आचार्यकुलम् में मनाया गया दीक्षारोहण समारोह

आचार्यकुलम् में मनाया गया दीक्षारोहण समारोह

  • प्रतिकूलताओं में भी अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ के महामंत्र को चरितार्थ करना ही मोक्ष है: स्वामी जी
  • आचार्यकुलम् के विद्यार्थी भ्रम और पाखंडों से विश्व को मुक्त कर, श्रेय और प्रेय का सन्मार्ग दिखाएँगे: आचार्य श्री
   हरिद्वार। परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज व परमश्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के शैक्षिक तपोवन आचार्यकुलम् में द्वितीय दीक्षारोहण समारोह बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया।
     समारोह में सर्वप्रथम परमपूज्य स्वामी जी महाराज व परमश्रद्धेय आचार्यश्री सहित सभी महाविभूतियों का भव्य दिव्य पारंपरिक पूर्ण कुम्भ तथा संस्थान के निदेशक द्वारा स्वागत भाषण के माध्यम से औपचारिक स्वागत किया गया। आप सभी की उपस्थिति में 10 कुण्डीय यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें कक्षा बारहवीं के विज्ञान, वाणिज्य व मानविकी संकाय के क्रमशः 25-15, 13-0411-08 छात्र-छात्राओं सहित कुल 76 विद्यार्थियों ने अपने आचार्यों व विशिष्ट अतिथियों के साथ आहुतियाँ समर्पित की। तदुपरांत उत्तराखंड के मानचित्र पर स्थित प्रतीकात्मक ज्ञानदीप को पूज्य स्वामी जी महाराज सहित विशिष्ट आगंतुकों द्वारा प्रज्वलित किया गया जिससे अपने-अपने दीपों को प्रज्वलित कर विद्यार्थियों ने सम्पूर्ण विश्व में ज्ञान के प्रसार का संकल्प लिया और परस्पर ज्योतिमालिका बनाई। संस्थान की परम संरक्षिका डाॅ. ऋतंभरा शास्त्री जी, निदेशक श्री कुलभूषण केन जी व प्राचार्या श्रीमती आराधना कौल जी द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी को परमपूज्य स्वामी जी महाराज के करकमलों से परमश्रद्धेय आचार्य श्री द्वारा रचित एक वेद की शिक्षाएँ पुस्तक तथा एक आस्था-हवन सेट वैदिक परम्पराओं के सतत् निर्वहन हेतु प्रदान कराया गया। अंततः समस्त अभिभावकों व अतिथियों ने सुमन वृष्टि कर विद्यार्थियों को उनकी आगामी बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोत्तम प्रतिशतांक प्राप्ति व सफल भावी जीवन हेतु अनंतानंत शुभाशीष प्रदान किया।
    इस सुअवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. महावीर अग्रवाल जी, साध्वी देवप्रिया जी, श्री राकेश कुमार जी, स्वामी परमार्थदेव जी, स्वामी आर्षदेव जी, श्री एल. आर. सैनी जी, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री जी, डाॅ. दीनदयाल जी व डाॅ. श्वेतांक आर्य जी समेत संस्थान के सभी आचार्य, कर्मचारी व विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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