वैलनेस सेंटर की उपलब्धियाँ: योगी जी
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पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने और आचार्य बालकृष्ण जी ने उत्तराखंड के यमकेश्वर विकास खंड में एक वेलनेस सेंटर की स्थापना की है। मैंने देखा है, पर्यावरण की गोद में अत्यंत मनमूग्ध मोहन प्राकृति चिकित्सा केंद्र बनाया गया है। मैं अभिनंदन करूँगा उनका कि उन्होंने एक अच्छे केंद्र को जो एक सूखी पहाड़ी पर जहां मौसम शांत और सुहावना आनंददायक क्षेत्र बना है। यहा का वातावरण पूर्व में सूखी पहाड़ी पर कुछ नहीं होता था, एकदम पथरीली पहाड़ी, पत्थर भी सामान्य नहीं मोटे-मोटे पत्थर जिसमें किसी का नंगा पैर पड़ जाए तो वो काटे बगैर छोड़ेगा नहीं। यहा आने पर मैंने देखा की पथरीली जमीन पर जैविक खाद्यों का उपयोग करके हरे-भरे फल, फूल जिसमें मैंने आड़ू खाया, खुमानी खाया, नींबू की अलग-अलग वैरायटी देखी, चालीस हजार वृक्ष चंदन के हैं, अरारोट, आंवला है, नींबू है, खुमानी है, ऐसी अलग-अलग वैरायटी की पूरा जंगल लहराता हुआ दिखाई दे रहा है। अन्य पहाड़ियों से उसकी तुलना करेंगे तो एक नई आध्यात्मिक दिव्य ओज वहां पर देखने को मिला है की किसी ऋषि की वास्तविक कर्म साधना का वास्तविक क्षेत्र बना हुआ है और कर्म क्षेत्र की साधना का जो क्षेत्र बना हुआ है उसकी ओज, उसका तेज उस पहाड़ी के अन्दर जो स्वतः स्फूर्त भाव के साथ जो देखने को मिला मुझे वो अद्भुत है। यमकेश्वरी केवल तीर्थ स्थल ही नहीं, वहां पर पर्यटन की संभावनाओं को विकसित करने के साथ-साथ वेलनेस सेंटर यानि अगर कोई बीमार व्यक्ति वहां पहुंच जायेगा तो वह अपने आप ठीक हो जायेगा, अगर किसी को लंग्स की बीमारी है और डाॅक्टर उसको मास्क लगाकर चलने के लिए कहते हैं और उसको थोड़े से पाॅल्यूशन में खांसी आने लगती है वो एक सप्ताह यहां पर रह जाये तो खांसी दूर हो जाएगी और लंग्स फिर से मजबूती पकड़ने लग जायेंगे। यह वैलनेस सेंटर बहुत ही रमणीय स्थल के रुप में विकसित किया है। उत्तराखंड के पलायन को रोकने, आयुर्वेद जड़ी-बूटी के उत्पादन और उत्तराखंड के अंदर आत्मनिर्भर भारत बनाने की प्रधानमंत्री मोदी जी की परिकल्पना साकार करने के ध्यय को ध्यान में रखते हुए इस नेचुरोपैथी सेंटर को स्थापित किया गया है और ऐसे ही अनेक सेंटरों का विकास होना चाहिए। जो उत्तराखंड के नौजवानों को रोजगार और नौकरी तो देगा ही साथ-साथ आरोग्यता के लिए उत्तराखंड की भूमि पर देश को आमंत्रित करेगा। एक तरफ चार-धाम की यात्रा चलेगी और दूसरी तरफ आरोग्यता की यात्रा चलेगी एक साथ जब दोनों बढ़ेंगे, हम आस्था के साथ-साथ आरोग्यता को भी जोड़के इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे तो उसके बेहतरीन परिणाम देखने को मिलेंगे। बहुत अच्छा प्रयास हुआ है, मैं उसके लिए स्वामी जी महाराज का और आचार्य जी महाराज का हृदय से अभिनंदन करता हूँ कि इन्होनें उस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।
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