चिकित्सा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पतंजलि योगपीठ की सेवायें
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परम पूज्य स्वामी जी महाराज व श्रद्धेय आचार्य श्री महाराज के सान्निध्य में पतंजलि योगपीठ द्वारा विगत 30 वर्षों से हजारों की संख्या में देश के 400 से अधिक जिलों व 3 हजार से अधिक तहसीलों में निःशुल्क योग विज्ञान एवं योग चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दुनिया के 200 करोड़ से अधिक लोगों तक योग व स्वस्थ जीवन शैली का प्रशिक्षण दिया गया, परम पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने स्वयं लाखों रोगियों की अपने हाथों से चिकित्सा की।
कोरोना काल में भारत की योग-आयुर्वेद से आत्मनिर्भरता- एक छोटे से नंगी आँखों से न दिखने वाले कोरोना वायरस ने हेल्थ सेक्टर व इन्स्टक्चर में करोड़ों रुपये खर्च करने वाले अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी आदि जैसे देशों में में भयंकर तबाही मचायी वहीं दूसरी तरफ भारत में पतंजलि योगपीठ के प्रयासों से योग व आयुर्वेद से मृत्यु दर सबसे कम रही व लोगों ने घर पर ही अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर अपने आपको स्वस्थ किया।
परम पूज्य स्वामी जी महाराज ने इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया से लाखों लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व घरेलू उपचारों से लोगों को आत्मनिर्भर बनाया है।
निःशुल्क योग शिविर-
पतंजलि योगपीठ के विभिन्न संगठनों के लाखों कार्यकर्ता देश के ग्रामीण इलाकों से लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों में आनलाईन व आफलाईन प्रतिवर्ष हजारों योग शिविरों का आयोजन करके लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वावलम्बी बना रहे हैं।
निःशुल्क योग कक्षा-
पूरे देश में एक लाख से अधिक निःशुल्क योग कक्षायें पतंजलि योगपीठ परिवार के योग शिक्षकों द्वारा संचालित की जा रही हैं। जिसमें लाखों लोग योग सीखकर स्वस्थ जीवन शैली का पालन करके बीमारियों से अपने आप को बचाकर देश की उत्पादकता को बढ़ा रहे हैं।
पतंजलि आयुर्वेद चिकित्सालय-
देशभर में 2000 से अधिक पतंजलि चिकित्सालयों पर आयुर्वेद के सुयोग्य वैद्य रोगियों को निःशुल्क योग आयुर्वेद व स्वस्थ जीवन शैली के विषय में अपना मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
पतंजलि अनुसंधान संस्थान-
योग, आयुर्वेद, वैदिक विज्ञान पर शोध करने के लिए पतंजलि अनुसंधान संस्थान बनाया गया है जिसमें हजारों वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, आयुर्वेद पर एनिमल एण्ड क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल कर रहे हैं।
पतंजलि आयुर्वेद कालेज-
प्राचीन भारतीय विद्या आयुर्वेद को पूरे विश्व में वैज्ञानिक मापदंडों पर स्थापित करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों को तैयार किया जाता है।
पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास (जैविक कृषि)-
भारत को स्वस्थ बनाने के लिए जैविक खेती पर तथा कुदरती खेती पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान करके देश को पेस्टिसाइड के जहर से बचाना व किसानों को स्वावलंबी बनाना।
पतंजलि आयुर्वेद व दिव्य फार्मेसी-
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की प्रतिष्ठापना व प्रत्यक्ष रुप से 1 लाख युवाओं को रोजगार और परोक्ष रुप से 5 लाख किसानों को स्वावलंबन दिया है व उपचार तथा जन-जन को मिलावट रहित शुद्ध आहार मिले इसके लिए पतंजलि आयुर्वेद व दिव्य फार्मेसी सेवा कर रही है।
योगग्राम-
योगग्राम विश्व के सबसे बड़े योग ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा, एक्युप्रेशर चिकित्सा मनोचिकित्सा, यज्ञ चिकित्सा का संस्थान-भोगी, रोगी यहाँ पूर्ण स्वस्थ व योगी बन जाते हैं।
योग प्रचारक प्रकल्प-
योग प्रचारक प्रकल्प के 600 से अधिक कर्मनिष्ठ भाई-बहनों के अहर्निश योग आयुर्वेद और स्वदेशी के प्रचार-प्रसार से गाँव गाँव जाकर निःशुल्क योग शिविर निःशुल्क योग कक्षाएं विद्यालय में बाल संस्कार शिविर व आरोग्य सभाओं का आयोजन कर रहे हैं।
विदेशों में योग प्रचार-
विदेशों में योग प्रचार 35 से अधिक देशों में प्रत्यक्ष रूप से तथा लगभग 200 देशों में आधुनिक संचार माध्यमों से पूज्य स्वामी जी महाराज ने योग आयुर्वेद में भारतीय संस्कृति का प्रचार किया है।
इसके साथ-साथ पतंजलि योगपीठ के प्रमुख संस्थान-
पतंजलि योगपीठ-प्रथम चरण, पतंजलि आयुर्वेद चिकित्सालय-अत्याधुनिक परीक्षण, षट्कर्म व पंचकर्म की व्यवस्था, आई.पी.डी. (अंतरंग विभाग), पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय, पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि हर्बल गार्डन/दिव्य नर्सरी, पतंजलि योगपीठ-द्वितीय चरण, वानप्रस्थ आश्रम, महर्षि वाल्मीकि लंगर, आचार्यकुलम्, पतंजलि गुरुकुलम्, वैदिक गुरुकुलम्, वैदिक कन्या गुरुकुलम्, आवासीय शिक्षण संस्थानम्, गुरुकुल गौशाला फार्म, कृपालु बाग आश्रम, कनखल, दिव्य फार्मेसी, पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि फूड एण्ड हर्बल पार्क, आपदा राहत में सेवा कार्य- बिहार बाढ़ राहत, उत्तराखण्ड आपदा, नेपाल भूकम्प आपदा, कश्मीर बाढ़ आपदा इत्यादि संस्थान मानव सेवा, राष्ट्रसेवा के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में निरन्तर सेवारत है।
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