पतंजलि के हर कार्य का आधार सेवा: आचार्य श्री

पतंजलि के हर कार्य का आधार सेवा: आचार्य श्री

  हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ ने रुड़की के सात राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के प्रधनाचार्यों को 900 छात्रा-छात्राओं के बैठने के लिए पफर्नीचर प्रदान किया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट  नितिका खंडेलवाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों को अच्छे इंप्रफास्ट्रक्चर की आवश्यकता है। इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूल काफी पिछड़े हुए हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधओं का अभाव है। सरकारी स्कूल के बच्चों में स्कूलों की खस्ता हालत के कारण हीन भावना व्याप्त है। पतंजलि के इस अनूठे प्रयास से उनके मन में नई…

 

हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ ने रुड़की के सात राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के प्रधनाचार्यों को 900 छात्रा-छात्राओं के बैठने के लिए पफर्नीचर प्रदान किया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट  नितिका खंडेलवाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों को अच्छे इंप्रफास्ट्रक्चर की आवश्यकता है।

इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूल काफी पिछड़े हुए हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधओं का अभाव है। सरकारी स्कूल के बच्चों में स्कूलों की खस्ता हालत के कारण हीन भावना व्याप्त है। पतंजलि के इस अनूठे प्रयास से उनके मन में नई उमंग और नया उत्साह जगेगा। कहा कि पतंजलि के प्रत्येक कार्य का आधर सेवा है। पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि पतंजलि के लाखों योग शिक्षक पतंजलि योग समिति के माध्यम से प्रतिदिन एक लाख निःशुल्क योग कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रा में पतंजलि की क्रांति से लाखों किसान लाभांवित हो रहे हैं। रोजगार के क्षेत्र में मात्र हरिद्वार में ही पतंजलि ने 25 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है, वहीं पूरे देश में लगभग एक लाख व्यक्तियों का प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। देशभर में 15 सौ से ज्यादा पतंजलि चिकित्सालयों पर प्रतिदिन 50 हजार रोगियों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि भारी भरकम डोनेशन देने के बाद जो व्यक्ति डॉक्टर बनता है वह अपने परिवार का कर्ज उतारने के लिए अपने नैतिक मूल्यों से समझौता कर लेता है। इस विकृति को समाप्त करने के लिए पतंजलि ने पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना की। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीकांत पुरोहित, आचार्यकुलम् के निर्देशक एल.आर. सैनी आदि मौजूद रहे।

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