- आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए स्वदेशी-स्वास्थ्य व देश की समृद्धि के लिए रुचि सोया की एफपीओ को अच्छा रिस्पांस मिला क्योंकि रुचि सोया के एफपीओ में शेयरों की कीमत मार्केट प्राइस से बहुत कम है। एक यही वजह है कि एनालिस्ट इस इश्यू को लेकर निवेशक बहुत उत्साहित है।
रुचि सोया के एफपीओ को मार्च को लांच किया गया चूंकि रुचि सोया पूज्य स्वामी जी महाराज की कम्पनी है इसलिए निवेशकों ने इसके शेयरों को हाथो-हाथ ले लिया पूज्य स्वामी जी महाराज कहना है कि खाद्य तेल को लेकर विदेशी निर्भरता और करोड़ों के आयात को रोककर देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले कर जाना है इसके लिए डेढ़ लाख एकड़ में पाम प्लांटेशन भी करेंगे। 24 मार्च 2022 से रुचि सोया का फाॅलोआन पब्लिक ऑफर खुला जो 28 मार्च 2022 को बंद हुआ इसमें उन्होंने एंकर निवेशकों के माध्यम से 1290 करोड़ रुपये जुटायें। पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद हम आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के साथ 4300 करोड़ का एफपीओ बाजार में लेकर आये है इसका मूल्य दायरा 615-650 रुपये है। उन्होंने कहा एफपीओ के माध्यम से हम शेयर धारकों को मुनाफा देने के साथ की बेहतरी के लिए कार्य करने के प्रति संकल्पित है।
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